बिटकॉइन का भविष्य 2023 में

क्या 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप में आएगा 100 गुना उछाल और निवेशकों की होगी बल्ले-बल्ले, जानिए एक्सपर्ट की राय
रियल विजन के सीईओ और गोल्डमैन सैक्श के पूर्व एंप्लॉयी राउल पॉल ने कहा कि 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप वर्तमान के मुकाबले 100 गुना ज्यादा हो जाएगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Jan 09, 2022 | 6:50 AM
Cryptocurrency Outlook: पिछले दो सालों से क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा चारों तरफ हो रही है. इसका कारण ये है कि इसने निवेशकों को महज कुछ महीने में मल्टी बैगर रिटर्न दिया है. कोरोना के कारण दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने खूब पैसा छापा और यह पैसा डिजिटल करेंसी में निवेश किया गया. हालांकि, इस साल क्रिप्टोकरेंसी में करेक्शन का दौर दिख रहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में रियल विजन के सीईओ और गोल्डमैन सैक्श के पूर्व एंप्लॉयी राउल पॉल ने कहा कि 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप वर्तमान के मुकाबले 100 गुना ज्यादा हो जाएगा. वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी का टोटल मार्केट कैप 2 बिटकॉइन का भविष्य 2023 में ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है. उनका कहना है कि 2030 तक यह 250 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा. इस हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी असेट क्लास होगी जिसमें सबसे ज्यादा ग्रोथ होगा. वर्तमान में ग्लोबल इक्विटी मार्केट, बॉन्ड मार्केट, रियल एस्टेट का टोटल मार्केट बिटकॉइन का भविष्य 2023 में कैप करीब 250-350 ट्रिलियन डॉलर के बीच है.
350 करोड़ का यूजर बेस होना जरूरी
अपनी संभावनाओं पर बात करते हुए पॉल ने कहा कि अगर 2030 तक ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स की संख्या 3.5 बिलियन यानी 350 करोड़ तक पहुंच जाती है तो मार्केट कैप हर हाल में 250 ट्रिलियन डॉलर के पार होगा. इस संभावना को लेकर Giottus Cryptocurrency Exchange के को-फाउंडर और सीईओ विक्रम सबबूरज ने कहा कि यह तभी संभव है जब दुनिया की सरकारों और इंस्टिट्यूशन्स से क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिले.
मार्केट कैप में 25-30 फीसदी का करेक्शन आया है
मार्केट के जानकारों का यह भी कहना कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप में 25-30 फीसदी का करेक्शन आया है. यह अभी 2 ट्रिलियन डॉलर के करीब है. चारों तरफ से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बहुत ज्यादा बढ़ेगी. अगले 10 सालों में यह एक टॉप असेट क्लास होगा. निवेशकों को यहां जितना रिटर्न मिलेगा, उतना रिटर्न गोल्ड या इक्विटी में नहीं मिलेगा.
42 हजार डॉलर के करीब बिटक्वॉइन
इस समय बिटक्वॉइन 42 हजार डॉलर के करीब है. जनवरी महीने में अब तक बिटक्वॉइन के मार्केट कैप में 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. ऐसे में बिटक्वॉइन के 1 लाख डॉलर तक पहुंचने की संभावना पर बादल मंडराने लगे हैं. क्रिप्टो बाजार के जानकारों का कहना है कि यह अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचेगा, हालांकि इसमें देर होगी.
गोल्ड के निवेशक क्रिप्टो की तरफ आ रहे हैं
कोरोना काल में बिटक्वॉइन 65 हजार डॉलर के पार तक पहुंचा था जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है. वर्तमान स्तर से 1 लाख डॉलर बिटकॉइन का भविष्य 2023 में तक पहुंचने में बिटक्वॉइन में 130 फीसदी से ज्यादा का उछाल जरूरी है. गोल्डमैन सैक्श के ऐनालिस्ट Zach Pandl ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर क्रिप्टोकरेंसी इसी तरह गोल्ड मार्केट में दखल बढ़ाता रहेगा तो बिटक्वॉइन 1 लाख डॉलर का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगा.
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते बिटकॉइन का भविष्य 2023 में हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
13 साल का हुआ बिटकॉइन, छह पैसे से तय किया 48.2 लाख का सफर
बिटकॉइन को औपचारिक तौर पर लांच हुए 13 साल हो गए हैं। आज इसकी कीमत 48 लाख को पार कर चुकी है। इसके फाउंडर की पहचान भी अब तक रहस्य ही है।
बिटकॉइन के फाउंडर की पहचान अभी भी रहस्य है। (Source: Twitter/@BitcoinMagazine)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को नए जमाने की हकीकत बनाने वाले बिटकॉइन (Bitcoin) के अब 13 साल पूरे हो चुके हैं। इस 13 साल में बिटकॉइन ने ऐसा सफर तय किया है, जिसके ऊपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। महज छह पैसे के भाव से शुरू हुआ यह सफर अभी 48.2 लाख के शिखर पर जा पहुंचा है।
13 साल पहले प्रकाशित हुआ था पहला Bitcoin White Paper
आज से 13 साल पहले 31 अक्टूबर 2008 को बिटकॉइन की औपचारिक शुरुआत हुई थी। उस रोज पहली बार बिटकॉइन का व्हाइट पेपर पब्लिश (Bitcoin White Paper) हुआ था। इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) के नकली नाम से ऑनलाइन पब्लिश किया गया था। ‘बिटकॉइन: अ पीअर-टू-पीअर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम’ शीर्षक से प्रकाशित व्हाइट पेपर में बताया गया था कि कैसे बिना किसी सरकारी के बिटकॉइन का भविष्य 2023 में नियंत्रण वाली भविष्य की ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली से लोगों को फायदा हो सकता है।
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Most Valuable Cryptocurrency है बिटकॉइन
आज के समय में बिटकॉइन सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी (Most Valuable Cryptocurrency) है। जब इसकी औपचारिक शुरुआत हुई थी, तब इसके एक यूनिट का भाव महज 0.0008 डॉलर (करीब छह पैसे) था। आज भारत में बिटकॉइन 64,400 डॉलर (करीब 48.2 लाख रुपये) के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इस तरह बिटकॉइन ने 13 साल की अब तक की अपनी यात्रा में छह पैसे से 48.2 लाख का अविश्वसनीय मुकाम हासिल किया है।
लिमिटेड है Bitcoin Mining
बिटकॉइन की वैल्यू में इस अविश्वसनीय वृद्धि के पीछे एक अहम कारण इससे जुड़ी बुनियादी शर्त है। नाकामोतो ने इसकी औपचारिक शुरुआत के समय ही यह तय कर दिया था कि बिटकॉइन के यूनिट की संख्या कभी भी 2.10 करोड़ से अधिक नहीं हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2021 तक मार्केट में 1.87 करोड़ बिटकॉइन यूनिट उपलब्ध थे। इस तरह अब बिटकॉइन के सिर्फ 23 लाख यूनिट की माइनिंग (Bitcoin Mining) की जा सकती है। सप्लाई सीमित होने और मांग बेतहाशा होने से बिटकॉइन के यूनिट का भाव तेजी से चढ़ा है।
कोई नहीं जानता बिटकॉइन के डेवलपर का नाम
बिटकॉइन के साथ एक रोचक बात इसे डेवलप करने वाले की गोपनीयता है। आज तक कोई नहीं जानता कि बिटकॉइन के डेवलपर सातोशी नाकामोतो की असल पहचान क्या है। नाकामोतो ने पेमेंट के तरीके में क्रांति बिटकॉइन का भविष्य 2023 में लाने वाला प्रोडक्ट डेवलप करने के महज तीन साल बाद क्रिप्टो मार्केट को छोड़ दिया। बताया जाता है कि नाकामोतो 2011 में क्रिप्टो मार्केट से बाहर निकल गए।
बिटकॉइन के इंवेंटर के वॉलेट में पड़ी है करीब पांच लाख करोड़ रकम
सातोशी नाकामोतो के वॉलेट (Satoshi Nakamoto Wallet) में अभी 66 बिलियन डॉलर यानी करीब 4.97 लाख करोड़ रुपये के बिटकॉइन टोकन मौजूद हैं। 2011 के बाद भी नाकामोतो के वॉलेट का वजन बढ़ता गया है। मजेदार है कि नाकामोतो ने इनमें से कुछ भी खर्च नहीं किया है और सारे टोकन बिना इस्तेमाल के पड़े हुए हैं।
Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम बिटकॉइन का भविष्य 2023 में आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.
भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते बिटकॉइन का भविष्य 2023 में हैं। इसके अलावा निवेशकों की औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में बिटकॉइन का भविष्य 2023 में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.
क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं बिटकॉइन का भविष्य 2023 में हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी का लगातार विरोध कर रहा है.
किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई डूब जाएगी.