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इक्विटी शेयर के नुकसान

इक्विटी शेयर के नुकसान

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

इन दिनों शेयर मार्केट के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है, हो सकता है आप भी अपना पैसा स्टॉक मार्केट में लगाने के बारे में सोच रहे हों। आज हम शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे बात करने वाले हैं। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा-ख़ासा पैसा कमा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत भी हो सकता है यानी आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ताजा उदाहरण देखें तो हाल ही में आये कोरोना महामारी की वजह से स्टॉक मार्केट बुरी तरह से गिर गया था सभी निवेशकों के पोर्टफोलियो में 80-90% तक का नुकसान दिखाई दे रहा था इस स्थिति में जिन लोगों ने घबराहट में अपने स्टॉक्स बेच दिए उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।

लेकिन यह महामारी शेयर बाजार के जानकारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया था। बड़े निवेशकों को ऐसे मौके का इंतजार होता है और इस मौके पर अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स को बहुत कम भाव में खरीद पाते हैं। कोरोनाकाल के बाद मार्केट बड़ी तेजी से ऊपर जाता हुआ दिखा और अपने उच्चतम स्तर को भी तोड़कर आगे बढ़ चुका है। इस प्रकार से स्टॉक मार्केट के अपने फायदे भी है और नुकसान भी आइये शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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शेयर बाजार के फायदे

कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना: शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कम समय के निवेश में भी अधिक लाभ कमाए जा सकते हैं। यदि हम बैंक एफडी, बचत खाते आदि की बात करें तो ये सभी लम्बे अवधि के निवेश में एक निर्धारित रिटर्न दे पाते हैं लेकिन स्टॉक मार्केट में कम अवधि में अच्छा मुनाफा मिल सकता है यह पूरी तरह से निवेश किये गये कम्पनी के कामकाज और मार्केट के माहौल पर निर्भर करती है।

अधिक रिटर्न मिलने की संभावना: चूंकि अधिकांश सूचीबद्ध शेयर इक्विटी शेयर हैं, उनका मूल्य सीधे कंपनी के मूल्य से संबंधित है, इस प्रकार जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो कंपनी के शेयरों के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि होती है जो अच्छा रिटर्न प्रदान करती है।

कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है: जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं। चाहे आपके पास कितने भी शेयर क्यों न हो आप कंपनी के ग्रोथ में भागीदार होते हैं और बदले में आपको वोटिंग अधिकार, लाभांश, बोनस आदि प्राप्त हो सकते हैं।

कभी भी शेयर खरीद और बेच सकते हैं: स्टॉक मार्केट पैसा लगाना और निकालना बहुत आसान है। आप कभी भी किसी भी लिक्विड स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। आप कभी भी फायदे या नुकसान में अपना पैसा बाहर निकाल सकते हैं। बैंक एफडी या सरकारी बॉन्ड की तरह यहाँ कोई निर्धारित निवेश अवधि नहीं होती है।

महंगाई से बचने का उपाय: मुद्रास्फीति से बचने के लिए शेयर बाजार में निवेश एक अच्छा उपाय है, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश थोड़े समय के दौरान उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में सामान्य पूंजी वृद्धि के कारण शेयर का मूल्य महंगाई दर से अधिक बढ़ता है। उदाहरण के लिए, जून 2020 में महंगाई की दर 6% है और स्टॉक मार्केट निवेश पर औसत रिटर्न दर 16% रही है।

डिविडेंड आय: कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में प्रति वर्ष आय भी प्रदान करती हैं जो की सीधे उनके बैंक खाते में ट्रान्सफर हो जाते हैं। हालांकि यह राशि हर वर्ष अलग-अलग हो सकती है, कंपनी के मुनाफे के अनुसार यह कम या अधिक हो सकता है। जहां कंपनी को कोई लाभ नहीं तो डिविडेंट नहीं मिल सकता है।

डायवर्सिफिकेशन: शेयर बाजार के फायदे की लिस्ट में डायवर्सिफिकेशन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसका मतलब यह है की निवेशक अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर और उद्योग के अनुसार अलग-अलग कंपनी के स्टॉक में निवेश कर सकता है। डायवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करता है और मुनाफे की संभावना को बढ़ाता है।

निवेश करना आसन और सुविधाजन है: शेयर बाजार में निवेश करना सबसे अधिक सुविधाजन निवेशों में से एक है। आप बड़ी आसानी से ट्रेडिंग अकाउंट खोल इक्विटी शेयर के नुकसान सकते हैं और अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ऑनलाइन शेयर खरीद सकते है।

शेयर बाजार के नुकसान

अस्थिर निवेश: शेयर बाजार अत्यंत अस्थिर (volatile) है इसमें लगातार उतार-चढाव होते रहते हैं। शेयर का भाव कभी भी बढ़ सकता है या घट सकता है। शेयरों के मूल्य को प्रभावित करने वाले कोई एक नही बल्कि कई सारे कारक हैं जैसे: बजट, सरकारी नीतियां, क्षेत्रीय घटनाएँ, महामारी या आपदाएं, कंपनी के लाभ-हानि, कंपनी के प्रबंधन में परिवर्तन आदि।

जानकारी का आभाव: स्टॉक मार्केट में ज्यादातर निवेशक किसी ब्रोकर या अन्य व्यक्ति की राय से अपना पैसा निवेश कर देते हैं जो की सही नही है। निवेश करने से पहले निवेशक को स्वयं शेयर बाजार का ज्ञान लेना जरुरी है। हालांकि सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के द्वारा कंपनियों को निवेशकों के लाभ के लिए सम्बंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश होता है। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश निवेशक अपने लाभ के लिए इस जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करने में असमर्थ हैं। निवेशकों को इसके लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।

समय लग सकता है: निवेश करने के लिए हमें अच्छे स्टॉक्स की जरुरत होती है। एक अच्छे स्टॉक को सही समय पर खरीदना जरुरी है इसके लिए हमें एनालिसिस करना आना चाहिए। आपको शेयर बाजार पर भी नजर रखनी होगी, क्योंकि बाजार के गिरावट में सबसे अच्छी कंपनी की कीमत भी गिर सकती है। सही शेयर को ढूंढना, सही भाव का इंतजार करना और उसमे निवेशित रहना इसमें काफी समय लग सकता है।

निवेशक को अंतिम में भुगतान किये जाते हैं: जैसे किसी बिज़नेस के मालिक को अंत में पैसे मिलते हैं ठीक उसी तरह निवेशको को अंतिम में भुगतान किये जाते हैं क्योंकि स्टॉक एक व्यवसाय के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक कंपनी को पहले अपने कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, लेनदारों को भुगतान करना होता है। इसके अलावा व्यवसाय को चलाने के लिए जरुरी सुविधाओं और टैक्स के लिए भुगतान करना पड़ता है। फिर बचा हुआ कोई भी पैसा उसके मालिकों के बीच वितरित किया जाता है।

टैक्स: शेयर बाजार में निवेश करने पर आपको स्टॉक की खरीदी-बिक्री और इनकम पर टैक्स देना पड़ता है। यहाँ तक की यदि आप अपने निवेश किये गये शेयर को नुकसान में भी बेचते हैं तो भी आपको टैक्स देने पड़ सकते हैं।

ब्रोकरेज: जब कोई निवेशक शेयर खरीदता या बेचता है तो उसे ब्रोकर को ब्रोकरेज शुल्क के रूप में एक निश्चित अनुपात का भुगतान करना होता है। चाहे आप लाभ में हो या घाटे में आपको ब्रोकरेज फीस देनी ही पड़ती है।

भावनाओं को काबू में रखना जरुरी है: स्टॉक की कीमतें लगातार हर सेकंड बढ़ती और गिरती हैं। लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नही कर पाते हैं और स्टॉक को बढ़ता हुआ देख लालच के कारण अधिक मात्रा में खरीदते हैं, और गिरने पर डर के कारण बेच देते हैं। सबसे अच्छा तरीका है कि निवेश करने से पहले जोखिम को ध्यान में रख कर निवेश करें और शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लगातार न देखें।

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निष्कर्ष

शेयर बाज़ार में निवेश करना फायदेमंद तो है ही लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल हैं। आप अपना पैसा किसी स्टॉक क्यों निवेश कर रहे हैं यह आपको पता होना चाहिए। नये लोगों को इक्विटी शेयर के नुकसान हमेशा निवेश करने से पहले शेयर बाजार के बारे में सीखने की सलाह दी जाती है। यदि आप पहली बार शेयर बाजार में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो केवल वही राशि निवेश करें जिसे आप नुकसान के रूप में देख पायें। जोखिम और लाभ दोनों को समझने के लिए आपको अपना शोध ठीक से करने की भी आवश्यकता है। हमेशा एक रणनीति या योजना बनाकर ही निवेश करे जिससे आप शेयर बाजार में खुश और समृद्ध रहेंगे।

Bonus Share: इस कंपनी के निवेशकों को मिलेगा 1 पर 3 बोनस शेयर का तोहफा, Stock Split की भी है तैयारी

Bonus Share and Stock Split:अगर आपने इस कंपनी के शेयर में पैसा लगाया है और शेयरों को खरीदा है तो आपके शेयरों की संख्या अब बढ़ने वाली है. कंपनी ने बोनस शेयर देने का ऐलान किया है.

Bonus Share and Stock Split: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और ट्रेडिंग करते हैं तो बाजार के बेसिक टर्म्स से काफी वाकिफ होंगे. ट्रेडिंग के समय आपने कई बार बोनस शेयर, डिविडेंड या स्टॉक स्प्लिट के बारे में जरूर सुना होगा. इसी सिलसिले में शेयर बाजार में लिस्टेड ईजी ट्रिप प्लानर्स (Easy Trip Planners) अपने निवेशकों को बोनस शेयर का तोहफा देने वाली है. कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में फाइलिंग करते हुए बताया कि कंपनी ने 3:1 के रेश्यो से बोनस शेयर को मंजूरी दे दी है. यानी कि इस कंपनी के निवेशकों को 1 शेयर पर 3 शेयर बोनस के तौर पर दिए जाएंगे. इसके अलावा कंपनी ने 1:2 के रेश्यो में स्टॉक स्प्लिट को भी मंजूरी दे दी है.

BSE को दी जानकारी

कंपनी ने बीएसई यानी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस बात की जानकारी सोमवार को दी और बताया कि कंपनी 10 अक्टूबर 2022 को बोर्ड मीटिंग हुई है. बैठक में बताया गया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 2 रुपए फेस वैल्यू वाले हर इक्विटी शेयर को 1 रुपए की फेस वैल्यू वाले 2 इक्विटी शेयर में स्प्लिट करने की मंजूरी दे दी है.

इसके अलावा कंपनी की ओर से हर इक्विटी शेयर पर 3 बोनस शेयर इश्यू कराए जाएंगे. बोर्ड की मंजूरी के 2 महीने के भीतर ये बोनस शेयर निवेशकों के अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे. इसके अलावा कंपनी ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल पर बढ़ाने पर भी फोकस करने वाली है.

पिछले 1 साल में 38% तक का रिटर्न

ईजी ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड के शेयरों ने पिछले 19 महीने में शेयरधारकों को बंपर रिटर्न दिया है. कंपनी के शेयर 19 मार्च 2021 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 104.15 रुपए के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे और 10 अक्टूबर 2022 को इस कंपनी के शेयरों का लेवल 406.70 रुपए हो गया था. रिटर्न की बात करें तो इस साल कंपनी ने अबतक शेयरधारकों को 52 फीसदी तक का रिटर्न दिया है और पिछले 1 साल से लेकर अबतक कंपनी ने 38 फीसदी तक का रिटर्न दे दिया है.

बाजार में दो दिन की गिरावट से निवेशकों को 6.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान

नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों की गिरावट से निवेशकों को 6.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 872.28 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,773.87 अंक पर बंद हुआ। पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 1,524.13 अंक यानी 2.52 प्रतिशत नीचे आ गया है। इस गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6,57,758.04 करोड़ रुपये घटकर 2,73,95,002.87 करोड़ रुपये पर आ गया। कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘हाल की तेजी के बाद बाजार

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 872.28 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,773.87 अंक पर बंद हुआ।

पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 1,524.13 अंक यानी 2.52 प्रतिशत नीचे आ गया है।

इस गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6,57,758.04 करोड़ रुपये घटकर 2,73,95,002.87 करोड़ रुपये पर आ गया।

कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘हाल की तेजी के बाद बाजार में गिरावट आना तय था। सितंबर बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख की आशंका एक नई चिंता है। इसके साथ डॉलर सूचकांक के मजबूत होने से निवेशकों में थोड़ी चिंता बढ़ी और बैंक, आईटी, धातु तथा रियल्टी शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी।’’

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किसी शेयर को खरीदने और बेचने पर कितने प्रकार से लगता है टैक्स, यहां जानिए पूरी डिटेल

इक्विटी शेयर एक्वीजीशन के 12 महीनों के भीतर बेचा जाता है, तो सेलर को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन या शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ सकता है.

  • Himali Patel
  • Publish Date - October 2, 2021 / 04:33 PM IST

किसी शेयर को खरीदने और बेचने पर कितने प्रकार से लगता है टैक्स, यहां जानिए पूरी डिटेल

सेंसेक्स 60,836 और निफ्टी 18,197 के स्तर तक गया. बाजार लगातार 5वें दिन बढ़त के साथ बंद हुए. सेंसेक्स 452 पॉइंट यानी 0.75% बढ़कर 60,737 पर और निफ्टी 170 पॉइंट यानी 0.94% की तेजी के साथ 18,162 के स्तर पर बंद हुआ था

भारतीय इक्विटी बाजार नई उचाईयों को छूता जा रहा है और अभी इसकी गिरावट या धीमा होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस सितंबर में बीएसई सेंसेक्स पहली बार 60,000 का आकड़ा भी पार कर गया है. क्या आप ऐसे समय के दौरान इक्विटी शेयरों (Stock) के मालिक हैं या खरीदने का इरादा रखते हैं तो आपको शेयरों की बिक्री से जुड़े टैक्स प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए.

एक बेहतर समझ हासिल करने के लिए, हमें पहले यह समझना होगा कि जब टैक्सेशन की बात आती है, तो इक्विटी शेयरों (Stock) की बिक्री से होने वाली इनकम या हानि ‘कैपिटल गेन्स’ के अंतर्गत आती है. अब आइए समझते हैं कि शेयर पर इसका कैसे प्रभाव पड़ता है

शार्ट-टर्म पीरियड में होने वाला कैपिटल लॉस और गेन

यदि एक लिस्टेड इक्विटी शेयर एक्वीजीशन के 12 महीनों के भीतर बेचा जाता है, तो सेलर को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन या शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ सकता है. जब शेयरों को खरीदी गयी वैल्यू से अधिक कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल गेन चुकाना होता है और जब शेयरों को खरीदे गए मूल्य से कम कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ता है.

लंबी अवधि में होने वाला कैपिटल लॉस और गेन

यदि शेयर बाजार में कारोबार किए गए इक्विटी शेयरों को अधिग्रहण के 1 वर्ष के बाद बेचा जाता है, तो विक्रेता को इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या लॉस पर टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट की शुरुआत से पहले, इक्विटी शेयर अंडर सेक्शन 10 (38) के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स से फ्री थे.

2018 के फाइनेंशियल बजट के नए नियमों के अनुसार, यदि कोई विक्रेता इक्विटी शेयरों की बिक्री पर 1 लाख रुपये से अधिक का लॉन्ग टर्म लाभ अर्जित करता है, तो यह लाभ 10% के कैपिटल गेन टैक्स के अधीन आता है. इसके अलावा, यहां विक्रेता इंडेक्सेशन का लाभ नहीं उठा पाएगा. ये नियम 1 अप्रैल, 2018 को या उसके बाद किए गए लेन-देन पर लागू होता हैं.

इक्विटी शेयरों से लाभ का टैक्सेशन

आपके टैक्स ब्रैकेट के बावजूद, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% टैक्स लगता है. शेयर बाजार में लिस्टेड इक्विटी शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 1 लाख रुपये तक के टैक्सेशन से छूट है. इक्विटी शेयरों की बिक्री पर 1 लाख रुपये से अधिक का लाभ 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के अधीन आता है और इस पर इंडेक्सेशन संभव नहीं होता है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पूर्वगामी टैक्स दरें तभी लागू होती हैं जब लेनदेन पर सिक्योरिटी ट्रांसक्शन टैक्स (STT) का भुगतान किया जाता है.

इक्विटी शेयरों से नुकसान का टैक्सेशन

इक्विटी शेयरों की बिक्री से किसी भी शार्ट टर्म कैपिटल लॉस को किसी भी पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से किसी भी अल्पकालिक या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता है. यदि नुकसान को समायोजित नहीं किया जाता है, तो इसे अतिरिक्त आठ वर्षों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है और उन आठ वर्षों के दौरान किए गए किसी भी शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता है. लंबी अवधि के कैपिटल लॉस को किसी भी अन्य दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के मुकाबले ऑफसेट किया जा सकता है और लंबी अवधि के लाभ के खिलाफ ऑफसेट करने के लिए लंबे समय तक पूंजी हानि को अगले आठ वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है.

6 जुलाई: संकेतों से जानें शेयर बाजार की इक्विटी शेयर के नुकसान दिशा, इन स्टॉक्स पर नजर

घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) की तरफ से मार्केट में खरीदारी जारी है.

6 जुलाई: संकेतों से जानें शेयर बाजार की दिशा, इन स्टॉक्स पर नजर

भारतीय शेयर मार्केट ने हफ्ते की शुरुआत पॉजिटिव नोट में की है. सोमवार को बाजार बंद होते समय बेंचमार्क इंडेक्स BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी इंडेक्स 0.75% तक बढ़े थे. बैंक, फाइनेंशियल और मेटल सेक्टर के स्टॉक्स ने मार्केट को सपोर्ट किया था. सेंसेक्स 395 प्वाइंट्स की मजबूती के बाद 52,800 के ऊपर आ गया, जबकि निफ्टी इंडेक्स 112 प्वाइंट्स चढ़ कर 15,850 के पास आ गया है.

विदेशी बाजारों में क्या हो रहा है?

चाइना, हांगकांग और जकार्ता के बाजार सुबह लाल निशान में कारोबार कर रहे थे. वहीं, जापान, ताइवान, साउथ कोरिया और थाईलैंड के मार्केट में तेजी देखी गई.

US में बीते दिन शेयर बाजार बंद था.

भारतीय बाजार के लिए शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का SGX निफ्टी इंडेक्स सुबह 7:30 बजे 0.28% की गिरावट के साथ 15,इक्विटी शेयर के नुकसान 819.00 पर व्यापार कर रहा है.

बाजार पर इसका भी असर-

मनीकंट्रोल के मुुताबिक 6 जुलाई को अगर निफ्टी में गिरावट देखने को मिली तो 15,782.2 और 15,730.1 का लेवल सपोर्ट जोन की तरह काम कर सकता हैं. इसी तरह 15,866.2 और 15,898.1 रेसिस्टेंस लेवल है, जिससे ऊपर जाने से निफ्टी में उछाल देखने को मिलने की संभावना है.

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 5 जुलाई को बाजार में 338 करोड़ के शेयरों की बिक्री की. घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 645 करोड़ के स्टॉक खरीदे.

बल्क डील:

एपेक्स फ्रॉजेन फूड: नवोदय इंटरप्राइजेज ने ₹367.68 के हिसाब से कंपनी के 2 लाख शेयर खरीदे. SPV ट्रेडर्स ने भी कंपनी के करीब 1 लाख 80 हजार शेयर खरीदे.

जिकॉम इलेक्ट्रॉनिक्स: IDBI बैंक ने कंपनी के 12 लाख शेयर को ₹1.4 के दर पर बेचा.

ये स्टॉक्स है खबरों में-

मारुती सुजुकी: जून 2020 के करीब 50,700 यूनिट की तुलना मे इस साल जून में कंपनी ने लगभग 1 लाख 65 हजार यूनिट का प्रोडक्शन किया.

NMDC: भारत सरकार कंपनी की 4% इक्विटी शेयर बेचेगी. ओवरसब्सक्राइब होने की स्थिति में 3.5% अधिक इक्विटी शेयरों को बिक्री की जा सकती है.

फाॅर्स मोटर्स: कंपनी ने जून में 1925 गाड़ियां बेची. इसी महीने कंपनी ने 1757 कॉमर्शियल व्हीकल मैन्युफैक्चर किए.

रेलिगेयर इंटरप्राइजेज: कंपनी अपने पुराने इन्वेस्टर्स के लिए 570 करोड़ के नई इक्विटी शेयर जारी करेगी.

एनालिस्ट/ इन्वेस्टर मीटिंग:

आज एफल इंडिया, सूर्या रोशनी और लुमैक्स ऑटो टेक्नोलॉजी की एनालिस्ट/इन्वेस्टर मीटिंग है.

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