शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने

बफे अपने निजी जीवन में जिस तरह बहुत कम पैसे खर्च करते हैं, उसी तरह बफे किसी कंपनी के स्टॉक खरीदते समय भी अच्छे सौदे की तलाश में रहते हैं। बर्कशायर हैथवे स्टॉक खरीदने से पहले जिन चीजों पर ध्यान देता है उनमें शामिल है कंपनी का प्रदर्शन, शेयरों की कीमत, इसका प्रॉफिट मार्जिन और डेट, कमॉडिटी पर निर्भरता और यह कि कंपनी पब्लिक है या नहीं। बर्कशायर का बेहतरीन पोर्टफोलियो वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांतों और कुछ क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों के लिए विशेष आकर्षण पर आधारित है।
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शेयर खरीदने का सही समय क्या हैं? ये सवाल अधिकतर निवेशकों के मन में हमेशा रहता हैं। क्योंकि कभी कभी गलत समय पर शेयर खरीदकर पछताना पड़ता हैं, तो कई बार गलत समय पर शेयर बेचकर भी पछताना पड़ता हैं। इसलिए यदि शेयर बाजार में एक सफल निवेशक बनना हैं तो आपको शेयर खरीदने व बेचने के सही समय के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हैं।
आपको मालूम होना चाहिए कि शेयर को कब खरीदना हैं और कब बेचना हैं। यदि आप इतना कर पाते हैं तो आप शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं बल्कि निवेश के जरिए मुनाफा कमाना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
शेयर बाजार अच्छी खासी कमाई करने के मौके देता हैं मगर कई बार इन मौकों को पहचानने में गलती कर बैठते हैं, जिसके चलते नुकसान भुगतना पड़ता हैं। यदि कुछ खास बातों का ध्यान रखकर शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी व बिकवाली की जाए तो अच्छा मुनाफा भी मिल सकता हैं।
शेयर बाजार में शेयर खरीदने का सही समय
शेयर बाजार में खरीदारी करने का उद्देश्य लंबे समय के लिए शेयर होल्ड करने का होना चाहिए। जैसा कि बड़े इन्वेस्टर्स भी यही बात बताते हैं कि शेयर बाजार में लंबे समय के निवेश पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखकर शेयरों की खरीदारी करना अच्छा साबित हो सकता हैं।
अधिकतर निवेशक बाजार की गिरावट को देखकर घबराने लगते हैं मगर बहुत से सुलझे हुए निवेशकों के लिए बाजार की गिरावट शेयर खरीदने का अच्छा समय होता हैं क्योंकि बाजार में जब गिरावट आती है तो शेयरों की कीमत कम रहती हैं। जिसके चलते शेयरों को कम कीमत में खरीदने का मौका होता हैं। इस समय कम निवेश के जरिए ज्यादा शेयर खरीदें जा सकते हैं। अब जैसे ही बाजार की स्थिति ठीक होगी, शेयर अच्छा मुनाफा दिलाएंगे। हालांकि गिरावट कुछ लंबे समय के लिए भी रह सकती हैं जिसके लिए धैर्य रखना बेहद जरूरी हैं।
पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदें
एक समझदार निवेशक होने के नाते यह बात बिल्कुल साफ होनी चाहिए कि आप जिस कंपनी के शेयरों में पैसा निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी के बारे में आपको सबकुछ मालूम हैं या नहीं। यदि आप उस कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के बाद निवेश का फैसला कर रहे हैं तो आप निश्चित ही उस स्टाॅक से मुनाफा कमाएंगे। पूरी एनालिसिस करने के बाद खरीदें गये शेयरों के प्रति बाजार के उतार चढ़ाव से आप घबराएंगे नहीं। क्योंकि आपको मालूम होगा कि इस कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और इसका स्टाॅक कुछ समय के बाद अच्छा प्रदर्शन करेगा। और आप लंबे समय तक शेयर होल्ड कर पाएंगे। और लंबे समय की निवेश अवधि में अच्छा मुनाफा कमा पाओगे। अतः स्टाॅक के बारे में पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदने का सही समय होता हैं।
लगभग सभी कंपनियां हर तिमाही में कंपनी के कारोबार व फाइनेंशियल से संबंधित जानकारी साझा करती हैं। यदि कंपनी ने बीते तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया हैं और भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना हैं तो उस कंपनी के शेयरों को खरीदना अच्छा विकल्प होगा। और यदि कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं, और आगे भी कंपनी के कारोबार को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं तो आपके लिए शेयरों से दूर रहना ही अच्छा होगा।
अपने लक्ष्य के अनुसार निवेश करें
यदि आपने कोई लक्ष्य निर्धारित किया हैं तो अपने लक्ष्य पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी हैं, आपको मालूम होना चाहिए कि लक्ष्य कितने समय में हासिल किया जा सकता हैं। यदि आप समय रहते निवेश नहीं करते हैं तो आपको लक्ष्य तक पहुंचने में ज्यादा समय लग सकता हैं। इसलिए शेयर बाजार में सही समय का इंतजार करना, समय को गंवाना जैसा हैं। अच्छे शेयरों में कभी भी निवेश किया जा सकता हैं। इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं होता हैं। हालांकि शेयर बाजार में उतार चढ़ाव हमेशा ही आते रहेंगे इसलिए अपने निवेश के लिए सही समय वर्तमान ही हो सकता हैं।
अस्वीकरण: इस पेज में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं। इसके बावजूद भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें। निवेश से होने शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने वाले लाभ या हानि का जिम्मेदार पैसावालेडाॅटइन नहीं होगा।
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शेयर खरीदने का सही समय क्या हैं? ये सवाल अधिकतर निवेशकों के मन में हमेशा रहता हैं। क्योंकि कभी कभी गलत समय पर शेयर खरीदकर पछताना पड़ता हैं, तो कई बार गलत समय पर शेयर बेचकर भी पछताना पड़ता हैं। इसलिए यदि शेयर बाजार में एक सफल निवेशक बनना हैं तो आपको शेयर खरीदने व बेचने के सही समय के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हैं।
आपको मालूम होना चाहिए कि शेयर को कब खरीदना हैं और कब बेचना हैं। यदि आप इतना कर पाते हैं तो आप शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं बल्कि निवेश के जरिए मुनाफा कमाना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
शेयर बाजार अच्छी खासी कमाई करने के मौके देता हैं मगर कई बार इन मौकों को पहचानने में गलती कर बैठते हैं, जिसके चलते नुकसान भुगतना पड़ता हैं। यदि कुछ खास बातों का ध्यान रखकर शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी व बिकवाली की जाए तो अच्छा मुनाफा भी मिल सकता हैं।
शेयर बाजार में शेयर खरीदने का सही समय
शेयर बाजार में खरीदारी करने का उद्देश्य लंबे समय के लिए शेयर होल्ड करने का होना चाहिए। जैसा कि बड़े इन्वेस्टर्स भी यही बात बताते हैं कि शेयर बाजार में लंबे समय के निवेश पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखकर शेयरों की खरीदारी करना अच्छा साबित हो सकता हैं।
अधिकतर निवेशक बाजार की गिरावट को देखकर घबराने लगते हैं मगर बहुत से सुलझे हुए निवेशकों के लिए बाजार की गिरावट शेयर खरीदने का अच्छा समय होता हैं क्योंकि शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने बाजार में जब गिरावट आती है तो शेयरों की कीमत कम रहती हैं। जिसके चलते शेयरों को कम कीमत में खरीदने का मौका होता हैं। इस समय कम निवेश के जरिए ज्यादा शेयर खरीदें जा सकते हैं। अब जैसे ही बाजार की स्थिति ठीक होगी, शेयर अच्छा मुनाफा दिलाएंगे। हालांकि गिरावट कुछ लंबे समय के लिए भी रह सकती हैं जिसके लिए धैर्य रखना बेहद जरूरी हैं।
पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदें
एक समझदार निवेशक होने के नाते यह बात बिल्कुल साफ होनी चाहिए कि आप जिस कंपनी के शेयरों में पैसा निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी के बारे में आपको सबकुछ मालूम हैं या नहीं। यदि आप उस कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के बाद निवेश का फैसला कर रहे हैं तो आप निश्चित ही उस स्टाॅक से मुनाफा कमाएंगे। पूरी एनालिसिस करने के बाद खरीदें गये शेयरों के प्रति बाजार के उतार चढ़ाव से आप घबराएंगे नहीं। क्योंकि आपको मालूम होगा कि इस कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और इसका स्टाॅक कुछ समय के बाद अच्छा प्रदर्शन करेगा। और आप लंबे समय तक शेयर होल्ड कर पाएंगे। और लंबे समय की निवेश अवधि में अच्छा मुनाफा कमा पाओगे। अतः स्टाॅक के बारे में पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदने का सही समय होता हैं।
लगभग सभी कंपनियां हर शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने तिमाही में कंपनी के कारोबार व फाइनेंशियल से संबंधित जानकारी साझा करती हैं। यदि कंपनी ने बीते तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया हैं और भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना हैं तो उस कंपनी के शेयरों को खरीदना अच्छा विकल्प होगा। और यदि कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं, और आगे भी कंपनी के कारोबार को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं तो आपके लिए शेयरों से दूर रहना ही अच्छा होगा।
अपने लक्ष्य के अनुसार निवेश करें
यदि आपने कोई लक्ष्य निर्धारित किया हैं तो अपने लक्ष्य पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी हैं, आपको मालूम होना चाहिए कि लक्ष्य कितने समय में हासिल किया जा सकता हैं। यदि आप समय रहते निवेश नहीं करते हैं तो आपको लक्ष्य तक पहुंचने में ज्यादा समय लग सकता हैं। इसलिए शेयर बाजार में सही समय का इंतजार करना, समय को गंवाना जैसा हैं। अच्छे शेयरों में कभी भी निवेश किया जा सकता हैं। इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं होता हैं। हालांकि शेयर बाजार में उतार चढ़ाव हमेशा ही आते रहेंगे इसलिए अपने निवेश के लिए सही समय वर्तमान ही हो सकता हैं।
अस्वीकरण: इस पेज में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं। इसके बावजूद भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें। निवेश से होने वाले लाभ या हानि का जिम्मेदार पैसावालेडाॅटइन नहीं होगा।
Face Value Meaning in Hindi
Face Value Meaning in Hindi फेस वैल्यू क्या है शेयरों के संदर्भ में यह जानना और समझना बहुत आवश्यक है कि फेस वैल्यू क्या है किसी शेयर की वैल्यूएशन अथवा बाजार भाव से इसका क्या सम्बन्ध है. यहाँ हम यह भी समझेंगे की किस तरह यदि शेयर स्प्लिट Split होता है तो इसका शेयर की फेस वैल्यू पर क्या असर पड़ता है और शेयर के स्प्लिट होने पर उसके बाजार भाव पर क्या असर पड़ सकता है.
Face Value Meaning In Hindi
शेयर की वास्तविक कीमत होती है जो कि शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित रहती है उसे अंकित मूल्य यानी Face Value कहते हैं। यदि अबस कंपनी की कुल शेयर पूँजी दो करोड़ रुपये है और वह दस रुपये प्रति शेयर के बीस लाख शेयर जारी करती है तो दस रुपये अबस कंपनी के शेयर की Face Value यानी अंकित मूल्य होगी. Face Value को पार वैल्यू Par Value या केवल पार भी कहते हैं.
अब यदि अबस कंपनी का शेयर बाजार में सूचिबध होने के बाद मांग बढ़ने के कारण शेयर बाजार में बढ़ कर रुपये 15 हो जाता है तो अब इसे प्रीमियम वैल्यू या अबव पार Above Par कहेंगे. और यदि शेयर की बाजार कीमत घट कर आठ रुपये रह जाती है तो इसे डिस्काउंट वैल्यू या बिलो पार Below Par कहेंगे. दस रुपये के शेयर की कीमत यदि बाजार में भी दस रुपये ही है तो इसे एट पार At Par कहेंगे. इसे भी पढ़ें IPO क्या है।
निवेश से पहले Face Value ज़रूर देखें
अक्सर शेयर खरीदते समय खरीददार शेयर की Face Value चैक नहीं करते. ध्यान दीजिये की यदि ए कंपनी का एक रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है और बी कंपनी का दस रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है तो इसका क्या मतलब होगा? इसका मतलब यह होगा कि ए कंपनी का शेयर अपनी Face Value से बीस गुना कीमत पर बिक रहा है और बी कंपनी का शेयर अपनी फेस वैल्यू से दो गुना कीमत पर बिक रहा है. यानि ए कंपनी का शेयर बी कंपनी के मुकाबले अधिक प्रीमियम पर बिक रहा है.
कंपनी अपने शेयर की Face Value को बदल भी सकती है. कम्पनियां अपने शेयर को स्प्लिट Split यानी विभाजित कर उसके फेस वैल्यू को बदल सकती है. कल्पना कीजिये की यदि आपके पास अबस कंपनी के दस रुपये फेस वैल्यू के सौ शेयर हैं और उनका बाजार भाव पचास रुपये प्रति शेयर है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करके उनकी फेस वैल्यू को पांच रुपये प्रति शेयर कर देती है. ऐसी स्थिती में कम्पनी आपके दस रुपये फेस वैल्यू वाले सौ शेयरों को पांच रुपये फेस वैल्यू के दो सौ शेयरों में परिवर्तित कर देगी. अब आपके शेयर का बाजार भाव भी कम हो कर पच्चीस रुपये प्रति शेयर के आस पास हो जाने की संभावना है.
शेयर Split का फेस वैल्यू पर असर
अधिकतर स्प्लिट होने के बाद शेयरों का बाजार भाव उसी अनुपात में नहीं घटता जिस अनुपात में Face Value घटती है. इसीलिए संभावना है की इस उदहारण में स्प्लिट होने के बाद शेयर की बाजार कीमत पच्चीस रुपये से अधिक होगी. अक्सर कम्पनियाँ अपने शेयरों की बाजार में कीमत बहुत अधिक हो जाने पर शेयरों को स्प्लिट करतीं हैं जिससे उनके शेयरों की कीमत छोटे निवेशकों की पहुँच में रहे और वे इन शेयरों में निवेश कर शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने सकें.
फेस वैल्यू क्या है Face Value meaning in Hindi और इसका क्या महत्व है यह मैंने यहाँ आसान हिंदी में समझाने की कोशिश की है.
अमेरिकन एक्सप्रेस
बैंक ऑफ अमेरिका के अलावा, अमेरिकन एक्सप्रेस शीर्ष पांच में जगह बनाने वाली दूसरी वित्तीय कंपनी है बर्कशायर के पोर्टफोलियो में स्टॉक। वॉरेन बफे के पोर्टफोलियो में 6.5 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकन एक्सप्रेस का है और उनके पास इसके 15.16 करोड़ शेयर हैं जिनका मूल्य सितम्बर 2020 में 14.4 अरब डॉलर है। बफे के पास अमेरिकन एक्सप्रेस में1963 से हिस्सेदारी है, और उन्होंने कंपनी को कई संकटों से निपटने में मदद की है। बर्कशायर ने शुरुआत में अमेरिकन एक्सप्रेस के 15.16 करोड़ शेयर खरीदने के लिए 1.28 अरब डॉलर लगाए थे। 2020 के अंत में इनका मूल्य 18.33 बिलियन डॉलर हो गया।
बर्कशायर हैथवे और 3जी कैपिटल ने 2013 में 28 अरब डॉलर में एचजे हेन्ज़ कंपनी का अधिग्रहण किया था जिसका बाद में क्राफ्ट के साथ विलय हो गया। पिछले कुछ साल में हालांकि कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है लेकिन लगता है कि बफे को कंपनी में पूरा भरोसा है। मर्जर से डेट बढ़ा जिसने इसके मार्केटिंग ऑपरेशन और इनोवेशन को और सीमित कर दिया। सितंबर 2020 में, बफे की फर्म के पास 9.5 अरब डॉलर के 32.56 करोड़ शेयर थे, जो पूरे वॉरेन बफे पोर्टफोलियो का 4.2 प्रतिशत है। मार्च में यह बर्कशायर के निवेश का 4.5 प्रतिशत था, जिसकी कीमत 13 अरब डॉलर थी।
निवेश रणनीति
बफे और उनकी फर्म का ध्यान वैल्यू इन्वेस्टिंग पर होता है, जिसके तहत ट्रेडर ऐसे स्टॉक खरीदना चाहता है जिनकी कीमत उनकी इंट्रिंज़िक वैल्यू से कम होती है - या जो अंडरवैल्यूड शेयर होते हैं। कंपनी के फंडामेंटल का आकलन और यह अंदाज़ा लगा कर कि मौजूदा मार्केट वैल्यू उचित है या नहीं, इन्वेस्टर यह निर्धारित कर सकता है कि शेयर अंडरवैल्यूड है या नहीं। यदि शेयर अपने इंट्रिंज़िक वैल्यू से कम कीमत पर ट्रेड कर रहा होता है तो वैल्यू इन्वेस्टर उन्हें खरीदता है। यदि अधिक इन्वेस्टर्सों को उनके मूल्य का एहसास हो तो भविष्य में ये कीमत बढ़ सकती है।
अब कुछ इन्वेस्टर्स का मानना है कि स्टॉक हमेशा फेयर वैल्यू पर ट्रेड करते हैं और इससे अंडरवैल्यूड शेयर की पहचान और खरीद मुश्किल हो जाती है जिन्हें बात में ऊंची कीमत पर बेचा जा सके। हालांकि, बफे का मानना है कि बाजार आखिरकार इन अंडरवैल्यूड शेयरों को उचित तरीके से देखने लगता है। इसके अलावा, वह एक में निवेश करने में विश्वास करता है अपनी समग्र क्षमता के आधार पर लंबी अवधि के लिए कंपनी। पूंजीगत लाभ के बजाय, उनका ध्यान हिस्सेदारी के मालिक होने पर है उन कंपनियों में जिनके पास अच्छी कमाई करने का वादा है।
How To Invest in Share Market in Hindi,शेयर बाज़ार में निवेश कैसे करे ?
आजकल शेयर मार्केट में निवेश करना बहुत आसान हो गया है.आप आसानी से घर बैठे अपना Demat Account और Trading Account खोलकर शेयर बाज़ार में ट्रेड करना शुरू कर सकते है.या फिर आप किसी Share Market Agents ( Brokers ) के पास जाकर भी अपना अकाउंट खोलकर निवेश शुरू कर सकते है.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने वाले है जिनकी पालना करने से आप शेयर बाज़ार में निवेश करना आसानी से सीख जायेंगे जिससे आपके रिस्क का चांस कम होकर मुनाफा कमाने का प्रतिशत बढ़ सकता है.
1 - शेयर मार्केट के बारे में सीखे,छोटी से बड़ी सब बातो पर ध्यान दे - शेयर बाज़ार रातो रात आपको करोड़पति भी बना सकता है और भिखारी भी बना सकता है.लेकिन आपको मुनाफा होगा या घाटा यह आपके अनुभव पर निर्भर करता है.
आपके पास जितना ज्यादा अनुभव होगा शेयर बाज़ार में उतना रिस्क कम हो जायेगा.क्योकि एक अनुभवी निवेशक दूर द्रष्टि रखता है जिससे उसको अनुमान हो जाता है की किस शेयर में निवेश करता है और किस शेयर में निवेश नहीं करता है.