कॉमर्स संदर्भ

It has come to notice that a Dibrugarh University student is hurt in an alleged case of ragging. Close watch maintained & followup action coordinated with district admn. Efforts on to nab the accused, victim being कॉमर्स संदर्भ provided medical care.
Appeal to students, say NO to Ragging.
इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स क्या है ? | what is electronic commerce
ई - कॉमर्स के नाम से भी प्रचलित इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के ज़रिए इंटरनेट पर वस्तुओं को खरीदा एवं कॉमर्स संदर्भ बेचा जाता है । क्या आपने कभी इंटरनेट से कुछ खरीदा है ? यदि नहीं , तो संभव है कि आप अगले एक या दो वर्षों में ऐसा करें इंटरनेट पर खरीददारी तेजी से विकसित हो रही है तथा इसका कोई अंत नहीं दिखाई देता । ई - कॉमर्स के तेज विकास का प्रमुख कारण यह है कि यह खरीददारों एवं विक्रेताओं दोनों को लाभ की सुविधाएं उपलब्ध कराता है । खरीददार के संदर्भ में , वस्तुएं तथा सेवाएं दिन - रात किसी भी समय खरीदी जा सकती है । जबकि परंपरागत विपणन में व्यापार तब तक सीमित होता है , जब तक दुकानें खुली रहती है । इसके अतिरिक्त खरीददार को विक्रेता की दुकान पर स्वयं जाने की आवश्यकता नहीं होती है । उदाहरण के लिए , छोटे बच्चों के व्यस्त माता - पिता को खरीददारी करने के लिए अलग से समय निकालने या बेबी सिटर की आवश्यकता नहीं होती है । विक्रताओं के संदर्भ में , दुकान पर होने वाले खर्चों से जुड़ी लागतों को बचाया जा सकता है । उदाहरण के लिए , एक संगीत स्टोर वास्तविक स्टोर को खोले बिना तथा बिना कर्मचारियों की भीड़ जमा किए पूरी तरह से वेब पर चल सकता है । इसके फलस्वरूप स्टॉक की मात्रा कम होती है । परंपरागत स्टोरों में वस्तुओं के स्टॉक का प्रबंधन किया जाता है तथा समय - समय पर इस स्टॉक को गोदाम से पूरा करते हैं । ई - कॉमर्स में , किसी स्टॉक की आवश्यकता नहीं होती तथा वस्तुओं के गोदाम से सीधे भेजा जाता है ।
जहां ई - कॉमर्स के कई लाभ है , वहीं कुछ नुकसान भी हैं । इसके अवगुणों में शामिल हैं , वस्तुओं को तुरंत ग्राहक तक पहुंचाने में अक्षमता , खरीददारी के समय वस्तु को आजमाया नहीं जा सकता , तथा ऑनलाइन भुगतान में सुरक्षा से संबंधित मामले । हालांकि इन तथ्यों पर विचार किया जा रहा है , लेकिन बहुत कम पर्यवेक्षक मानते हैं कि ई - कॉमर्स पूरी तरह से सामान्य व्यापार को स्थानांतरित कर सकता है । स्पष्ट है कि ये दोनों साथ में रहेंगे तथा ई - कॉमर्स का विकास जारी रहेगा ।
किसी अन्य व्यापार की तरह , इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स में दो पक्ष शामिल होते हैं- व्यापारी तथा उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के तीन मूल प्रकार हैं ।
बिज़नेस टू कन्ज्यूमर ( B2C ) आम लोगों या उपभोक्ताओं के लिए किसी उत्पाद या सेवा की बिक्री करता है । अक्सर इस व्यवस्था के माध्यम से उत्पादक अपने उत्पाद उपभोक्ता को सीधे बेचता है तथा बिचौलियों का महत्व खत्म हो जाता है । इसके अतिरिक्त , मौजूदा फुटकर विक्रेता वेब के माध्यम से भी अपने उपभोक्ता तक पहुंचने के लिए वेब पर अपनी मौजूदगी बनाने के लिए बी - 2 - सी ई - कॉमर्स का उपयोग करते हैं ।
कन्ज्यूमर टू कन्ज्यूमर ( C2C ) वस्तुएं बेचने के लिए विभिन्न व्यक्तियों को शामिल करता है । यह अक्सर क्लासीफाइड विज्ञापनों या किसी नीलामी के एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में नज़र आता है ।
बिज़नेस टू बिज़नेस ( B2B ) व्यापार में दो व्यापारियों का आपस में उत्पादन और सेवाओं की बिक्री होती है । यह विशेष रूप से उत्पादक - वितरक के बीच का संबंध है । जैसे , एक फर्नीचर उत्पादक को कच्चे माल की आवश्यकता होती है जैसे लकड़ी , पेंट तथा वार्निश ।
बिज़नेस टू कन्ज्यूमर ई - कॉमर्स ई - कॉमर्स का सबसे ज़्यादा विकसित रूप है , बिजनेस टू कन्ज्यूमर बड़ी कॉर्पोरेशन , छोटी कॉर्पोरेशन , तथा आरंभिक व्यापारियों के द्वारा इसका उपयोग किया जाता है । क्योंकि ई - कॉमर्स कॉमर्स संदर्भ में शुरुआती कंपनियों को बड़े व्यवस्थित व्यवसाय के साथ प्रतिस्पर्द्धा करने के लिए परंपरागत रिटेल आउटलेट तैयार करने के लिए ज्यादा निवेश और बड़ी मार्केटिंग तथा सेल्स स्टाफ की जरूरत नहीं होती है । व्यापक रूप में सर्वाधिक उपयोग किए जाने वाले B2C एप्लीकेशन में से तीन हैं , ऑनलाइन बैंकिंग , वित्तीय व्यवसाय तथा खरीददारी ।
ऑनलाइन बैंकिंग , बैंकिंग सेवाओं की मुख्य विशेषता बनता जा रहा है । ग्राहक कई बैंकिंग सेवाओं को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन जा सकते हैं । इन ऑनलाइन ऑपरेशन में एक्सेसिंग अकाउंट सूचना , बैलेंस चेक बुक , फंड स्थानांतरण , बिल भुगतान तथा ऋण के लिए आवेदन शामिल करना आदि शामिल हैं ।
ऑनलाइन स्टॉक व्यापार , इंटरनेट पर निवेशकों को स्टॉक्स तथा बॉन्ड्स के बारे में शोध करने , खरीदने एवं बेचने की अनुमति देता है । ई - ट्रेडिंग एक परंपरागत फुल सर्विस ब्रोकर के उपयोग से कहीं ज्यादा सुविधाजनक होती है ।
ऑनलाइन खरीददारी इंटरनेट पर उपभोक्ता को वस्तुओं को विस्तृत रूप से खरीदने एवं बेचने की सुविधा प्रदान करती है । ( चित्र 2-18 देखिए ) इस क्षेत्र में हज़ारों ई - कॉमर्स की एप्लीकेशन उपलब्ध हैं । संयोगवश , ऐसी अनेक वेब साइट हैं जो उपभोक्ताओं को उत्पादों की तुलना करने तथा कम कीमतों का पता लगाने के लिए सहायता उपलब्ध कराती हैं ।
कंज्यूमर टू कंज्यूमर ई - कॉमर्स C2C ई - कॉमर्स में एक नया व्यापार है । वेब ऑक्शन परंपरागत नीलामी जैसा ही होता है , सिवाए इसके कि इनमें खरीददार व विक्रेता कभी - कभी ही एक साथ ऑनलाइन होते हैं , यदि कभी होते भी हैं तो आमने सामने यदा - कदा ही मिलते हैं । विक्रेता किसी वेब साइट पर उत्पादों का विवरण पोस्ट करते हैं तथा खरीददार इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही बोली लगाते हैं । परंपरागत नीलामी की तरह , कभी - कभी बोली काफी ज्यादा स्पर्धात्मक तथा उत्साहवर्द्धक बन जाती हैं । मूल रूप में वेब ऑक्शन साइट्स के दो मूल प्रकार हैं .
ऑक्शन होम साइट्स पर बोली लगाने वालों को उन वस्तुओं को सीधे बेचा जाता है । ऑक्शन हाउस का मालिक उन वस्तुओं को प्रदर्शित करता है जो विशेष रूप से एक कंपनी के अत्यधिक स्टॉक से होती है । ये साइट्स परंपरागत नीलामी की तरह काम करती हैं , तथा कम कीमतें असाधारण नहीं होती । ऑक्शन हाउस साइट्स आमतौर पर खरीददारी के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं ।
सपोर्ट साइट
- उत्पादों की तुलना :- www.shopping.com
- स्थानों का पता लगाना :- www.overstock.com
- कूपन प्राप्त करना :- www.ebates.com
पर्सन पर्सन वेब ऑक्शन साइट्स छोटी मार्केट की तरह संचालित की जाती है । साइट के मालिक अनेक खरीददारों तथा विक्रेताओं के लिए एक साथ एक फोरम उपलब्ध कराता है । जबकि इन साइट्स के मालिक विशेष रूप से बोली लगाने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं , वह लेन - देन पूरा करने में तथा बेची गई वस्तुओं की प्रमाणिकता की जांच करने में शामिल नहीं होते । छोटी मार्केट पर खरीददारी से खरीददार तथा बेचने वालों को सावधान रहने की आवश्यकता नहीं होती । सर्वाधिक लोकप्रिय वेब ऑक्शन साइट्स की सूची के लिए चित्र देखिए ।
सुरक्षा :- ई - कॉमर्स की सबसे बड़ी चुनौती है वस्तुओं को खरीदने के लिए तेज , सुरक्षित , तथा विश्वसनीय भुगतान विधि को विकसित करना । भुगतान के तीन मूल विकल्प हैं , चेक , क्रेडिट कार्ड तथा इलेक्ट्रॉनिक कैश ।
- चेक सर्वाधिक परंपरागत तरीका है । दुर्भाग्यवश , चेक से खरीददारी करने में इसे पूरा करने में अधिक समय लगता है । किसी वस्तु को चुनने के बाद खरीददार डाक के ज़रिए चेक भेजता है । चेक प्राप्त होने पर विक्रेता जांच करता है कि चेक सही है कि नहीं । यदि सही होता है , तो खरीदी गई वस्तु को भेज दिया जाता है ।
- क्रेडिट कार्ड से की जाने वाली खरीददारी चेक की अपेक्षा अधिक तेज़ और सुविधाजनक होती है । हालांकि इसमें खरीददार तथा विक्रेता दोनों के लिए क्रेडिट कार्ड से होने वाली धांधली के प्रति चिंता का मुख्य विषय होता है । कार्डरस के नाम से प्रसिद्ध अपराधी , क्रेडिट कार्ड को चोरी करने तथा उनसे खरीददारी करने में कुशल होते हैं , तथा चुराए गए क्रेडिट कार्डों का इंटरनेट पर उपयोग करते हैं ।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय: रैंगिंग से तंग आकर छात्र हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदा, हालत गंभीर, 5 गिरफ्तार
डिब्रूगढ़ पुलिस ने छात्र के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर एक पूर्व और चार वर्तमान छात्रों को गिरफ्तार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने छात्रों से "रैगिंग को ना कहने" की अपील की है।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय: रैंगिंग से तंग आकर छात्र हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदा, हालत गंभीर, 5 गिरफ्तार
Highlights छात्र को गंभीर चोटों के साथ नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और उन्हें निगरानी में रखा गया है परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर एक पूर्व और चार वर्तमान छात्रों को गिरफ्तार किया गया मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने छात्रों से "रैगिंग को ना कहने" की अपील की
गुवाहाटी: असम पुलिस ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में कथित तौर पर जूनियर छात्रों की रैगिंग करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जब कॉमर्स डिपार्टमेंट में जूनियर वर्ष के छात्र आनंद सरमा ने कथित तौर पर वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित क्रूर हमले से खुद को बचाने के लिए छात्रावास की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी।
छात्र को गंभीर चोटों के साथ नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और उन्हें निगरानी में रखा गया है। डिब्रूगढ़ पुलिस ने छात्र के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर एक पूर्व और चार वर्तमान छात्रों को गिरफ्तार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने छात्रों से "रैगिंग को ना कहने" की अपील की है।
उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट किया, "यह संज्ञान में आया है कि डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के एक छात्र को रैगिंग के एक कथित मामले में चोट लगी कॉमर्स संदर्भ है। कड़ी निगरानी रखी गई थी और जिला प्रशासन के साथ अनुवर्ती कार्रवाई का समन्वय किया गया था। आरोपी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।" , पीड़ित छात्र को चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही है"।
It has come to notice that a Dibrugarh University student is hurt in an alleged case of ragging. Close watch maintained & followup action coordinated with district admn. Efforts on to nab the accused, victim being provided medical care.
Appeal to students, say NO to Ragging.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके साथ दो और जूनियर्स भी थे जो कथित तौर पर रैगिंग के शिकार हुए थे। एंटी-रैगिंग टास्क फोर्स सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस घटना पर ध्यान दिया है और इससे पहले की घटनाओं की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक पीड़िता की मां ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कुछ बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। दोषियों के खिलाफ डिब्रूगढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने वाली सरिता सरमा ने आरोप लगाया कि यह घटना उनके बेटे की रैगिंग के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने, उसे मारने का प्रयास करने, उसके पैसे लूटने और उसका मोबाइल फोन छीनने का परिणाम थी।
पीड़ित छात्र की मां ने अपने बेटे के हाथ में जबरन शराब और गांजा देकर आपत्तिजनक तस्वीरें लेने की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर उनके भविष्य के बचाव के लिए आधार तैयार करने की साजिश का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "मेरा बेटा पिछले चार महीनों से कह रहा है कि उसे सीनियर छात्रों द्वारा प्रताड़ित किया गया है। कल रात, उसने मुझे फोन किया कि मैं हॉस्टल जा रहा हूँ, और मुझे बताया कि वे मुझे पूरी रात, सुबह तक प्रताड़ित करते हैं। मेरे बेटे की हड्डी टूट गई है पैर और उसकी छाती पर चोट लगी।"
वैश्विक अध्ययन : छह प्रमुख ई-कॉमर्स और पार्सल डिलीवरी कंपनियां 66 % लास्ट माइल उत्सर्जन करती हैं
ई-कॉमर्स डिलीवरी के कुल कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन के आधे के लिए जिम्मेदार
- भारत में प्रति डिलीवरी उत्सर्जन 285 ग्राम कार्बन डाईऑक्साइड होता है उत्सर्जन
New Delhi (Pravin Kumar) : स्टैंड.अर्थ रिसर्च ग्रुप द्वारा किए गए नए शोध, जिसे क्लीन मोबिलिटी कलेक्टिव द्वारा कराया गया है, के अनुसार छह सबसे बड़ी वैश्विक डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियां अकेले लगभग 4.5 मेगाटन सीओ-2 (कार्बन डाईऑक्साइड) का लास्ट माइल उत्सर्जन (पार्सल डिलीवरी में वितरण केंद्र से गंतव्य स्थल तक पहुंचने के आखिरी चरण के दौरान होने वाला उत्सर्जन) करती हैं. आने वाले वर्षों में इस आंकड़े में तेज वृद्धि की आशंका है. यह लगभग 10 लाख पेट्रोल सवारी वाहनों से होने वाले सालाना सीओ-2 उत्सर्जन के बराबर है.
इनमें पारदर्शिता की भी कमी
रिपोर्ट में समग्र उत्सर्जन करने वाली शीर्ष छह कंपनियों पर प्रकाश डाला गया है: यूपीएस, फेडेक्स, अमेजन लॉजिस्टिक्स (अमेजन का लॉजिस्टिक्स और कूरियर डिवीजन), डीपीडी (डीटीडीसी इंडिया का रणनीतिक साझेदार और महत्वपूर्ण हितधारक), ईकार्ट (फ्लिपकार्ट का कूरियर डिवीजन), और डीएचएल ई-कॉमर्स सोल्यूशंस (ड्यूश पोस्ट डीएचएल ग्रुप का कूरियर डिवीजन). ये कंपनियां शून्य-उत्सर्जन वितरण प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में बहुत पीछे हैं और इनमें पारदर्शिता की भी कमी है.
90 कूरियर कंपनियों पर शोध किया
रिसर्च ग्रुप के प्रमुख लेखक ग्रेग हिग्स ने कहा, “हमने यूरोप, भारत और उत्तरी अमेरिका में 90 कूरियर कंपनियों पर शोध किया. उनमें कोई भी कंपनी अपने लास्ट माइल उत्सर्जन के बारे में खुल कर नहीं बोलती हैं. हमने पाया कि मूल कंपनियों के बारे में हमारे पास एकत्र आंकड़ों के अनुसार सीओ-2 उत्सर्जन के दो-तिहाई से अधिक उत्सर्जन के लिए शीर्ष छह कंपनियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, ये छह कंपनियां शेष कई कंपनियों को वितरण सेवाएं ठेके पर देने वाली मुख्य कंपनियां हैं, ऐसे में उनका पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर और भी ज्यादा नकारात्मक असर होने की संभावना है.”
लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे
लोजिस्टिक्स कंपनियों पर भी शोध
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि भारत और अन्य क्षेत्रों में होने वाला लास्ट माइल सीओ-2 उत्सर्जन ई-कॉमर्स डिलीवरी से होने वाले कुल उत्सर्जन का कम-से-कम आधा है. हालांकि अध्ययन में भारत के दो प्रमुख और बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट पर शोध किया गया है, लेकिन इसके आलावा महत्वपूर्ण उपस्थिति रखने वाली और इन कंपनियों को डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने वाली कई प्रकार की अन्य कूरियर और लोजिस्टिक्स कंपनियों पर भी शोध किया गया, और उत्सर्जन एवं पारदर्शिता संबंधित निष्कर्ष एक समान मिले. शोध में शामिल कुछ प्रमुख भारतीय कूरियर और लास्ट माइल डिलीवरी कंपनियां हैं: डेल्हीवरी, डीटीडीसी इंडिया, ब्लू डार्ट एक्सप्रेस, शैडोफैक्स, ईकॉम एक्सप्रेस. रिपोर्ट में भारत से संबंधित अन्य विशिष्ट निष्कर्ष बताते हैं कि भारत का लास्ट माइल उत्सर्जन प्रति डिलीवरी (285g सीओ-2) है जो कि वैश्विक भारित औसत (204g सीओ-2) से काफी अधिक है. इसके अलावा, पांच भारतीय शहर – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और चेन्नई – फ्रांस और कनाडा जैसे देशों के कुल लास्ट माइल उत्सर्जन की तुलना में लास्ट माइल डिलीवरी से अधिक सीओ-2 उत्सर्जित करते हैं.
उच्चतर भारतीय आंकड़े चिंताजनक
वैश्विक या यूरोपीय आंकड़ों की तुलना में औसत प्रति पार्सल डिलीवरी से संबंधित उच्चतर भारतीय आंकड़े चिंताजनक हैं. भारत में ज्यादा उत्सर्जन संभवतः इस कारण हो सकता है, क्योंकि अन्य क्षेत्रों की तुलना में भारतीय शहरों में भीड़-भाड़ ज्यादा है. भारत को अपने लास्ट माइल डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल लिए महत्वाकांक्षी अंतरण (ट्रांजिशन) सुनिश्चित करने से लाभ होगा. इसका मतलब होगा भीड़-भाड़ वाले शहरों में स्वच्छ हवा, कार्बन उत्सर्जन में कमी और अस्थाई कामगारों के लिए बचत. ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियों को अपने असर और भविष्य की विकास योजनाओं पर विचार करते हुए यह अंतरण लागू करना चाहिए.
कार्बन उत्सर्जन ख़त्म करने वाले नीतियों की पहचान करता है
रोचक बात यह है कि भारतीय घरेलू ब्रांड फ्लिपकार्ट, 2030 तक अपने लास्ट माइल फ्लीट को ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है. इसकी आकांक्षा है कि 2030 तक क्लाइमेट ग्रुप के 100 % ईवी फ्लीट्स के ईवी100 लक्ष्य के साथ 2040 तक अपने संचालन से शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य भी हासिल करे. इसके अलावा, केंद्र और कई राज्य सरकारों द्वारा घोषित और कार्यान्वित ढेर सारे नियामकों और पहल के साथ, भारत में इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का अग्रदूत बनने के लिए संदर्भ और अवसर मौजूद हैं. इस अध्ययन के निष्कर्ष पहले से ही नीति आयोग के शून्य अभियान के जरिए वितरण क्षेत्र में त्वरित ईवी अंतरण के लिए शामिल नीतिगत प्राथमिकता और इरादे को निर्दिष्ट करते हैं. उदाहरण के लिए यह अध्ययन दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्य में लास्ट माइल डिलीवरी क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन ख़त्म करने वाले नीतियों की पहचान करता है.
हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है
क्लीन मोबिलिटी कलेक्टिव इंडिया कोऑर्डिनेटर सिद्धार्थ श्रीनिवास ने कहा, “हर दिन लाखों डिलीवरी वाहनों के कम दूरी की यात्राओं से प्रदूषण, धुंध, वायु गुणवत्ता, और अंततः, हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य के शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि उद्योग और व्यवसाय हमारी सरकारों के साथ मिलकर अपने उत्सर्जन के बारे में पूरी ईमानदारी दिखाएं और इसे कम करने के लिए उपयुक्त एवं समयबद्ध योजनाओं के लिए प्रतिबद्ध हों.”
यह विश्व स्तर पर सभी उद्योगों में व्याप्त
इस क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, क्लाइमेट ग्रुप के बिजनेस एक्शन्स इंडिया के प्रमुख अतुल मुदलियार ने कहा, “यह केवल ई-कॉमर्स या डिलीवरी क्षेत्र की समस्या नहीं है, यह विश्व स्तर पर सभी उद्योगों में व्याप्त है. किसी कंपनी के प्रत्यक्ष नियंत्रण के बाहर होने वाला स्कोप 3 उत्सर्जन, जिसका अर्थ ठेके पर काम करने वाले लास्ट माइल डिलीवरी साझेदारों सहित विस्तारित आपूर्ति श्रृंखला से होने वाले उत्सर्जन से है, मापना सबसे कठिन होता है और इस कारण इसके बारे में कम-से-कम रिपोर्ट किया जाता है. उद्योग जगत का ज्यादा ध्यान स्कोप 1 और स्कोप 2 प्रबंधन, जो कंपनियों के संचालन से संबंधित आंतरिक उत्सर्जन पर लागू होते हैं, पर रहा है क्योंकि यह शुरू करना आसान है लेकिन दृष्टिकोण धीरे-धीरे बदल रहा है और यह बदलाव तेज करने की जरूरत होगी. यदि ई-कॉमर्स में स्कोप 3 उत्सर्जन का बड़ा कारण है तो उद्योग-जगत को पारदर्शी लेखांकन और प्रकटीकरण में में निवेश करना चाहिए.”
भारत में 2030 तक 350 अरब डॉलर का बाजार होगा
मुदलियार ने आगे कहा, “भारत में 2030 तक 350 अरब डॉलर का बाजार होगा जो इस समस्या से निपटने का रास्ता दिखा सकता है. यह ध्यान दिलाना महत्वपूर्ण है कि रिपोर्ट में भारतीय घरेलू ब्रांड फ्लिपकार्ट की सराहना के गई है. यह ब्रांड क्लाइमेट ग्रुप के ईवी100 अभियान के तहत 2030 तक अपने संपूर्ण लास्ट माइल फ्लीट के अंतरण के साथ-साथ 2040 तक स्कोप 3 सहित शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए अपनी विस्तारित वैल्यू चेन को इस अभियान में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
प्रधान पाठक मंच व सहायक शिक्षक/शिक्षक LB संवर्ग की 22 मांगों को लेकर संगठन ने सौंपा मांगपत्र
रायपुर।विगत दिनों “छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” एवं “सहायक शिक्षक/शिक्षक एलबी संवर्ग” के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू के नेतृत्व में शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी के अटल नगर स्थित नया रायपुर पहुंचा था। जहां मंत्रालय/संचनालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उच्चाधिकारियों को “प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” एवं “सहायक शिक्षक/शिक्षक एलबी संवर्ग” के 22 मांगों को लेकर 22 अलग-अलग मांग पत्र सौंपा।
जिसमें सहायक शिक्षकों का राज्य स्तरीय ट्रांसफर लिस्ट जारी करने, प्रधान पाठक सहित समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग का प्रथम सेवा गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान एवं पुरानी पेंशन देने, सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग के वेतन विसंगति को सुधार करते हुए 5200 + 2400 की जगह 9300 + 4200 वेतनमान करने, सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति कमेटी का रिपोर्ट तत्काल जारी करने, स्थानांतरित शिक्षक एलबी संवर्ग की वरिष्ठता बहाल करते हुए इन्हें तत्काल पदोन्नति देने, एमए अंग्रेजी वालों को यूडीटी के पदों पर पदोन्नति देने, संस्कृत एमए वालों को यूडीटी के पदों पर पदोन्नति देने, बिलीव योग्यता धारियों को यूडीटी के पदों पर पदोन्नति देने, 2019 में संविलियन हुए शिक्षकों को भी वन टाइम रिलैक्सेशन का लाभ देते हुए उनका पदोन्नति करने, प्राथमिक प्रधान पाठक एवं सहायक शिक्षक दोनों में से संयुक्त वरिष्ठता सूची जारी कर वरिष्ठ प्रधान पाठक/सहायक शिक्षक को यूडीटी के पदों पर पदोन्नत करने, नवनियुक्त स्टाइपेड वाले शिक्षको को पूरा वेतनमान देने, समयमान वेतनमान का एरियर राशि निकालने, स्वयं के खर्च से डीएड/बीएड करने वाले शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि का लाभ देने, कॉमर्स विषय में स्नातक डिग्री धारियों को यूडीटी के पदों पर पदोन्नति देने, हिंदी एवं संस्कृत को अलग-अलग विषय मानकर विषयवार पदोन्नति देने, वर्तमान में तात्कालिक सर्वे करके मिडिल स्कूलों में यूडीटी के रिक्त संपूर्ण पदों पर पदोन्नति करने, यूडीटी के पदोन्नति योग्य रिक्त पदों की संख्या में वृद्धि करने सहित विभिन्न 22 मांगों को लेकर, 22 नग अलग अलग मांग पत्र मंत्रालय/संचालनालय में दिया गया।
सहायक शिक्षकों का राज्य स्तरीय ट्रांसफर सूची जारी करने एवं शिक्षक व व्याख्याता एलबी संवर्ग का द्वितीय अर्थात पूरक सूची तत्काल जारी करने सहित शिक्षक एलबी संवर्ग के 22 मांगों को पूर्ण करने हेतु आगामी 8 दिसंबर को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन/आंदोलन/हड़ताल एवं मंत्रालय/संचनालय का घेराव का कार्यक्रम प्राथमिक प्रधान पाठक मंच एवं शिक्षक एलबी संवर्ग के बैनर तले रखा गया है।
संगठन के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि उपरोक्त संबंध में विगत 28 नवंबर को मंत्रालय संचालनालय जाकर उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। जिसमें सहायक शिक्षकों के राज्य स्तरीय स्थानांतरण (ट्रांसफर) सूची जारी करने की मांग को प्रमुखता से रखते हुए हड़ताल की सूचना दी गई है।
इसके साथ साथ 22 अलग-अलग मांगों को लेकर भी प्रदेश सरकार के नाम संचालनालय मंत्रालय में ज्ञापन सौंपा गया है। उपरोक्त मांगों को भी लेकर आगामी 8 दिसंबर को प्रदेश की राजधानी रायपुर में एक दिवसीय जंगी प्रदर्शन है।
प्रदेश के समस्त प्राथमिक प्रधान पाठक, सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग, शिक्षक एलबी संवर्ग एवं व्याख्याता एलबी संवर्ग संगठन के द्वारा अपील की जाती है कि प्रदेशभर के शिक्षक साथी अपनी सभी मांगों को लेकर आगामी 8 दिसंबर को एक दिवस का अवकाश लेकर उपरोक्त धरना प्रदर्शन में अधिक से अधिक कॉमर्स संदर्भ संख्या में शामिल होवे।
सभी शिक्षक संवर्ग का उनकी मांगों के संदर्भ में आगामी 8 दिसंबर को धरना प्रदर्शन कर अलग-अलग मांग पत्र सौंपा जाएगा। साथ ही सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग की स्थानांतरण सूची जारी करने सहित अन्य सभी मांगों को लेकर अलग से ज्ञापन सरकार को सौंपा जाएगा। एवं तत्काल स्थानांतरण सूची जारी करने की मांग की जाएगी।
संगठन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परसराम निषाद, केशव पटेल, जिलाध्यक्षद्वय महेश्वर कोटपरहिया, परमेश्वर साहू, महेंद्र टंडन, बरतराम रत्नाकर, धन्नू लाल साहू, निर्मल भट्टाचार्य, उत्तम कुमार जोशी, सुनील कुमार गुप्ता, पुरुषोत्तम शर्मा एवं पदाधिकारीद्वय देवानंद नेताम, रमेश तिर्की, भुवन मंडावी, सजीत राठौर, अमित देशमुख, भूखन पटेल, रंजीत साहू, विजयभूषण द्विवेदी, नोहर लाल देवांगन, निहारिका साहू, नेहा पांडे, विनीता साहू, अजय सिन्हा, भुवनेश्वर मंडावी, दरबान एक्का, नीतू रजक, देवनारायण कश्यप, हर्ष त्रिपाठी, रंजीता कोटरे, जानकी ठाकूर, निमेष दुग्गा, नारायण शेन, शंकर सारथी, अब्दुल वाहिद खान, असरफ सेख, गीता रजक, दुधनाग देवांगन, बाबूलाल गुप्ता, बैजनाथ यादव, बनवाली विश्वकर्मा, भोज सिन्हा, हेमराज साहू, गोविंद भगत, मंजुलता साहू, सुधीर प्रधान, महेंद्र गौतम, विष्णु दुबे, सलमान खान, राधेश्याम पांडे, प्रमोद कंवर, नीरा पाठक, खेमराज रजक, गिरधर साहू, कन्हैया सिंह, गिरधर लाल, जितेंद्र मंडावी, देवी कंवर, विजेता सिन्हा, महेश पाठक, प्रीतम साहू, मूरत सेठ, राजेश चतुर्वेदी, गौतम शर्मा आदि ने प्रदेश के समस्त शिक्षको से अपील किया है कि समस्त साथी आगामी 08 दिसंबर को अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर उक्त आंदोलन को सफल बनाएं।