क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है

Blockchain Technology , Hash , Data , Mining in Hindi | ब्लॉकचैन तकनीक , हैश ,डाटा माइनिंग क्या होते है ?
ब्लॉकचैन दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) में बहुत सारे डेटा ब्लॉक होते है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) यानी की डेटा रखा जाता है| अलग-अलग बॉक्स में अलग-अलग करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे से जुड़े होते हैं|
यहां हम आपको cryptocurrency के उस तकनीक के बारे में बतायेगे जिसके जरिए यह चलती है| यानी Blockhain के बारे में |
बिटकॉइन क्या है ( What is Bitcoin )
यह एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है| क्रिप्टोकरेंसी यानी वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करती है | पिछले कुछ समय से बिटकॉइन नाम हर किसी ने सुना है| आप यह जानकर हैरान होंगे कि साल 2020 जहां देश-दुनिया के लिए परेशानियों भरा साल था वहीं दूसरी और बिटकॉइन होल्डर के लिए यह साल बहुत अच्छा रहा | Bitcoin के वैल्यू का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2010 में 1 Bitcoin की कीमत महज 0.06 अमेरिकी डॉलर ( 2.85 रुपये) से भी कम थी, लेकिन अब एक Bitcoin की कीमत 50 लाख रुपये है| हमारे एक्सपर्ट बताते हैं कि यह Blockchain की वजह से हो पाया है क्योंकि ब्लॉकचेन की वजह से ही बिटकॉइन इतना कीमती, सुरक्षित और प्रसिद्ध हुआ|
ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है| पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) ब्लॉक का मतलब डेटा ब्लॉक से है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है| ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं| और डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है| जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है| एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो उसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है| इसी तरह सभी ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़ते जाते हैं|
डेटा क्या होता है ( What is Data )
हर एक ब्लॉक में डेटा, हैश और पिछले ब्लॉक का हैश होता है| अब ये तीनों चीजें क्या होती हैं? ब्लॉकचेन में जो डेटा store रहता है उसमें ट्रांजैक्शन की डीटेल्स होती हैं| इसमें सेंडर, रीसिवर और अकाउंट से सम्बंधित जानकारियां दर्ज रहती हैं| इन Data Blocks में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी के जरिए डेटा को Encode किया जाता है और ये ब्लॉक एक-दूसरे से जुड़कर लंबी चैन बनाते हैं| प्रत्येक Block में उससे पिछले Block का एक क्रिप्टोग्राफी हैश, एक टाइमस्टैम्प और लेनदेने का डेटा इत्यादि होता है| हर ब्लॉक अपने से अगले ब्लॉक से जुड़ा रहता है|
हैश क्या होता है ( What is Hash )
हैश को आप एक तरह से बायोमेट्रिक समझ सकते हैं जो हर किसी के लिए युनीक होता है| यह एक तरह का कोड होता है, जो आपके Thumb इम्प्रेशन की तरह युनीक होता है| अगर आप Block में किसी तरह का छेड़छाड़ करते है, तो ये हैश यानी कोड क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है बदल देता है| ये सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से वर्चुअली कनेक्टेड होते हैं| यह ऐसा सिस्टम होता है, जिसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं होती | अगर आप एक ब्लॉक का डेटा बदलते है, तो फिर आपको दूसरे ब्लॉक का भी डेटा बदलना होगा|
हैश खोजने के बाद क्या करते है
जब कोई माइनर कोई solid hash खोजकर उससे ब्लॉक को सिक्योर कर देता है तो उस हैश को ब्लॉकचेन से जोड़ देते है और नेटवर्क में दूसरे नोड के जरिए उसे वेरिफाई करते है| इस प्रक्रिया को आम सहमति कहते है|
आम सहमति मिलने के बाद क्या करते है?
अगर आम सहमति हो गया तो समझिए ब्लॉक के सिक्योर होने की पुष्टि हो गई| यदि वह सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन दिए जाते हैं| यह एक तरह का रिवार्ड होता है जिसे काम का सबूत माना जाता है|
माइनिंग क्या होती है ( What is Mining)
क्रिप्टोग्राफी के जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग कहते है यहां पर हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है| तथा जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहते है|
Blockchain Technology क्या है
यह एक तरह का एक्सचेंज प्रोसेस है| जोकि डेटा ब्लॉक पर काम करता है| प्रत्येक ब्लॉक को एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित किया जाता हैं| ये ब्लॉक एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से कनेक्ट रहते हैं| इस तकनीक को सबसे पहले स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने 1991 में अपनाया था| इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को टाइमस्टैम्प करना था, ताकि इन डॉक्यूमेंट्स के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके| सतोशी नाकामोतो ने 2009 में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल से Bitcoin का आविष्कार करके दुनिया में क्रांति ला दी|
Bitcoin और Blockchain में अंतर
Blockchain Technology और Bitcoin दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है| दरअसल, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, एक तरह का प्लेटफॉर्म है जहां हम ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रख सकते है| यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं| वहीं Bitcoin एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए कुछ चीजों को ख़रीदा और बेचा जा सकता हैं| हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई भौतिक वैल्यू नहीं हैं|, बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का बस एक उदाहरण है; कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं|
क्रिप्टोकरेंसी की किन देशों में क्या है स्थिति?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग पर चीन और थाइलैंड जैसे देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है| चाइना ने जब प्रतिबंध लगाया था तो bitcoin और अन्य Alt coin के रेट तेजी से गिर गए थे| बाद में थाईलैंड ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया | थाई सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फन्जिबल टोकन (NFTs) पर अत्यधिक सट्टेबाजी की चिंता जताते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया है| |
भारत में क्रिप्टो को लेकर अनेक खबरे समाचारो में चलती रहती है। सभी के नजर इसी पर है कि सरकार कब और कैसे इसको विनियमित करने का कार्य करेगी।
क्या होगा 21 मिलियन बिटकॉइन माइनिंग के बाद
बिटकॉइन (बीटीसीयूएसडी) की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक इसका रिस्ट्रिक्टेड कॉइन सप्लाय। क्रिप्टोकरेंसी के क्रिएटर सतोशी नाकामोतो की नज़र में बिटकॉइन डिजिटल गोल्ड था और वास्तविक गोल्ड क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है के लिमिटेड नेचर की तरह इसकी भी सप्लाय पर लिमिट निर्धारित की।
बिटकॉइन (माइनिंग) की मात्रा 21 मिलियन तक सीमित है। हर 10 मिनट में, बिटकॉइन की सप्लाय में नया बिटकॉइन जुड़ता है। बिटकॉइन का नया ब्लॉक बनाने में औसतन इतना ही समय लगता है। इसका डिज़ाइन इस तरह तैयार किया गया है कि हर 2,10,000 ब्लॉक के बाद, या मोटे तौर पर हर चार साल में, हर ब्लॉक में बिटकॉइन की संख्या 50 प्रतिशत घट जाती है।
क्या कभी कुल 21 मिलियन बिटकॉइन होंगे?
संभव नहीं है कि बिटकॉइन की कुल संख्या 21 मिलियन को पार कर जाएगी। ऐसा इसलिए है कि बिटकॉइन नेटवर्क बिट-शिफ्ट ऑपरेटर का उपयोग करते हैं, जो एरिथ्मैटिक ऑपरेटर होते हैं और डेसीमल पॉइंट को घटाकर सबसे छोटे इन्टिजर तक ले आते हैं।
जब नया बिटकॉइन ब्लॉक बनाने के लिए ब्लॉक रिवॉर्ड को आधे में बांटा जाता है और नए रिवॉर्ड की राशि तय की जाती है, तो यह राउंडिंग डाउन संभव है। एक सतोशी 0.00000001 बिटकॉइन के बराबर होता है, सो रिवॉर्ड सतोशी में व्यक्त किया जाता है। एक सातोशी को आधे में विभाजित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह बिटकॉइन नेटवर्क में मेज़रमेंट की सबसे छोटी इकाई है। एक नई रिवॉर्ड राशि निर्धारित करने के लिए एक सातोशी को आधे में विभाजित करते समय, बिटकॉइन ब्लॉकचैन को बिट-शिफ्ट ऑपरेटर का उपयोग करके अगले पूरे इन्टिजर तक राउंड डाउन करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। सतोशी के फ्रैक्शन में बिटकॉइन ब्लॉक इंसेंटिव के निरंतर राउंड डाउन के कारण, वितरित बिटकॉइन की कुल राशि 21 मिलियन से कम रहने की आशंका है।
अनुमान है कि आखिरी बिटकॉइन 2140 से पहले नहीं बन सकता, क्योंकि हर ब्लॉक जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या के मुकाबले हर चार साल में आधे से कम रह जाता है। जब बिटकॉइन पहली बार बनाया गया था, तो हर ब्लॉक में जारी किए गए नए बिटकॉइन की मात्रा 50 थी, हालांकि यह संख्या अब मई 2020 तक गिरकर 6.25 हो गई है।
हालाँकि 21 मिलियन बिटकॉइन की लिमिट है और इतने बनाए भी जा सकते हैं, लेकिन संभावना है कि प्रचलन में बिटकॉइन की संख्या बहुत कम होगी। यदि बिटकॉइन वॉलेट के मालिक अपने मुख्य पासवर्ड भूल जाते हैं या अपने वॉलेट की जानकारी दिए बिना गुज़र जाते हैं, तो अपने एसेट तक उनकी पहुँच ख़त्म हो जाएगी। क्रिप्टो फोरेंसिक फर्म चेनएनालिसिस द्वारा जून 2020 में जारी एक शोध के अनुसार, जारी किए गए सभी बिटकॉइन का 20 प्रतिशत तक स्थायी रूप से नष्ट किया जा सकता है।
जब 21 मिलियन बिटकॉइन हो जाएंगे तो क्या होगा
बिटकॉइन की अधिकतम संख्या हो जाने पर अतिरिक्त बिटकॉइन जारी /नहीं किया जाएगा, भले ही तादाद 21 मिलियन से थोड़ी कम क्यों ना हो। बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को पूल और ब्लॉक में प्रोसेस करना जारी रहेगा, और बिटकॉइन माइनरों को मुआवजा दिया जाएगा, हालांकि संभावना है कि यह केवल ट्रांजैक्शन प्रोसेस फीस के जरिये होगा है।
जब क्रिप्टोकरेंसी सप्लाय के अपर लिमिट तक पहुंच जाती है, तो संभव है कि बिटकॉइन माइनर प्रभावित होंगे, लेकिन वे कैसे प्रभावित होंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के रूप में कैसे डिवेलप होता है। यदि क्रिप्टो ब्लॉकचेन 2140 में बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन करता है, तो बिटकॉइन माइनर तब भी ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग शुल्क कमा सकते हैं।
यहां तक कि कम ट्रांजैक्शन की मात्रा और ब्लॉक रिवॉर्ड को हटाने के साथ, माइनर अभी भी 2140 में कमा सकते हैं यदि बिटकॉइन का उपयोग मुख्य रूप से दैनिक ट्रांजैक्शन के बजाय मूल्य के भंडार के रूप में किया जाता है। लाइटनिंग नेटवर्क जैसे अधिक कुशल "लेयर 2" ब्लॉकचेन के साथ रोज़मर्रा के बिटकॉइन खर्च में सहायता करने के साथ, माइनर बड़े ट्रांजैक्शन या ट्रांजैक्शन के बड़े बैच को प्रोसेस करने के लिए भारी-भरकम ट्रांजैक्शन शुल्क ले सकते हैं।
हालांकि, यदि ब्लॉक रिवॉर्ड के अभाव में माइनिंग प्रॉफिटेबल नहीं रह जाता है, तो निम्नलिखित विपरीत परिणाम हो सकते हैं:
- माइनर माइनिंग रिसोर्स पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कार्टेल बना सकते हैं और अधिक ट्रांजैक्शन चार्ज मांग सकते हैं।
- सेल्फिश माइनिंग तब होती है जब माइनर साथ मिलकर नए वैध ब्लॉकों को छिपाए रखते हैं और फिर उन्हें ऑर्फ़न ब्लॉक के रूप में जारी कर देते हैं जिन्हें किसी बिटकॉइन नेटवर्क ने कन्फर्म न किया हो। यह मेथड ब्लॉक प्रोसेसिंग पीरियड को लंबा कर सकता है और जब नए ब्लॉक आखिरकार ब्लॉकचैन को जारी किए जाएँगे तो उनके साथ बड़ी फीस होगी।
निष्कर्ष
क्या 2140 में बिटकॉइन कैश या गोल्ड बार की तरह काम करेगा? बिटकॉइन का माहौल अभी भी विकसित हो रहा है, इसलिए यह संभव है, और यदि ऐसा संभव नहीं हुआ, तो यह अगले कुछ दशकों तक विकसित होता रहेगा। हालांकि, 21 मिलियन कॉइन की लिमिट पूरी होने बाद कोई अतिरिक्त बिटकॉइन जारी नहीं किया जाएगा, चाहे बिटकॉइन का सफ़र जैसा भी हो। इस सप्लाय लिमिट तक पहुंचने का असर बिटकॉइन माइनरों पर सबसे अधिक होगा, लेकिन संभव है कि इससे बिटकॉइन इन्वेस्टर्स भी प्रभावित हों।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है जानकारी देना, न कि इन्वेस्टमेंट के लिए कोई सलाह/टिप्स देना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने की सिफारिश करना।
एंजेल वन लिमिटेड क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट और व्यापार का समर्थन नहीं करता है। यह लेख केवल शिक्षा और सूचना के उद्देश्यों के लिए है। इस तरह के जोखिम भरे कॉल करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट सलाहकार से चर्चा करें।
Pi Network क्या है | What is Pi Network | Cryptocurrency Mining 2023
Pi Network क्या है और कैसे इससे लोग लाखों रुपए कमा रहे हैं अगर आप लोगों को क्रिप्टो करेंसी के बारे में नहीं पता है तो आप लोग इस लेख को पूरा जरूर पढ़िएगा आजकल pi network बहुत ज्यादा सुप्रसिद्ध हो रहा है अपने cryptocurrency mining को लेकर इसमें लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से क्रिप्टो करेंसी मीनिंग करके थोड़े बहुत पैसे कमा लेते हैं कुछ लोग इससे ज्यादा पैसे भी कमा रहे हैं चलिए मैं आपको पियाई नेटवर्क और क्रिप्टो मीनिंग क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं
Table of Contents
क्रिप्टोकरेंसी क्या है | what is cryptocurrency in Hindi
cryptocurrency एक डिजिटल मुद्रा होती है यानी कि इससे आप लोग कभी छू नहीं सकते वह एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में जाती रहती है जिस तरह आप लोग नॉर्मल पैसा को हाथ लगा सकते हो ठीक उसी प्रकार आप लोग बिटकॉइन या जो क्रिप्टो करेंसी है उसे छू नहीं सकते वह बस आप लोग एक वायलेट में जमा करके रख सकते क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है हैं और आप यह सोच सकते हैं कि हां यह पैसा है
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क्रिप्टो करेंसी किसी सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता यह लोग अपने द्वारा कम्युनिटी बनाकर शुरू करते हैं क्रिप्टोकरंसी Blockchain technology पर आधारित रहता है और इसमें उसको सुरक्षित भी रखा जा सकता है आप लोग ना ही इसे हैक कर सकते हैं और ना इसमें कोई छेड़छाड़ कर सकते हैं इस क्रिप्टो करेंसी को आप लोग पैसा में बदलकर अपने बैंक के अकाउंट में मंगवा सकते हैं अगर आप लोगों को क्रिप्टो करेंसी के बारे में और ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप लोग यूट्यूब पर जाकर सर्च कर सकते हैं
what is cryptocurrency explain in Hindi आपको बहुत सारी अच्छी-अच्छी वीडियोस मिल जाएंगी
cryptocurrency सबसे ज्यादा पॉपुलर करेंसी बिटकॉइन माना जाता है बिटकॉइन भी डिजिटल मुद्रा है इसे आप लोग छू नहीं सकते बस आप लोग यह यकीन रख सकते हैं कि हां आप लोगों के पास इतना पैसा है जिसे हम लोग बिटकॉइन कहते हैं अब चलिए मैं आपको बताता हूं बिटकॉइन क्या है कैसे काम करता है और इसकी शुरुआत कहां से हुई इस समय 1 बिटकॉइन का कीमत 40 लाख रुपए से ऊपर है तो यह सब कैसे शुरू हुआ आप लोग जरूर जानना चाहते होंगे
बिटकॉइन क्या है | what is bitcoin explained in Hindi
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है और इसकी शुरुआत 2009 से हुई थी और उस समय बिटकॉइन बहुत ज्यादा पॉपुलर चल रही थी यह cryptocurrency Bitcoin 2009 में बहुत ज्यादा सस्ती थी यानी कि उस समय एक बिटकॉइन की कीमत ₹9000 थी लेकिन आज के समय में एक बिटकॉइन की कीमत 4000000 रुपए से भी ऊपर है
आप लोगों को स्टॉक मार्केट में बहुत सारे अलग अलग cryptocurrency देखने को मिल जाएंगे लेकिन बिटकॉइन जितनी प्रसिद्धि आज तक किसी को नहीं मिली यह बहुत ज्यादा फेमस क्रिप्टो करेंसी है और लोगों ने 2009 से 2021 आते-आते इसकी कीमत 100 गुना बढ़ा दी इस पर सरकार भी कोई रोक नहीं लगा सकती
बिटकॉइन को किसने बनाया था इसका मालिक कौन है | Who created bitcoin who owns it
जैसे की मैने आपको बताया bitcoin एक cryptocurrency है और इसको किसने बनाया है आज तक किसी को नहीं पता चला अगर आप लोग इंटरनेट पर यह जाकर सर्च करते हैं कि बिटकॉइन को किसने बनाया है या फिर बिटकॉइन का मालिक कौन है तो आप लोगों को एक चाइनीस आदमी का फोटो आता है जिसका नाम है सतोशी नाकामोतो यह चाइना का रहने वाला आदमी था और यह एक कंपनी में काम करता था ऐसा माना जाता है कि यह आदमी दुनिया में कहीं रहता ही नहीं है और कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह मर गया है जिसने बिटकॉइन बनाकर कभी भी अपना चेहरा लोगों को नहीं दिखाया कुछ लोग इसे फर्जी भी बताते हैं
pi network क्या है | What is pi network in Hindi
आप चलिए जान लेते हैं कि Pi network क्या है और हम लोग इसके जरिए बिटकॉइन से पैसे कैसे कमा सकते हैं इस एप्लीकेशन को अमेरिका में पढ़ने वाले 2 लड़कों ने बनाया था इसको 2018 में पहली बार कैलिफ़ोर्निया शहर से लांच किया गया था और इसकी प्रसिद्धि बहुत ज्यादा बढ़ गई थी क्योंकि उस समय क्रिप्टो करेंसी को माइन करना इतना आसान नहीं था लेकिन इस एप्लीकेशन में आप लोगों का काम बिल्कुल आसानी से कर सकते थे और cryptocurrency mining करके लोग अच्छे खासे पैसे भी कमा रहे थे इसीलिए यह एप्लीकेशन 2021 आते-आते पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध हो गया
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बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है | what is cryptocurrency Bitcoin mining in Hindi
Bitcoins एक ऐसी मुद्रा है जिसे कोई छू नहीं सकता और इसका मालिक हर कोई है कोई एक इंसान इसका मालिक नहीं है इसीलिए कुछ लोग दूसरे लोगों का बिटकॉइन संभालते हैं और उन्हें दूसरे लोगों के पास सुरक्षा पूर्वक भेजते हैं और इस काम से जब वह इंसान खुश होता है तो उन्हें थोड़े बहुत बिटकॉइन चार्ज के रूप में देता है और इसी से लोग काफी अच्छा खासा पैसा बना लेते हैं हालांकि आप लोग इसमें कोई धोखाधड़ी या फिर बेईमानी नहीं कर सकते क्योंकि यह बहुत ही सफलता है और बिटकॉइन को कोई भी ट्रैक नहीं कर सकता क्योंकि बिटकॉइन एक बहुत ही सेफ लेयर के अंदर रहता है
FAQ प्रश्न उत्तर
सबसे सस्ता क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?
शीबा इनु और डॉजकॉइन है
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या है ?
क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यू दिन पर दिन बढ़ता जाएगा
क्रिप्टो करेंसी से पैसे कैसे कमाए ?
आप लोग क्रिप्टो करेंसी में थोड़े बहुत पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं
फ्री बिटकॉइन कैसे कमाए ?
आप लोग बिटकॉइन माइनिंग करके कमा सकते हैं
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आप लोगों ने क्या सीखा ?
इस लेख में मैंने आपको यह बताया है कि बिटकॉइन क्या होता है बिटकॉइन कैसे काम करता है pi network क्या है और हम इससे पैसा कैसे कमा सकते है जानकारी पसंद आई होगी तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करिएगा ~ धन्यवाद ~
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है
क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर्यावरण और जलवायु के दृष्टिकोण से काफी खतरनाक है। हाल ही में इसपर की गई एक नई रिसर्च से पता चला है कि 2021 में हर बिटकॉइन के खनन से जलवायु को 11,314 अमेरिकी डॉलर के बराबर क्षति हुई थी।
वहीं शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि इसके बिटकॉइन उद्योग में परिपक्वता आने के साथ इसकी प्रति कॉइन जलवायु क्षति घटने की बजाय बढ़ रही है, जोकि चिंता का विषय है। गौरतलब है कि 2016 में जहां प्रति बिटकॉइन माइनिंग से 0.9 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन हुआ था जो 2021 में बढ़कर 113 टन पर पहुंच गया था। इस तरह देखा जाए तो इस अवधि में बिटकॉइन माइनिंग से होने वाले उत्सर्जन में करीब 125 गुना वृद्धि हुई है।
इस बारे में न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता बेंजामिन ए जोन्स का कहना है कि, "हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बिटकॉइन माइनिंग समय के साथ ज्यादा सस्टेनेबल होता जा रहा है।"
वहीं यदि 2016 से 2021 के बीच जितने बिटकॉइन की माइनिंग की गई है उसके कुल प्रभाव की गणना की जाए तो वो करीब 97,707 करोड़ रुपए (1,200 करोड़ डॉलर) के बराबर बैठती है। वहीं 2021 खनन में किए गए कुल बिटकॉइंस से होने वाली औसत वैश्विक क्षति की बात करें तो वो करीब 30,126 करोड़ रुपए (370 करोड़ डॉलर) के बराबर है।
देखा जाए तो बिटकॉइन के खनन से जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव गोल्ड माइनिंग से ज्यादा है। वहीं इसके कारण जलवायु को होने वाले नुकसान की तुलना बीफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल से की जा सकती है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्टस में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के उत्पादन का पर्यावरणीय नुकसान उसके बाजार मूल्य का औसतन 35 फीसदी है।
हालांकि 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर 82 फीसदी तक पहुंच गया था। देखा जाए तो इसकी तुलना कोयले से की जा सकती है जिसका पर्यावरण पर पड़ने वाला दबाव उसके बाजार मूल्य का करीब 95 फीसदी है। वहीं मई 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर सिक्के की कीमत के करीब 156 फीसदी के बराबर पहुंच गया था।
वहीं यदि बीफ की बात करें तो उससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव करीब 33 फीसदी है। वहीं प्राकृतिक गैस के मामले में यह आंकड़ा करीब 46 फीसदी है। वहीं गोल्ड माइनिंग का जलवायु प्रभाव उसके बाजार मूल्य का करीब 4 फीसदी है।
क्या है यह बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी होती है। देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में लोगों की इसके प्रति दिलचस्पी काफी तेजी से बढ़ी है। देशों की पारम्परिक मुद्रा को उस देश की सरकार, बैंक आदि नियंत्रित करते हैं, पर वहीं दूसरी तरफ क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा नहीं होता है। बिटकॉइन के लेनदेन का प्रबंधन बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं के एक डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क द्वारा किया जाता है, जिसका मतलब है कि इसे कोई व्यक्ति या संस्था नियंत्रित नहीं कर सकती है।
देखा जाए तो इस डिजिटल करेंसी के कारण पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला भारी दबाव उसके ऊर्जा उपयोग के कारण आता है। शोध के मुताबिक अध्ययन किए गए 20 दिनों में एक से ज्यादा दिनों में इन सिक्कों के कारण होने वाली जलवायु क्षति उत्पादित सिक्कों के मूल्य से अधिक हो गई थी।
शोध के मुताबिक यदि 2020 के आधार पर गणना करें तो उस वर्ष में बिटकॉइन माइनिंग ने 75.4 टेरावाट-घंटे प्रति वर्ष के हिसाब से बिजली का उपभोग किया था, जोकि ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल जैसे देशों के कुल बिजली उपयोग से भी ज्यादा है।
इससे पहले भी जर्नल रिसोर्सेज कंजर्वेशन एंड रीसाइक्लिंग में प्रकाशित एक अध्ययन में बिटकॉइन के कारण बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे को लेकर आगाह किया था। इस शोध के हवाले से पता चला है कि बिटकॉइन के कारण हर साल करीब 30,700 मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा होता है, जोकि अपने आप में एक बड़ी समस्या है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिटकॉइन के हर एक लेनदेन से करीब 272 ग्राम ई-वेस्ट उत्पन्न होता है, जोकि आई फोन 13 के वजन से भी कहीं ज्यादा है।
ऐसे में इन डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को कहीं ज्यादा पर्यावरण और जलवायु अनुकूल बनाने की जरुरत है। इनके लिए कड़े नियम और मानक तय किए जाने चाहिए। जिससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ रहे इनके दबाव को सीमित किया जा सके।
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है? – Cryptocurrency Mining in Hindi
Heavy powers के hardware और cryptocurrency mining सॉफ्टवर्स के मदद से नए क्रिप्टोकर्रेंसी कोइन्स को बनाया जाता है। और peer to peer network, blockchain technology व cryptography के मदद से इस Decentralised currency को हर तरह से safe रखना ही cryptocurrency mining कहलाता है। इसके पीछे लगने वालों को miners कहते है। इसको दुनिया भर में अनगिनत miners के अनगिनत mining कम्प्यूटर्स या mining मशीने साथ मिलकर कंट्रोल करते है। ताकि कोई भी इस blockchain से खिलवाड़ न कर सके।
उदाहरण के तोर पे मानो A ने B को कुछ क्रिप्टोकर्रेंसी भेजा, तो उस ट्रांसजेक्शन को miners के जरिये ही कन्फर्म किया जाता है। क्रिप्टोकर्रेंसी को Decentralised रखने के पीछे इन्ही miners की अहम भागीदारी होती है। इन सभी सर्विस को देने के लिए इन्हें, हर ट्रांसजेक्शन पर कुछ क्रिप्टोकॉइन्स reward के रूप में दिए जाते है। जो की एक तरह से इनकी fees की तरह माना जाता है।
हालांकि उससे पहले आपको माइनिंग के एल्गोरिथ्म के साथ-साथ Mathematics में भी अच्छी पकड़ होना जरूरी है। जैसे की बिटकॉइन=SHA-256 ,Ethereum=Ethash और Dogecoin=Scrypt जैसे अल्गोरिथिम का इस्तेमाल करते है। अगर आपको यही नहीं पता रहेगा तो काफी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ सकता है। ठीक वैसे ही mining सॉफ्टवेयर को अच्छे से run करने के लिए heavy power कम्प्यूटर्स का भी होना जरूरी है।
माइनिंग के तरीके
1. Solo Mining
Solo mining का मतलब अकेले ही अपने सिस्टम को काम पे लगाना। एक तरह से solo mining को hard माना जाता है। क्योंकि अकेले माइनिंग में कई सारे powerful कम्प्यूटर्स या माइनिंग मशीन की ज़रुरत पड़ती है, जो की काफी मँहगें और काफी बिजली खाने वाले होते है। और अगर आप इनकी व्यवस्था कर भी लेते हो, तो profit कमाना भी luck पर रहता है।
2. Pool Mining
Pool माइनिंग यानी की कई सारे miners एक साथ ग्रुप बना के माइनिंग करते है। जिसका plus point ये रहता है की सभी के कम्प्यूटर्स पे आने वाला भार आपस में बट जाता है। और काम आसानी से भी हो जाता हैं। जिससे ज्यादा मँहगे Systems की ज़रुरत नहीं रहती। रही बात profit की तो अगर group में से किसी एक को भी reward मिलता है तो वो पूरे ग्रुप में बाँटा जाता है। जिससे कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। पर कोशिश आपकी यही होनी चाहिए कि आप एक से ज्यादा मशीन लगायें। जिससे प्रोफिट बढ़ने का चांस बढ़ जाता है।
क्रिप्टोकर्रेंसी माइनिंग कैसे करे?
अगर आपको माइनिंग करनी है, तो सबसे पहले आपको mining में use होने वाले ASIC क्रिप्टोकर्रेंसी माइनिंग मशीन का लेना बहुत जरूरी है। फ़िलहाल माइनिंग में उपयोग होने वाले सबसे प्रसिद्ध ASIC मशीन का नाम (BITMAIN ANTMINER S5) है। हालांकि इसके बजाय आप कई सारे ग्राफिक्स कार्ड वाले कम्प्यूटर्स का भी इस्तेमाल कर सकते है। पर इन्हे माइनिंग के लिए नहीं बनाया जाता है। इसी वजह से ये माइनिंग की रफ़्तार को धीमा कर देते है। हालाँकि माइनिंग मशीन के दाम लगभग 30 हजार से लेकर लाखों तक होती है। इसी कारण से miners ने ग्राफिक्स कार्ड्स को ही आसान और सस्ता जुगाड़ बना दिया है। पर ग्राफिक्स कार्ड्स के इस तरह से मांग बढ़ने से वो भी महंगे हो गए है। जिससे लोगो में इन miners को लेकर नेगेटिव रुख ही रहता है।
दूसरी चीज इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस इलाके में रहते है और वहाँ की बिजली का क्या दाम है। क्योकि आप जब अपने सिस्टम को बिजली से जोड़ेंगे तो उसका बिल भी मोटा आना तय है। क्योंकि माइनिंग लगातार घंटों तक होती है। जिससे इसका ख्याल भी रखना बहुत जरूरी है की आप किस इलाके में है और वहां की बिजली आपके प्रॉफिट को कम तो नहीं करेगी। ये चीजें आपके प्रॉफिट पर काफी असर डालती है। जितना कम बिल आएगा उतना ही प्रॉफिट आपके पास ही रहेगा।
हालाँकि बिजली के खर्चे को कम भी किया जा सकता है। जैसे की कुछ उपाय मार्केट में पहले से उप्लब्ध है। FOR EXAMPLE = solar energy (सौर ऊर्जा ), wind energy (पवन ऊर्जा), hydro energy(पन बिजली ऊर्जा), tidal energy (ज्वारीय ऊर्जा) और geothermal energy(भूतापीय ऊर्जा), biomass energy(बायोमास ऊर्जा) इनमें से कोई भी ऊर्जा आपके बिजली की इस प्रॉब्लम से दूर कर सकता है। जिससे mining से पर्यायवरण को कोई नुकशान नहीं होगा।
और तीसरी बात, आपको बिटकॉइन या कोई भी क्रिप्टोकर्रेंसी के माइनिंग के बारे में अच्छा नॉलेज होना बहुत जरूरी है। क्योंकि जबसे बिटकॉइन hype में आया है, उसी के साथ इसकी माइनिंग में भी लोगो ने बढ़चढ़ के हिस्सा लिया है। ढीक वैसे ही इसके प्रोसेस भी hard होते गए। कयोंकि जितने ज्यादा लोग माइनिंग करेगे उतना ही कम miners को profit होगा। यही कारण है की लोगो ने ट्रेड करना ज्यादा आसान समझा।
INDIA में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग
2021 के इस टेक वाली दुनिया में भी भारत के कई गाँवो व कई शहरों में सिर्फ 5 से 10 घंटे ही बिजली रहती है। क्योंकि देश की अर्थ व्यवस्था आजादी से लेकर आजतक कभी भी इतनी नहीं रही की विकास की गति को बाढाया जा सके। और सरकारों के घोटाला करने की आदत ने सिर्फ बिजली ही नहीं बल्की देश के सभी जरूरी मामलों में विकाश नहीं हो सकना इन्ही कारणों का नतीजा है।
यही कारण है की भारत सरकर ने बिटकॉइन में ट्रेड करने को तो वैध घोषित किया है। परन्तु इसकी माइनिंग के लिए अभी भी नियमों को बनाये जा रहा है। या फिर फिलहाल ये कहना ज्यादा ठीक रहेगा की, अभी तक कोई नियम बना ही नहीं है। पर पिछले कुछ सालों में भारत के miners को mining के लिए जेल को हवा खानी पड़ी है। इसलिए एक्सपर्ट्स की माने तो जबतक भारत सरकार माइनिंग या बिटकॉइन को लेकर कोई नियम नहीं बना देती है, तब तक भारत में माइनिंग करना सेफ नहीं है।
इसीलिए भारत में क्रिप्टो माइनिंग मशीनों का आयात-निर्यात और बिक्री पूरी तरह अवैध है। अवैध होने के कारण इसकी कालाबाजारी भी धड़ल्ले से हो रही है। इसीलिए जो भी भारत में क्रिप्टो माइनिंग करते भी है वो फिलहाल तो कप्यूटर का use करते है। हालाँकि RBI के गवर्नर Mr. शक्तिकांत दास ने बिटकॉइन और फिलहाल जितने भी क्रिप्टोकर्रेंसी है उनको लेकर चिन्ता जताई है। और भारत सरकार को अघाह भी किया है की इसके प्रति जल्द से जल्द कड़े एक्शन और नियमों को लाना ही उचित रहेगा रहेगा।
निष्कर्ष
ऊपर बताई गयी सारी बातों का अगर निष्कर्ष निकला जाय तो कुछ points बनते है:
- क्रिप्टो माइनिंग का मतलब नए सिक्के बनाना और उनको safe रखना
- माइनिंग करने का दो तरीका है: pool mining और solo mining
- किससे माइनिंग करनी है ? ASIC मशीन से या फिर GPU यानि की कम्प्यूटर से
- जितने ज्यादा miners उतना कम profits
- भारत में mining को लेके कोई कानून नहीं है पर ट्रेड को वैध माना जाता है
में आशा करता हु की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप अच्छे से समझ गए होंगे की क्रिप्टोकोर्रेंसी माइनिंग क्या है और कैसे की जाती है। अगर आपके दिमाग में कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।