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किस समय सीमा को चुनना है?

किस समय सीमा को चुनना है?
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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढ़ाएं?

आजकल ज्यादातर लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड रोजमर्रा की ज़िंदगी का ज़रूरी हिस्सा बन गया है। लोगों को ये बात जाननी होगी कि क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने की एक सीमा होती किस समय सीमा को चुनना है? है। आप ये अच्छे से जानते हैं कि आप अपने क्रेडिट कार्ड से असीमित राशि खर्च नहीं कर सकते। क्रेडिट कार्ड में एक लिमिट होती है जिससे ज्यादा आप खर्च नहीं कर सकते। यह आपकी खरीदने की क्षमता पर रोक लगा सकता है।

ऐसी कई चीजें हैं जो इस क्रेडिट कार्ड के लिमिट को निर्धारित करती हैं; यह एक कार्ड से दूसरे कार्ड में और यहां तक कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए भी अलग-अलग हो सकती हैं। बैंक आपकी पेमेंट की एबिलिटी को ध्यान में रखकर आपकी लिमिट सेट करता है। वे जिन फैक्टर्स को ध्यान में रखते हैं, वह है आपकी इनकम - आपकी इनकम जितनी अधिक होगी आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी उतनी अधिक होगी। दूसरी चीज़ जो वे देखते हैं वह है आपका क्रेडिट स्कोर, जो आपके लोन रीपेमेंट किस समय सीमा को चुनना है? के रिकॉर्ड पर निर्भर करता है। आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, आपकी क्रेडिट सीमा उतनी ही ज्यादा होगी।

जानिए एमएलसी का पूरा गणित, एक ऐसा चुनाव जिसमें सिर्फ शिक्षित लोग ही डाल सकते हैं वोट

एमएलसी चुनाव का पूरा गणित

उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां विधानसभा के साथ विधान परिषद (एमएलसी ) का भी अस्तित्व है। इसी के लिए मंगलवार को प्रदेश में मतदान हुआ। इसे शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के चुनाव भी कहा जाता है। हमारेे देश का संचालन दो सदनों पर निर्भर करता है। केंद्र में इन्हें लोकसभा और राज्यसभा के नाम से जाना जाता है तो राज्य में विधानसभा और विधान परिषद के नाम से। हमारे देश में छह राज्य ऐसे हैं जहां विधान परिषद हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (100 सीटें), महाराष्ट्र (78 सीटें), कर्नाटक (75 सीटें), बिहार (58 सीटें) और तेलंगाना (40 सीटें) शामिल है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां विधानसभा के साथ विधान परिषद (एमएलसी ) का भी अस्तित्व है। इसी के लिए मंगलवार को किस समय सीमा को चुनना है? प्रदेश में मतदान हुआ। इसे शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के चुनाव भी कहा जाता है। हमारेे देश का संचालन दो सदनों पर निर्भर करता है। केंद्र में किस समय सीमा को चुनना है? इन्हें लोकसभा और राज्यसभा के नाम से जाना जाता है तो राज्य में विधानसभा और विधान परिषद के नाम से। हमारे देश में छह राज्य ऐसे हैं जहां विधान परिषद हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (100 सीटें), महाराष्ट्र (78 सीटें), कर्नाटक (75 सीटें), बिहार (58 सीटें) और तेलंगाना (40 सीटें) शामिल है।

आखिर क्यों होते हैं ये चुनाव?
हमारे देश का लोकतंत्र प्रतिनिधित्व के सिद्धांत पर चलता है। ऐसे में संविधान निर्माताओं ने इस बात को सुनिश्चित करना चाहा कि भारत के निर्माण में शिक्षकों और स्नातकों की भूमिका होनी चाहिए। विधान परिषद की संरचना और उसका गठन करते समय संविधान निर्माताओं ने इस प्रावधान को शामिल किया था और उसी समय से ये चुनाव हो रहे हैं। शिक्षकों और स्नातकों के कोटे से चुने किस समय सीमा को चुनना है? गए एमएलसी को भी विधायक जितनी ही शक्तियां हासिल होती हैं।

15 अगस्त को ही क्यों आजादी का दिन मनाते हैं, क्या थी इस तारीख को चुनने की वजह

aajtak.in

Independence Day 2021: देश में स्‍वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है. 15 अगस्‍त 1947 किस समय सीमा को चुनना है? ये वो दिन है जब हमें आजादी मिली. आपको बता दें कि आजादी आधी रात के समय मिली थी. 15 अगस्त के दिन ही हम आजादी का ये दिन मनाते हैं, जानिए इसके पीछे की रोचक कहानी क्या है. क्यों इसी दिन आजादी का जश्न मनाते हैं, ये दिन ही आजादी देने के लिए क्यों चुना गया.

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पहले साल 1930 से लेकर 1947 तक 26 जनवरी के दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था. इसका फैसला साल 1929 में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में हुआ था, जो लाहौर में हुआ था. इस अधिवेशन में भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारतीय नागरिकों से निवेदन किया गया था साथ ही साथ भारत की पूर्ण स्वतंत्रता तक आदेशों का पालन समय से करने के लिए भी कहा गया.

इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में ये 5 स्मार्ट बातें जानते हैं आप?

समय-सीमा खत्म होगी

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय-सीमा खत्म होने वाली है. तय समय से आईटीआर नहीं भरने पर आपको पेनाल्टी देनी पड़ती है. इसके लिए अलग-अलग तरह के फॉर्म होते हैं. आइए, यहां इससे जुड़ी और बातों को देखते हैं.

आईटीआर के लिए फॉर्म

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) टैक्स फॉर्म होता है. करदाता इसका इस्तेमाल करते हैं. इसमें वे बताते हैं कि उन्होंने किसी वित्त वर्ष में कितनी कमाई की. उनकी इस कमाई पर आयकर विभाग टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स काटता है.

उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित में से किस जिले में एक 112 वर्षीय महिला (नौरोजी देवी) को एक गाँव का प्रधान चुना गया है?

Key Points

  • उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव- 2015
    • 112 वर्षीय नौरोजी देवी, उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में गाँव की ग्राम प्रधान चुनी गईं।
    • आजमगढ़ में फूलपुर प्रखंड के अदमऊ गाँव के ग्रामीणों ने नौराजी देवी को अपना मुखिया चुना है।
    • ग्राम प्रधान के पद पर नौरजी देवी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी रुकैया को 545 मतों से हराया।
      रुकैया को केवल 187 मत प्राप्त हुए।
    • दूसरी ओर, तरवन विकास प्रखंड के टोडरपुर गाँव के शुभम सिंह को 21 वर्ष की आयु में गाँव का प्रधान चुना गया।
रेटिंग: 4.77
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 800
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