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और निवेश करें

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बीच में न रोकें एसआईपी:
अक्सर देखा गया है कि बाजार में गिरावट आने पर निवेशक एसआईपी रोक देते हैं या पैसा निकाल लेते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि गिरते बाजार के साथ शेयर भी सस्ते होते हैं और आपको कम पैसे में ज्यादा यूनिट मिलते हैं। फिर जब बाजार चढ़ता है तो आपकी यूनिटों की कीमत बढ़ जाती हैं, इसलिए एसआईपी बीच में रोकना आपके लिए घाटे का सौदा साबित होता है।

निवेश क्यों महत्वपूर्ण है ?

पहला घर या अपनी पहली कार खरीदने के लिए या अपने दोस्तों एवं परिवार के साथ विदेश यात्रा के लिए आप पर्याप्त धन बचाना चाहेंगे | लम्बी अविधि में आपको अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बहुत अधिक पैसे की आवश्यकता हो सकती है।सही समय पर किया गया निवेश आपके इन सब लक्ष्यों को आसानी से पूर्ण करने में सार्थक है |

चाहें आप वेतनभोगी कर्मचारी हों या व्यवसायी, बचत करने के लिए आपको अनुशासित होना आवश्यक है |

यदि आप शादीशुदा हैं तो कुल आय का 10% - 15 % अन्यथा 25 % - 30 % बचत करने का लक्ष्य रखें |बचत की राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपाजिट (RD) , म्यूचुअल फंड आदि में निवेश करके अच्छा मुनाफा किया जा सकता है | बचत से अर्जित की हुई संपत्ति से आपातकाल में भी मदद मिल सकती है |

निवेश का मूल उद्देश्य क्या है ? क्या आपको अगले 1-2 वर्षों में या 4-5 वर्षों के बाद पैसे की ज़रूरत है ? आपकी जोखिम लेने की क्या क्षमता है ? यह सभी प्रश्न सही निवेश निति तय करने के लिए आवश्यक हैं |

निवेश की सही रणनीति बनाने के लिए यह जानना बहुत जरूरी है की आप कैसे तय करें की किस अविधि में आपको धनराशि की ज़रूरत होगी | अगले भाग में हम यही तय करने के सिद्धांत समझने की कोशिश करेंगे |

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SIP Investment Tips: SIP शुरू करते समय रखें इन बातों का खयाल, वरना झेलना पड़ सकता है भरी नुकसान

SIP Investment Tips: वैसे तो सिप में निवेश करना ज्यादातर फायदे का सौदा ही साबित होता है, लेकिन कई बार कम जानकारी के कारण एसआईपी निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो इन गलतियों से जरूर बचें-

Updated: October 08, 2021 04:33:09 pm

(SIP Investment Tips), नाई दिल्ली. सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे पॉपुलर तरीका हो गया है। एसआईपी उन लोगो के लिए बेहतर है जो शेयर बाजार की पेचीदगियों से खुद को दूर रखना चाहते हैं और जो मार्केट के जोखिम से बचना चाहते हैं।

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आपको बता दें कि एसआईपी से आप अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में अपनी सुविधा के हिसाब से नियमित रूप से एक निश्चित धनराशि जमा कर सकते हैं। आज– कल लोग फंड्स की बदलती नेट असेट वैल्‍यू (NAV) के आधार पर अपने निवेश को संतुलित कर अच्‍छा पैसा बनाते हैं।


हमेशा बाजार के उछाल पर न करे निवेश:
शेयर बाजार में जब उछाल होता है तो कई निवेशक फायदा उठाने के लिए म्यूचुअल फंड में बिना सोचे निवेश करना शुरू कर देते हैं। लेकिन बाजार हमेशा स्थिर नहीं रहता, कभी ऊपर तो कभी नीचे होता रहता है। इसलिए बाजार देखकर कभी निवेश ना करें.
म्यूचुअल फंड में निवेश हमेशा अनुशासन और धैर्य से करना चाहिए, इसलिए सिस्टेमेटिक निवेश योजना के जरिये आप एक निश्चित अंतराल में थोड़ी-थोड़ी रकम और निवेश करें किसी फंड में डाल सकते हैं। ये आपके बाजार को जोखिम से बचाता है।


गिरते बाजार पर क्या करें:
ऐसे कई निवेशक हैं, जो बाजार नीचे आने पर एसआईपी रोक देते हैं और बाजार बढ़ते समय निवेश शुरू करते हैं. यह निवेश के बुनियादी सिद्धांत ‘बाय लो एंड सेल हाई’ के बिल्कुल उलट है। यह फैसला आपको घाटे में डाल सकता है। गिरते बाजार के समय भी निवेश जारी रखकर इस गलती से बच सकते हैं। बाजार की चाल का आकलन करने के बजाय निवेश अवधि के साथ मेल खाते फंड्स की कैटेगरी में निवेश करना चाहिए। इस तरह, आप निवेश की गई पूंजी को खोए बिना सही फंड चुन सकते हैं।


कम एनएवी का सस्ते फंड से और निवेश करें मतलब नहीं:
कई खुदरा निवेशक कम एनएवी (Low NAV) को सस्‍ते फंड के तौर पर लेते हैं और उनमें एसआईपी के जरिये निवेश करके ज्यादा रिटर्न की उम्‍मीद करते हैं।

बता दें कि किसी फंड की एनएवी ज्‍यादा या कम होने के कई कारण हो सकते हैं। किसी फंड की एनएवी उसके असेट अंडर मैनेजमेंट की मार्केट प्राइस पर निर्भर करती है। अच्छे मैनेजर्स वाले फंड की एनएवी दूसरे फंड्स के मुकाबले ज्‍यादा तेजी से बढ़ेगी, इस ही तरह नए फंड की एनएवी पुराने फंड के मुकाबले कम होगी क्‍योंकि नए फंड को ग्रोथ के लिए कम समय मिला है।

ऐसे में निवेशकों को म्‍यूचुअल फंड में सिप के जरिये निवेश करते समय उसकी एनएवी पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत नहीं है। निवेशक को कंपनी के पिछले प्रदर्शन पर ध्‍यान देना चाहिए और भविष्‍य की योजनाओं पर फोकस करना चाहिए।


लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट पर दें ध्यान:
म्यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न की उम्मीद जल्दी न करें, किसी साल आपको अच्छा रिटर्न मिले और किसी साल कम रिर्टन, ऐसे में निवेश न रोकें। दरअसल म्यूचुअल फंड के जरिये शेयरों में निवेश से अच्छे रिटर्न के लिए 5 से 7 साल के समय की जरूरत होती है। देखा गया है कि लंबे समय तक शेयरों में और निवेश करें निवेश अच्छा रिटर्न देता रहा है, इसलिए खराब रिटर्न पर अपना पैसा तुरंत न निकालें।

म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेशकों की चांदी, महिंद्रा स्कीम ने दिया 27.2 प्रतिशत का फायदा

बीच में न रोकें एसआईपी:
अक्सर देखा गया है कि बाजार में गिरावट आने पर निवेशक एसआईपी रोक देते हैं या पैसा निकाल लेते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि गिरते बाजार के साथ शेयर भी सस्ते होते हैं और आपको और निवेश करें कम पैसे में ज्यादा यूनिट मिलते हैं। फिर जब बाजार चढ़ता है तो आपकी यूनिटों की कीमत बढ़ जाती हैं, इसलिए एसआईपी बीच में रोकना आपके लिए घाटे का सौदा साबित होता है।


टारगेट कर करें निवेश:
म्यूचुअल फंड के तहत निवेश करने से पहले आपके अपने टारगेट साफ होने चाहिए कि आप किस काम के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। तभी आप सही फंड चयन कर सकेंगे, जो लोग बिना टारगेट निवेश करते है वे अक्सर गलत फंड में अपना पैसा लगा देते हैं।

स्थिरता रखें:
फंड के मामले में दूसरों की देखा-देखी या खरीद-बिक्री न करें इस से आपको नुकसान हो सकता है, हर किसी के वित्तीय लक्ष्य और स्थितियां एक जैसी नहीं होती हैं। इसलिए अपने टारगेट और जेब के हिसाब से निवेश करें, कई बार हम फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं लेकिन ध्यान रखें कि फंड का रिटर्न बदलता रहता है. फंड का मूल्य हर तिमाही में बदलता है।

Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प

पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.

Published: October 29, 2020 5:08 PM IST

Rs 500 Note

आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके और निवेश करें साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.

पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कंपनियों के शेयरों में निवेश

शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.

रेकरिंग टर्म डिपॉजिट

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड्स में निवेश

आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम और निवेश करें से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds और निवेश करें स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.

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ये हैं और निवेश करें निवेश के लिए 10 सबसे अच्‍छे म्‍यूचुअल फंड

हमने पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं.

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यह भी मुमकिन है कि जिन स्‍कीमों के नाम बताए जाएं, वे लक्ष्‍यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल न हों. यही देखते हुए हमने टॉप 10 म्यूचुअल फंड स्‍कीमों की एक लिस्‍ट बनाई है. इसमें पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना गया है. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं. हमारा मानना है कि नियमित म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ये पर्याप्त होनी चाहिए.

टॉप 10 स्‍कीमों की लिस्‍ट
1. एक्सिस ब्‍लूचिप फंड
2. मिराए एसेट लार्जकैप फंड
3. पराग पारेख लॉन्‍ग टर्म इक्विटी फंड
4. कोटक स्‍टैंडर्ड मल्‍टीकैप फंड
5. एक्सिस मिडकैप फंड
6. डीएसपी मिडकैप फंड
7. एक्सिस स्‍मॉलकैप फंड
8. एसबीआई स्‍मॉलकैप फंड
9. एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
10. मिराए एसेट और निवेश करें हाइब्रिड इक्विटी फंड

हालांकि, इन स्‍कीमों में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. पहली बात यह कि हर एक कैटेगरी के बारे में जानें और पता करें कि क्‍या वह आपके निवेश के लक्ष्‍य और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाती है.

एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 65-80 फीसदी इक्विटी में निवेश करना जरूरी है. बाकी का 20-35 फीसदी उन्हें डेट में निवेश करना होता है. ये पूर्व की बैलेंस्ड या इक्विटी हाइब्रिड स्कीमों की तरह निवेश करती हैं. इक्विटी में कम से कम 65 फीसदी निवेश की सीमा के चलते इन पर इक्विटी स्कीमों की तरह टैक्स लगता है.

इसमें 'एग्रेसिव' शब्द से आपको भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई म्यूचुअल फंड एडवाइजर नए निवेशकों को एग्रेसिव हाइब्रिड स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह देते हैं. उनकी दलील होती है कि इक्विटी और डेट का मिलाजुला पोर्टफोलियो उथल-पुथल के दौरान इन्हें स्थिरता देता है.

वहीं, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें बेहद बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. सेबी के वर्गीकरण नियमों के अनुसार, लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. चूंकि ये स्कीमें अपेक्षाकृत कम अस्थिर होती हैं. इसलिए इनमें रिटर्न भी सामान्य होता है. ऐसे में लार्जकैप स्कीमों में निवेश करते हुए रिटर्न की अपेक्षाओं को वास्तविक रखने की जरूरत है.

मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं. इनमें बड़े आकार की कंपनी बनने का दमखम होता है. बेशक इनके साथ जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है. लेकन, इनसे अधिक रिटर्न की भी अपेक्षा की जा सकती है. एडवाइजर नए निवेशकों को मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों की सलाह नहीं देते हैं. न ही उन्हें इन स्कीमों में पैसा लगाने को कहा जाता है जो अपने निवेश के साथ ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं.

स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए अपनी कुल रकम का 80 फीसदी छोटी कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. शेयर बाजार में 250वें पायदान के नीचे आने वाली सभी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. इनमें हमेशा सात से 10 साल की लंबी अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए. छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं. इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है. नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है.

मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं. सेबी के नए नियमों के अनुसार, मल्‍टीकैप स्‍कीम को अपने कुल एसेट का कम से कम 75 और निवेश करें फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्‍ट्रूमेंट में निवेश करना होगा. उनके लिए लार्ज, मिड और स्‍मॉलकैप शेयरों में न्‍यूनतम 25-25 फीसदी निवेश करना अनिवार्य किया गया है.

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