संकेतक मानक

स्टेट हाइवे पर यही हालसंकेतक मानक
G3412 C18 C32 कैट 2W3681 इंजन ऑयल प्रेशर संकेतक
गुआंगज़ौ TengYuan जनरेटर सह।, लिमिटेड एक विशेष इंजीनियरिंग मशीनरी, जनरेटर सेट, समुद्री इंजन, औद्योगिक इंजन रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री कंपनियों में लगी हुई है, कमला रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री कारोबार संचालित करने वाली कंपनियों का लगभग 36 वर्षों का इतिहास है, प्रचुर मात्रा में है। तकनीकी बल, रखरखाव में समृद्ध अनुभव और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री का अनुभव।
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Road Safety Campaign : हाइवे पर संकेतक व दिशा सूचक न होने से हो रहे हादसे
Road Safety Campaign : सागर जिले की सड़कों पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। नेशनल हाइवे के साथ-साथ स्टेट हाइवे पर भी जगह-जगह संकेतक व दिशा सूचक बोर्ड क्षतिग्रस्त पड़े हैं। इससे हादसे नहीं रुक रहे है।
Road Safety Campaign : सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सागर जिले की सड़कों पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। नेशनल हाइवे के साथ-साथ स्टेट हाइवे संकेतक मानक पर भी जगह-जगह संकेतक व दिशा सूचक बोर्ड संकेतक मानक क्षतिग्रस्त पड़े हैं। इससे हादसे नहीं रुक रहे है। यदि हम नेशनल हाइवे 44 की बात करें तो यहां हर साल कई हादसे संकेतकों के अभाव में होते हैं। नेशनल हाइवे पर कई जगह संकेतक गायब हैं। इससे रात के समय ज्यादा हादसे संकेतक मानक होते हैं। एनएच के प्राविधान के अनुसार तिराहे पर 20 मीटर पहले संकेतक लगा होना चाहिए। संकेतक ऐसा हो जो चालकों को दूर से नजर आ जाए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। एनएच 44 पर सागर जिले के रानीपुरा व गढ़पहरा के बीच बने तिराहे पर न तो किसी तरह का संकेतक बोर्ड लगा है। न ही रिफ्लेक्टर व स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए गए हैं। यही हाल देवरी की ओर जाने वाले केसली तिराहे का है। यहां संकेतकों पर ध्यान नहीं दिया गया। कई जगह संकेतक क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे लोगों को मोड़ पर लोग भ्रमित हो जाते हैं।
Road Safety Campaign : हाइवे पर संकेतक व दिशा सूचक न होने से हो रहे हादसे
Road Safety Campaign : सागर जिले की सड़कों पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। नेशनल हाइवे के साथ-साथ स्टेट हाइवे पर भी जगह-जगह संकेतक व दिशा सूचक बोर्ड क्षतिग्रस्त पड़े हैं। इससे हादसे नहीं रुक रहे है।
Road Safety Campaign : सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सागर जिले की सड़कों पर सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। नेशनल हाइवे के साथ-साथ स्टेट हाइवे पर भी जगह-जगह संकेतक व दिशा सूचक बोर्ड क्षतिग्रस्त पड़े हैं। इससे हादसे नहीं रुक रहे है। यदि हम नेशनल हाइवे 44 की बात करें तो यहां हर साल कई हादसे संकेतकों के अभाव में होते हैं। नेशनल हाइवे पर कई जगह संकेतक गायब हैं। इससे रात के समय ज्यादा हादसे होते हैं। एनएच के प्राविधान के अनुसार तिराहे पर 20 मीटर पहले संकेतक लगा होना चाहिए। संकेतक ऐसा हो जो चालकों को दूर से नजर आ जाए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। एनएच 44 पर सागर जिले के रानीपुरा व गढ़पहरा के बीच बने तिराहे पर न तो किसी तरह का संकेतक बोर्ड लगा है। न ही रिफ्लेक्टर व स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए गए हैं। यही हाल देवरी की ओर जाने वाले केसली तिराहे का है। यहां संकेतकों पर ध्यान नहीं दिया गया। कई जगह संकेतक क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे लोगों को मोड़ पर लोग भ्रमित हो जाते हैं।
3 : भारत, एशिया में कृषि विकास के चयनित संकेतक – प्रशांत क्षेत्र और विश्व
7.3 : भारत, एशिया में कृषि विकास के चयनित संकेतक – प्रशांत क्षेत्र और विश्व
(यह दस्तावेज़ हिंदी में उपलब्ध नहीं है, अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)
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अंतिम अद्यतन : 20-04-2021, 03:33 अपराह्न
लापरवाही: सड़क मरम्मत करने न संकेतक लगाए और ना सुरक्षा घेरा
नगर निगम ने बारिश के समय उखड़ी सड़कों का मरम्मत शुरू कराया है, लेकिन इसमें भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। शुक्रवार को आईटीआई चौक से बुधवारी के बीच वीआईपी रोड में पैचवर्क कराया गया, पर न तो संकेतक लगाए गए थे संकेतक मानक और न ही सुरक्षा घेरा। इस मार्ग पर दिनभर यातायात का दबाव रहता है। लोग किसी तरह किनारे से आवाजाही करते रहे। कई लोग वाहन से टकराने से भी बचे। जहां भी मरम्मत कार्य कराया जाता है। वहां संकेतक भी लगा होता है। ताकि दूर से वाहन चालकों को नजर आ सके।