भारत में म्युचुअल फंड इतिहास

राज्य के स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (Power Exchange of India Ltd - PXIL) में 5 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सरकार 2023-24.
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यस एसेट मैनेजमेंट (YES Asset Management) का नाम व्हाइटऑक कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (WhiteOak Capital Asset Management) के रूप में फिर से नामित किया गया है और इसलिए यस म्यूचुअल फंड का नाम बदलकर व्हाइटऑक कैपिटल म्यूचुअल फंड कर दिया गया.
Last updated on September 1st, 2022 09:19 am
केंद्र के पास इक्विटी के रूप में वोडाफोन आइडिया की 35.8% हिस्सेदारी होगी
भारत की केंद्र सरकार वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में सबसे बड़ी शेयरधारक बनने के लिए तैयार है। कंपनी के बोर्ड ने 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज को इक्विटी में बदलने को मंजूरी दी। भारत के तीसरे सबसे बड़े नेटवर्क वीआई.
Last updated on September 1st, 2022 09:21 am
TCS ने केंद्र की पासपोर्ट योजना का दूसरा चरण हासिल किया
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP-V2.0) के दूसरे चरण के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (Tata Consultancy Services Limited - TCS) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। टीसीएस पासपोर्ट सेवा परियोजना के लिए सेवा प्रदाता होगी.
Last updated on September 1st, 2022 09:23 am
SIP Investment : अक्टूबर में म्यूचुअल फंड SIP में रिकॉर्ड 13,000 करोड़ रुपये का निवेश, AMFI ने जारी किए आंकड़े
Published: November 11, 2022 9:48 AM IST
SIP Investment : निवेशक लंबी अवधि के लिए व्यवस्थित निवेश योजनाओं या एसआईपी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं. यही वजह है कि अक्टूबर में म्यूचुअल फंड एसआईपी में मासिक निवेश सर्वकालिक उच्चस्तर 13,040 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
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यह आंकड़ा सितंबर में 12,976 करोड़ रुपये था. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
मई के बाद से एसआईपी के जरिये निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा है. जुलाई में यह 12,140 करोड़ रुपये, जून में 12,276 करोड़ रुपये और मई में 12,286 करोड़ रुपये था. अप्रैल, 2022 में यह 11,863 करोड़ रुपये पर था.
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में कुल आवक 87,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. वित्त वर्ष 2021-22 में एसआईपी के जरिये कुल निवेश 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक था.
एम्फी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘‘बाजार वैश्विक कारकों और घरेलू दरों में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. हालांकि, म्यूचुअल फंड निवेशकों ने लचीलापन दिखाया है और लगातार उच्च योगदान के साथ एसआईपी में निवेश जारी रखा है.’
इनोवेशन और स्टार्टअप्स में भारत ने रचा इतिहास, PM Modi ने कुछ यूं किया जिक्र
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Nov 17, 2022 | 12:39 PM
भारत ने नवाचार (इनोवेशन) और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में बड़ी भारत में म्युचुअल फंड इतिहास ऊंचाई हासिल की है. ये ऊंचाई ऐसी है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. इनोवेशन और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) व्यक्तिगत तौर पर इन दोनों क्षेत्रों को विकास का इंजन मानकर चलते हैं. इनसे जुड़े हरेक पहलू पर वे बारीकी से नजर रखते हैं. साथ ही, मौका मिलते ही वे पूरी दुनिया को बताते हैं कि भारत इनोवेशन और स्टार्टअप्स की दुनिया में कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
इनोवेशन में भारत का स्थान
वर्ल्ड इनोवेशन इंडेक्स (GII) में भारत को इस बार 40वां स्थान मिला है. कभी यह स्थान 80 पर हुआ करता था. इनोवेशन की रैंकिंग यह बताती है कि भारत अपने विकास को नवाचार से जोड़ते हुए किस तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत के लिए यह उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि इस इंडेक्स की घोषणा कोविड-19 महामारी के साये में हुई है. कोविड के चलते पूरी दुनिया में प्रोडक्टिविटी ग्रोथ रुकी भारत में म्युचुअल फंड इतिहास रही, लेकिन भारत अपने मिशन में लगा रहा. नतीजा हुआ कि कभी 80वें स्थान पर रहा भारत अब 40वें स्थान पर है.
इनोवेशन की रैंकिंग बताती है कि दुनिया की कौन सी अर्थव्यवस्था अपने विकास में इनोवेशन को अहमियत देती है. इस रैंकिंग में 132 देशों की तुलना की जाती है और उनके नवाचार की मजबूती और कमजोरी का आकलन किया जाता है. इस बार की रैंकिंग का थीम ‘इनोवेशन ड्रिवेन ग्रोथ’ था. इसका अर्थ हुआ कि कौन सा देश अपने विकास में इनोवेशन को महत्व देता है. इस हिसाब से भारत में पहले की तुलना में अच्छी प्रगति हासिल की है. रैंकिंग में यह भी देखा जाता है कि कोई देश डिजिटल एज और डीप साइंस इनोवेशन वेव्स में कितनी तेजी से ग्रोथ कर रहा है. भारत इन दोनों क्षेत्रों में बेहतर विकास कर रहा है.
ये देश हैं सबसे अधिक इनोवेटिव
दुनिया में सबसे अधिक इनोवेटिव स्विट्जरलैंड है जिसे रैंकिंग में लगातार 12 साल से पहला स्थान मिलता रहा है. दूसरे स्थान पर अमेरिका, फिर स्वीडन, यूके और नीदरलैंड्स का नाम है. चीन अभी 10वें स्थान से नीचे है जबकि तुर्किये और भारत ने पहली बार टॉप 40 में जगह बनाई है.
पीएम मोदी ने भारत के स्टार्टअप्स की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या 2021 से दोगुनी हो गई है. अब हम दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप केंद्र हैं. हमारे पास 81,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स हैं. देश में स्टार्टअप्स कल्चर तेजी से बढ़े और कारोबार में इसका स्थान अहम बने, इसके लिए मोदी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया के नाम से खास मुहिम शुरू की. इस मुहिम को मजबूती देने के लिए स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन होता है.
Mutual Fund से भी होती है तगड़ी कमाई, 18 साल पहले जिन्होंने इस फंड में 10 लाख लगाया, आज है 2.5 करोड़ का मालिक
वैल्यू इन्वेस्टिंग लांग टर्म में पैसे कमाने का सबसे अच्छा तरीका
वैल्यू फंड रिलेटिव वैल्यू अप्रोच का करते हैं पालन
मॉर्निंगस्टार के विश्लेषण के अनुसार, 2018 के बाद जिन कई फंडों को वैल्यू कैटेगरी में फिर से वर्गीकृत किया गया उनके पोर्टफोलियो में भी ग्रोथ स्टॉक होल्डिंग में गिरावट दिखाई दे रही है। इसलिए कई तथाकथित वैल्यू फंड रिलेटिव वैल्यू अप्रोच का पालन करते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड उन कुछ म्यूचुअल फंडों में से है, जिन्हें मॉर्निंगस्टार द्वारा गोल्ड रेटिंग दी गई है। फंड का प्रबंधन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी और सीआईओ एस नरेन द्वारा किया जाता है, जो भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में सबसे अनुभवी मैनेजरों में से एक है। इन वर्षों में उन्होंने अपने द्वारा प्रबंधित धन के आधार पर एक दमदार ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है। चूंकि नरेन निवेश की वैल्यू स्टाइल के प्रैक्टिशनर रहे हैं, इसलिए फंड की स्ट्रेटेजी उन्हें अपनी ताकत से खेलने की अनुमति देती है। संयोग से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने हाल ही में 18 साल पूरे किए हैं। इस स्कीम का एयूएम रु. 24,694 करोड़ जो वैल्यू कैटेगरी में कुल एयूएम का लगभग 30% है। यह स्कीम में वैल्यू इन्वेस्टिंग में निवेशक के विश्वास (investor trust) को दर्शाता है।
Flexi Cap Fund बना सकता है निवेशकों को मालामाल, बस इन बातों का रखना होगा ध्यान
शेयर बाजार में निवेश पर अच्छा लाभ मिले इसके लिए जरूरी है शेयरों का सही चुनाव। जिन निवेशकों को शेयर बाजार की सीमित जानकारी है उनकी मदद करता है म्युचुअल फंड। सभी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक जैसे नहीं होते।
नई दिल्ली, पंकज मठपाल। सीमित Lockdown की वजह से कोरोना की दूसरी लहर भी अब नियंत्रण में आ गयी है और निवेशकों का भरोसा भी शेयर बाजार में बरकरार है। शेयर बजार में आने वाले कुछ समय मे उतार-चढ़ाव की संभावना जरूर है किन्तु लंबी अवधि के नजरिए से यह शेयर बाजार में निवेश करने के लिए उपयुक्त समय है। शेयर बाजार में निवेश पर अच्छा लाभ मिले इसके लिए जरूरी है शेयरों का सही चुनाव। जिन निवेशकों को शेयर बाजार की सीमित जानकारी है, उनकी मदद करता है म्युचुअल फंड। सभी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक भारत में म्युचुअल फंड इतिहास जैसे नहीं होते। एक इक्विटी फंड के पोर्टफोलियो में रखी गयी कंपनियों के आकार और निवेश की रणनीति के आधार पर उन्हें लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और फोकस्ड फंड इत्यादि की श्रेणियों में रखा जाता है।