Forex भारत

Share Market : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे टूटा
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.41 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 81.57 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 66 पैसे की कमजोरी दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी Forex भारत डॉलर के मुकाबले 37 पैसे की तेजी के साथ 80.91 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत बढ़कर 106.58 पर पहुंच गया।
samachar jagat .com
Fastest Hindi News Website
SamacharJagat is an online web portal; it serves the viewers with latest Hindi News Updates. This website is the web portal for Famous Hindi Newspaper SamacharJagat. This website caters News in only Hindi language. At Samacharjagat we always provide Hindi Samachar which is current and trending. Samachar Jagat offers news stories in different-different categories including Sports News in Hindi, lifestyle, National News in Hindi, international, business, food, travel and many more in just one tap.
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 529.99 अरब डॉलर पर
आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है।
नई दिल्ली, 11 नवंबर। आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।
आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का Forex भारत महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश Forex भारत का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है।
RBI के पूर्व गवर्नर ने बताई 1991 की कहानी, जब भारत को 46 टन सोना गिरवी रखना पड़ा
नई दिल्ली: भारत के इतिहास में 1991 के वर्ष को आर्थिक सुधारों के Forex भारत नजरिये से बड़ा अहम माना जाता है. इससे पहले भारत की अर्थव्यवस्था खुली नहीं थी. 1991 और उसके बाद के संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. सी. रंगराजन (Former Governor Dr. C. Rangarajan) की किताब से कई बड़ी बातों का खुलासा हुआ है. उन्होंने अपनी किताब The Road: My Days At Forex भारत Forex भारत RBI and Beyond में तब के चिंताजनक हालातों का जिक्र किया है.
मनीकंट्रोलकी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन (Former Governor C. Rangarajan) ने लिखा है कि हमें (भारत को) पैसे जुटाने के उपाय और रास्तों के बारे में सोचना था. तब हमने विदेश में सोना गिरवी रखकर पैसे जुटाने का फैसला किया. 46 टन सोना विदेश में गिरवी रखा गया. एक चार्टर हवाई जहाज मुबंई एयरपोर्ट पर था और उसमें यह सोना रखवाया गया. फिर यह जहाज इंग्लैंड के लिए उड़ गया. तब हमने 50 करोड़ डॉलर से कम जुटाए. यह राशि आज काफी कम लग सकती है. विमान में सोना रखकर विदेश भेजना यह दुखद अनुभव था, लेकिन, हमने इसका सामना किया. अपनी इस किताब में RBI के पूर्व गवर्नर Forex भारत पद्म विभूषण डॉ. सी. रंगराजन की यह किताब The Road: My Days At RBI and Beyond भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उनके अनुभवों और बड़े पड़ावों को समेटे हुए है.
रंगराजन कहते हैं कि किताब लिखने की यह इच्छा लंबे समय से थी. 2014 में केंद्र में सरकार बदलने के बाद मैं दिल्ली से निकल गया. तब मुझे लगा कि यह सही समय है. तब मेरे मन में कुछ संदेह थे. रिजर्व बैंक में मेरे कार्यकाल की सभी घटनाओं के बारे में लिखना मुमकिन नहीं था. फिर, मैंने कुछ खास चीजों पर फोकस करने के बारे में सोचा.
यह भी पढ़ें | जिम्मेदारों को तलब कर पूछताछ की गई, तो एक-दूसरे की गलती बताई जाने लगी
सी. रंगराजन का कहना है कि राजकोषीय नीति और मौद्रिक सख्ती के बीच की खींचतान को मैनेज करने के लिए कई उपाय करने होते हैं. कुछ हद तक यह कहा जा सकता है कि आज हम जो महंगाई देख रहे हैं, यह उन कुछ फैसलों की वजह से है, जो हमने पहले लिए थे. जब कोरोना की लहर चरम पर थी, तब सबने सरकार को अपना खर्च बढ़ाने की सलाह दी थी. सरकार का यह सलाह तब दी गई, जब सरकार का रेवेन्यू घट रहा था. इसका नतीजा क्या हुआ? ज्यादा उधार लेना पड़ा. उधार बढ़ गया तो इसे ध्यान में रखने की जरूरत थी. केंद्रीय बैंक को इसे खुलकर स्वीकार करने में संकोच हो सकता है, परंतु सच्चाई यह है कि RBI की तरफ से पर्याप्त लिक्विडिटी सपोर्ट के बिना यह उधारी मुमकिन नहीं थी.
पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि जहां तक रुपये का संबंध है तो फंड्स देश से बाहर अमेरिका जाने लगा, क्योंकि वहां इंटरेस्ट रेट बढ़ने लगा. इससे रुपये की वैल्यू घटने लगी. लेकिन, फिर से रुपया संभल रहा है. इसकी वजह फंड्स का बाहर जाना रुक जाना है. फंड्स आने शुरू हो गए हैं. इंडिया में भी मॉनेटरी पॉलिसी को उन चीजों का ध्यान रखना होगा, जो बाहर हो रही हैं.
डॉलर के मुकाबले रुपया फिर गिरा, जानें कितने पर हुआ बंद
मुंबई: भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती सत्र के दौरान रुका और 48 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.26 पर बंद हुआ, भारतीय बाजारों में सपाट प्रवृत्ति को ट्रैक किया. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि सोमवार को एक आशाजनक शुरुआत के बाद रुपये में तेज गिरावट इंडिया इंक के एक बड़े हिस्से में डॉलर की खरीद के कारण हुई. कॉरपोरेट्स से डॉलर की मांग में वृद्धि हुई, अमेरिकी मुद्रास्फीति पर फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी ने ग्रीनबैक फर्म रखते हुए चेतावनी दी. कारोबारियों ने यह भी कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
डॉलर इंडेक्स 0.75 फीसदी की तेजी के साथ 107.09 पर पहुंच गया. यूएस डॉलर इंडेक्स (यूएसडीएक्स) छह प्रभावशाली मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत का एक सापेक्ष उपाय है: यूरो, स्विस फ्रैंक, जापानी येन, कैनेडियन डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और स्वीडिश क्रोना. घरेलू बाजारों में एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 170 अंक नीचे 61,624.15 Forex भारत के स्तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 50 20 अंकों की गिरावट के साथ 18,329.15 के स्तर पर बंद हुआ.
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार थे क्योंकि उन्होंने एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को 3,958.23 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
एसेट मैनेजमेंट कंपनी अल्केमी कैपिटल मैनेजमेंट के शोध प्रमुख शेषाद्रि सेन ने एएनआई को बताया, “यह (रुपया) कुछ समय के लिए कमजोर-से-अस्थिर रह सकता है, लेकिन हमें लगता है कि मुद्रा के लिए सबसे खराब स्थिति खत्म हो गई है.”
सेन ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली, यूएस फेड द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त करने और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण भारतीय मुद्रा ने तूफान का सामना किया, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ीं. अक्टूबर में रुपया इतिहास में पहली बार 83 अंक के पार गया. इस साल अब तक रुपये में करीब 8-9 फीसदी की गिरावट आई है.
भारत का औद्योगिक उत्पादन, जैसा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) द्वारा मापा जाता है, सितंबर में 3.1 प्रतिशत बढ़ा, जो बिजली उत्पादन में दो अंकों की वृद्धि द्वारा समर्थित है. पिछले महीने में 0.8 फीसदी और सितंबर 2021 में 4.4 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 529.99 अरब डॉलर पर
आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है।
नई दिल्ली, 11 नवंबर। आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका Forex भारत लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.Forex भारत 99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।
आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके Forex भारत अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है।