डॉलर की औसत लागत

सिंगापुर के वकील क्रिस्टोफर लाउ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने बहुमत से 12 अक्टूबर, 2016 को अंतिम आंशिक फैसला (एफपीए) जारी किया. इसने सरकार के इस विचार से सहमति जताई कि इन क्षेत्रों से लाभ की गणना मौजूदा 33 प्रतिशत की कर की कटौती के बाद की जानी चाहिए न कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार 50 प्रतिशत कर के आधार पर. मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने यह भी कहा था कि अनुबंध में लागत वसूली ताप्ती गैस क्षेत्र में 54.5 करोड़ डॉलर और पन्ना-मुक्ता तेल और गैस क्षेत्र में 57.75 करोड़ डॉलर ही रहेगी. दोनों कंपनियां लागत प्रावधान डॉलर की औसत लागत को ताप्ती के लिए 36.5 करोड़ डॉलर और पन्ना-मुक्ता के लिए 6.25 करोड़ डॉलर बढ़ाना चाहती थीं.
वैश्विक एयरलाइन उद्योग को 2019 में डॉलर की औसत लागत 28 अरब डॉलर का मुनाफा होगा, आईएटीए ने घटाया अनुमान
आईएटीए ने कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम और कमजोर होते वैश्विक व्यापार से कारोबारी वातावरण प्रभावित डॉलर की औसत लागत हो रहा है. आईएटीए ने 290 एयरलाइंस का समूह है. आईएटीए ने कहा कि कुल लागत 7.4 प्रतिशत बढ़ेगी, जो राजस्व वृद्धि से अधिक होगी. राजस्व वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
सियोल: हवाई परिवहन उद्योग के एक संगठन ने ईंधन की महंगाई और व्यापारिक तनाव के मद्देनजर वैश्विक एयरलाइन उद्योग के 2019 के लाभ के बारे में अपना अनुमान घटा कर 28 अरब डॉलर कर दिया. इससे पहले इस साल 35.5 अरब डॉलर के मुनाफे का अनुमान था. अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने रविवार को यह बात कही.
आईएटीए ने कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम और कमजोर होते वैश्विक व्यापार से कारोबारी वातावरण प्रभावित हो रहा है. आईएटीए ने 290 एयरलाइंस का समूह है. आईएटीए ने कहा कि कुल लागत 7.4 प्रतिशत बढ़ेगी, जो राजस्व वृद्धि से अधिक होगी. राजस्व वृद्धि 6.5 डॉलर की औसत लागत प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा आईएटीए का अनुमान है कि प्रति यात्री मुनाफा 2019 में घटकर 6.12 डॉलर रह जाएगा जो पिछले साल 6.85 डॉलर रहा था.
बोरोसिल के मुनाफे में उछाल, घरेलू उत्पादकों ने कहा मोनोपोली से खत्म हो रहा है बिजनेस
भारत की अकेली सोलर ग्लास निर्माता कंपनी बोरोसिल रिन्यूएबल्स का सालाना राजस्व में पिछले साल के मुकाबले 22% की बढ़ोतरी हुई और यह 502.3 करोड़ हो गया। कोरोना के बावजूद यह मुनाफा आखिरी तिमाही में बिक्री में बढ़ोतरी के कारण हुआ। जानकार कहते हैं कि चीन के घरेलू बाज़ार में सोलर ग्लास की बढ़ी मांग के कारण पूरी दुनिया में इसकी किल्लत हो गई। दुनिया का 95% वैश्विक सोलर ग्लास चीन को जाता है। बोरोसिल को सोलर ग्लास की इसी बढ़ी मांग का फायदा मिला है।
दूसरी ओर बाज़ार में एक कंपनी के दबदबे से छोटे उत्पादक और खरीदार परेशान हैं। उनका कहना है कि मलेशिया से आयात होने वाले कांच पर टैक्स और एंडी डम्पिंग ड्यूटी ने उनके लिये बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी है और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा के लिये बराबरी का धरातल नहीं है।
भारत 2047 तक पैदा कर देगा 295 करोड़ टन सोलर कचरा
आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर भारत 2030 तक 347.5 गीगा टन के सौर ऊर्जा प्लांट लगाता है तो भारत इलैक्ट्रानिक वेस्ट साइकिल में करीब 295 करोड़ टन के उपकरण स्थापित हो जायेंगे। वैज्ञानिकों के डॉलर की औसत लागत मुताबिक सोलर उपकरण कचरे में 645 लाख करोड़ अमेरिकी डालर की महत्वपूर्ण धातुयें होंगी। इनमें से 70% को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
रिसर्च में डॉलर की औसत लागत शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि 645 लाख करोड़ डॉलर में से 44% सोना, 26% एल्युमिनियम और 16% कॉपर(तांबा) होगा।
अमेरिका: समुद्र में पवनचक्की फार्म की योजना का खुलासा
अमेरिकी सरकार पश्चिमी तट पर समुद्र के भीतर (ऑफशोर) विन्ड पावर डेवलपमेंट का काम शुरू कर रही है। इसके तहत ढाई लाख एकड़ डॉलर की औसत लागत में करीब 380 पवन चक्कियां, कैलिफोर्निया तट से कई किलोमीटर भीतर समुद्र में लगेंगी। कैलिफोर्निया राज्य और अमेरिकी सरकार में इस बारे में एक समझौता होगा जिसके तहत राज्य केंद्रीय और उत्तरी तट को पवन चक्कियों के लिये खोलेगा। यह पश्चिमी तट पर अमेरिका का पहला व्यवसायिक ऑफशोर विन्ड फार्म होगा जो करीब 16 लाख घरों को बिजली देगा।
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Mobile Data Plan: सबसे सस्ते मोबाइल डेटा प्लान बेचने वाले टॉप 5 देशों में है भारत, जानें कौन हैं बाकी देश
द वर्ल्ड मोबाइल डेटा प्राइसिंग 2022 (World Mobile Data Pricing 2022) के एक सर्वे के अनुसार, सबसे सस्ते मोबाइल डेटा प्लान (Mobile Data Plan) बेचने के मामले में भारत दुनिया भर में पांचवें नंबर पर है। यह सर्वेक्षण Cable.co.uk की तरफ से कम्पाइल की गई रिपोर्ट का एक हिस्सा है, जिसने 233 देशों में 1GB मोबाइल डेटा की लागत को मापा।
1GB मोबाइल डेटा की डॉलर की औसत लागत औसत लागत के साथ, भारत ने (.17 लगभग 14 रुपए) पाकिस्तान (.36 लगभग 28.72 रुपए) और श्रीलंका (.27 लगभग 21.54 रुपए) को पीछे छोड़ दिया है। इसकी मतलब है कि भारत में 1GB मोबाइल डेटा औसतन करीब 14 रुपए में मिलता है, तो वहीं पाकिस्तान में 28.72 रुपए और श्रीलंका में 21.54 रुपए में मिलता है।
इज़रायल इस लिस्ट में टॉप पर हैं, वहां 1GB डेटा की औसत कीमत .04 लगभग 3.59 रुपए हैं। वहीं दक्षिण अटलांटिक महासागर में एक ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, सेंट हेलेना इसमें सबसे नीचे हैं। जहां 1 GB मोबाइल डेटा प्लान की औसत कीमत 41.06 डॉलर, लगभग 3,276 रुपए है।
ग्रेटर नोएडा के उपभोक्ताओं की अब सस्ती होगी बिजली, एनपीसीएल ने औसत लागत से कहीं अधिक की कमाई
UP Latest News विद्युत नियामक आयोग ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड की चालू वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर के प्रस्ताव पर सुनवाई की। इस दौरान उपभोक्ता परिषद ने डॉलर की औसत लागत कहा जिस तरह से कंपनी ने ज्यादा कमाई की उसे देखते हुए एक वर्ष तक मुफ्त में बिजली देनी चाहिए।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। ग्रेटर नोएडा के बिजली डॉलर की औसत लागत उपभोक्ताओं को बिजली के मौजूदा खर्चे से राहत मिलती दिख रही है। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने पिछले वर्षों में उपभोक्ताओं से बिजली आपूर्ति की डॉलर की औसत लागत औसत लागत से कहीं अधिक कमाई की है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को एनपीसीएल की चालू वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर के प्रस्ताव पर जन सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कंपनी द्वारा लागत से प्रति यूनिट 2.05 रुपये तक ज्यादा कमाने का मुद्दा उठाते हुए बिजली दर घटाने के साथ ही प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने की भी मांग आयोग से की।
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सरकार की दलील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आपत्तियां एक अंग्रेजी कानून के सिद्धांत के तहत ‘प्रतिबंधित हैं'. इसमें कोई पक्ष नई कार्यवाही में कोई ऐसा मामला नहीं उठा सकता जिसे पिछली कार्यवाही में उठाया जा सकता था. इस बारे में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सरकार अदालत के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद उपयुक्त मंच पर इसे उठाने का विकल्प तलाशेगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी इस बारे में भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला.
रिलायंस और शेल के स्वामित्व वाली बीजी एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन इंडिया ने 16 दिसंबर, 2010 को सरकार को लागत वसूली प्रावधानों, राज्य पर बकाया लाभ और रॉयल्टी भुगतान सहित सांविधिक बकाया के मसले पर मध्यस्थता प्रक्रिया में घसीटा था. वह सरकार के साथ मुनाफे को साझा करने से पहले तेल और गैस की बिक्री से वसूल की जाने वाली लागत की सीमा को बढ़ाना चाहती थी.भारत सरकार ने भी किए गए खर्च, बिक्री को बढ़ाकर दिखाने, अतिरिक्त लागत वसूली और लेखा में खामी के मुद्दे को उठाया था.