उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट

“अगर आप स्मार्टली इन्वेस्ट करेंगे तो ना सिर्फ आप अपने भविष्य के गोल्स को पूरा कर पाएंगे बल्कि आप टैक्स भी अधिकतम बचा लेंगे।” – Mr Manish Saluja, Certified Financial PlannerCM & Advisor
लेनदेन क्लब ने राजस्थान में लांच किया फिक्स्ड मैच्योरिटी P2P इन्वेस्टमेंट प्लान, सालाना 10-12% रिटर्न की उम्मीद
लेन-देन क्लब-अनुमोदित एनबीएफसी-पी2पी जो 20 लाख से अधिक सेवा प्रदान करता है। समग्र रूप से पोर्टफोलियो पीयर-टू-पीयर इंवेस्टमेंट वेस्टमेंट को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि मोबाइल इन्वेंटरी को एक विशाल मेन्यू-प्रवेश-परिचय के लिए सक्षम किया गया है, इस तरह के खर्चे के लिए भी कम हो सकता है। एआई और एमएल परस्पर जुड़ें सबसे अधिक शक्तिशाली और शक्तिशाली हैं। FMPP को एक विशेष गुणवता के गुण-विशेषता-विशेषता-डाइव्स में परिवर्तन करने की क्षमता में परिवर्तन होता है।
इस उत्पाद को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, प्रभावी समाधान के लिए बेहतर समाधान और बेहतर तरीके से समझ में आता है। कैलेंडर 2022 की वार्षिक वृद्धि की संख्या में वृद्धि हुई है, तो कैलेंडर वर्ष 2021 की वार्षिक वृद्धि में वृद्धि होगी। दिसंबर 2021, 31-35 समूह, 36-40 वर्ष के समूह में 21-25 वर्ष में 10 जीएम, 4 गम से अधिक की वृद्धि होगी। महिला संचार की बैठक में पुरुषों की संख्या अधिक होती है।
लेन-देनक्लब की एफएमपीपी इन्वेंटरी योजना 1, 2, 3, 4, या 5 साल की अवधि के साथ एकम-बेसिंग इन्वेंटरी योजना है। अद्यतन करने के लिए सुनिश्चित किया गया है, यह सुनिश्चित करने के लिए बार-बार अपडेट किया गया है, और अधिक बढ़ने की क्षमता भी है। इस प्रकार के अनुकूल होने के साथ-साथ बदलने के लिए सक्षम होने के लिए आवश्यक है।
FMPP के डील-क्लब के को-ऑफ़र और भविष्य पटेल ने कहा, ''इस तरह की गणना में वृद्धि की संख्या में वृद्धि हुई है। 'मौजूदा' की सेहत के साथ, उच्च विनिमय दर और बाजार में के साथ, FMPP स्थिरीकरण और एक नवीनता है, जो कि इस बीच अब तक की सबसे अच्छी कंपनी है। हमारे 99 प्रतिशत से अधिक लाभकारी प्रभाव के आधार पर 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।''
FMPP एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है, इस तरह से संचार करने की सुविधा को बदलने और इस तरह से बदलते समय में सुधार करें। स्थिर वृद्धि और बढ़ने के साथ NPA के साथ वृद्धि की वृद्धि की शक्ति को बढ़ाया गया है, जिसके बाद रिटर्न में 6 साल उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के समय में FMPP में वृद्धि हुई है। एक ऐप के पेशेंट के लिए पेशेंट ऑडिटिंग और संवर्द्धन की सुविधा की सुविधा एफएमपीपी को बेहतर प्रबंधन के लिए एक स्वास्थ्य सुविधा वैकल्पिक है।
ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने और लोन के साथ सौदा करने के लिए लेन-देन करने के लिए भारत में सबसे तेज़ और तेज़ गेंदबाज़। पुनः स्थापित करने के बाद, ₹5,000 करोड़ के पुनः प्राप्त करें। हाल ही में हाल ही में स्कंद वेटर्स, ओम्माएटाइन्स और अर्था वैट वैट कैरेट के कंसोर्ट के साथ मिलकर आधुनिक मौसम में 10 माइल लाइट्स हैं।
लेनदेन क्लब ने राजस्थान में लांच किया फिक्स्ड मैच्योरिटी P2P इन्वेस्टमेंट प्लान, सालाना 10-12% रिटर्न की उम्मीद Reviewed by The Saransh on 8/09/2022 05:50:00 PM Rating: 5
टैक्स सेविंग के साथ अप्रैल फ़ूल नहीं अप्रैल स्मार्ट बनें, जानिए कैसे
दुनिया भर में 1 अप्रैल को अप्रैल फ़ूल दिवस की तरह मनाया जाता है। वैसे फॉर्मल तो कुछ नहीं है, लेकिन जब एक पूरा दिन आप दूसरों के साथ हंसी मजाक कर सकते हों तो क्यों नहीं। हालाँकि हमारे बीच 1 अप्रैल और भी कई कारणों से मशहूर होना चाहिए, जैसे, नए वित्त वर्ष (Financial Year) की शुरुआत के लिए, नौकरी करने वालों के लिए अप्रैज़ल सीजन की तरह, और सभी कमाने वालों के लिए टैक्स रिटर्न फाइलिंग क्वार्टर की तरह।
“अगर आप स्मार्टली इन्वेस्ट करेंगे तो ना सिर्फ आप अपने भविष्य उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के गोल्स को पूरा कर पाएंगे बल्कि आप टैक्स भी अधिकतम बचा लेंगे।”
– Mr Manish Saluja, Certified Financial PlannerCM & Advisor
जनवरी से मार्च की टैक्स सेविंग – अप्रैल फ़ूल का तरीका
हममें से ज्यादातर लोग, अप्रैल के महीने में थोड़ा रिलैक्स करना ठीक समझते हैं। आखिर अभी पिछले तीन महीनों में ही टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट्स की कितनी टेंशन थी। हमें लगता है की अब टैक्स की क्या फिकर, अब अगले साल सोचेंगे। लेकिन, क्या आपने कभी टैक्स बचाते हुए इन बातों पर ध्यान दिया है:
- टैक्स बचत की सारी योजनाएं लम्बी अवधि की होती हैं, यानि तीन से पांच साल तक की
- लगभग सभी टैक्स बचत योजनाओं में कुछ वर्षों का लॉक-इन होता है, यानि आप इस अवधि में अपना इनवेस्टेड पैसा नहीं निकल सकते
- टैक्स बचाने की सभी योजनाएं एक जैसी नहीं होतीं,
- क्या आपकी टैक्स बचाने वाली इन्वेस्टमेंट्स आपके आने वाले गोल्स से मिलती है?
अगर आप सिर्फ जनवरी से मार्च के बीच टैक्स बचत योजनाओं में इन्वेस्ट कर रहे हैं, तो आप सिर्फ अप्रैल फ़ूल ही मना रहे हैं। अप्रैल स्मार्ट बनने के लिए आपको इस तरह से टैक्स सेविंग करनी है की आप ऊपर लिखी बातों का भी ध्यान रख सकें और टैक्स सेविंग आपके लिए टेंशन भी न बने। और फिर ऐसा करने में आपका ही फायदा है।
आइये देखें कैसे आप बन सकते हैं अप्रैल स्मार्ट, क्या फायदे होंगे ऐसा करने के, और टैक्स को लेकर अप्रैल फूल बनने से क्यों बचना चाहिए।
क्या होता है अगर आप सिर्फ टैक्स बचने के लिए इन्वेस्ट करते हैं?
इन्वेस्टर का अप्रैल फूल बनने का सबसे बड़ा कारण बिना गोल के इन्वेस्टमेंट करना है। जब आप सिर्फ टैक्स बचाने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई को किसी भी प्रचलित स्कीम में डाल देते हैं, तो आप कुछ इस तरह की समस्याओं को निमंत्रण दे रहे हैं:
- गाढ़ी कमाई को खो देना
- समय पर पैसों का वापस न मिलना
- अच्छे इन्वेस्टमेंट में भी घाटा खाना
- रात उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट और दिन में इन्वेस्टमेंट्स को लेकर टेंशन
- भविष्य में पर्याप्त धन का आभाव
- हर साल टैक्स बचाने की टेंशन
- क्षमता से कम बचत और इन्वेस्टमेंट
हममें से बहुत से लोग, टैक्स बचने की धुन में ये भूल जाते हैं कि, हम 1000 रुपए बचाने के लिए 30,000 रुपए पर जोखिम उठा रहे हैं। ये ऐसे कि आप हर साल अपनी टैक्सेबल आय को अधिकतम 2 लाख रुपए तक टैक्स बचाने वाली योजनाओं का उपयोग करके घटा सकते हैं। लेकिन ये 2 लाख रुपए के निवेश से आप अधिकतम 60,000 रुपए ही बचा सकते हैं, वो भी तब जब आपकी आय अधिकतम टैक्स स्लैब, यानि 30% टैक्स दर, के अंदर आती है।
आपको हमेषा ये ध्यान में रखकर ही टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहिए कि आपका इनवेस्टेड पैसा आपके पास कम से कम वापस आ जाये, बढ़कर नहीं तो घटकर भी नहीं। ऐसा करने के लिए आपको दो बातों का ध्यान रखना होता है:
- हमेशा इन्वेस्टमेंट विकल्प के लॉक-इन पीरियड को समझ कर ही इन्वेस्ट करें
- सालाना या एकल इन्वेस्टमेंट विकल्पों का ध्यान रखें
अगर आप नौकरी पेशा हैं तो, सालाना इन्वेस्टमेंट को मासिक आय के साथ बांधना उचित होता है। उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट ये आपकी आर्थिक जिंदगी को आसान और ज्यादा लाभकारी बनाता है।
टैक्स की बचत या भविष्य की सम्पन्नता
अगर आपके सामने नीचे लिखे सिर्फ दो विकल्प हों, जिनमे से आप सिर्फ एक चुन सकते हैं, तो आप इनमें से किसका चुनाव करेंगे?
- टैक्स की बचत
- भविष्य के गोल्स को पूरा करना
अगर आपने दूसरा विकल्प चुना है तो आपके पास अप्रैल स्मार्ट बनने के अलावा कोई उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट और रास्ता नहीं है। और आपके लिए ख़ुशी की बात ये है कि दूसरा विकल्प चुनने से आपके लिए पहले विकल्प का रास्ता भी खुल गया है। जानिए कैसे:
- अपने परिवार के महत्त्वपूर्ण गोल्स को पूरा करने के लिए आपको काफी पैसा जोड़ना पड़ सकता है; जैसे कि बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए आज से 15 साल के बाद कम से कम 40 लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी।
- इसका मतलब आपको हर साल ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाने की जरूरत है
- ज्यादा पैसा बचाने के लिए ये जरूरी है कि आप जल्दी से जल्दी पैसे बचाने और इन्वेस्ट करने शुरू करें
अगर आप हर साल अप्रैल में ही अपनी अगले साल की इन्वेस्टमेंट का नियम बना लेते हैं, तो आप पूरे साल बिना टेंशन के ज्यादा से ज्यादा पैसा बचा सकते हैं। और जहाँ तक रही टैक्स सेविंग की बात, अपनी पूरी बचत में से अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ पैसा टैक्स सेविंग विकल्पों में इन्वेस्ट करें।
भविष्य को सवारें और टैक्स भी बचाएँ – अप्रैल स्मार्ट बनें
ज्यादातर टैक्स सेविंग योजनाएं हम सभी की जिंदगी में आने वाले किसी न किसी महत्वपूर्ण गोल को ध्यान में रखकर चलायी जातीं हैं। जैसे कि, रिटायरमेंट, जीवन या स्वास्थ्य बीमा। फिर भी कुछ योजनाएं ऐसी भी हैं जिनसे आप अपने जीवन या परिवार के किसी भी गोल के लिए पैसे जोड़ सकते हैं।
तो सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट करना ना तो आपकी जरूरत है ना ही स्मार्टनेस। आपके लिए टैक्स की बचत हमेशा दुसरे दर्जे की प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर आप स्मार्ट्ली टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट अपने गोल्स को ध्यान में रखकर करनी चाहिए।
स्मार्ट फिनसेक लिमिटेड
समाप्ति तिमाही 30-06-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड स्टैंडअलोन बिक्री - Rs 6.70 करोड़ है, -42.55 % नीचे, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 11.66 करोड़ से, और 22.41 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 5.47 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs .18 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
AVADH 24

लखनऊ,भारत के सबसे बड़े पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म लेनदेनक्लब ने आज उत्तर प्रदेश में ‘फिक्स्ड मैच्योरिटी पियर उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट टू पियर प्लान’ (एफएमपीपी) पेश किया। यह नए दौर का एक ऐसा टर्म-आधारित पियर- टू- पियर प्लान है जो न्यूनतम 10,000 प्रति निवेश के साथ निवेशकों को 10-12 प्रतिशत प्रति वर्ष तक का स्थिर उच्च रिटर्न प्रदान करता है। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 23 के अंत तक उत्तर प्रदेश में अपने मौजूदा निवेशक आधार को दोगुना करना है। लेनदेनक्लब आरबीआई-अनुमोदित एनबीएफसी- पी2पी है जो 20 लाख से अधिक निवेशकों को सेवा प्रदान करता है। कंपनी ने फिक्स्ड मैच्योरिटी पी2पी इन्वेस्टमेंट प्लान को इस तरह से डिजाइन किया है कि इसमें निवेश की गई राशि को उधारकर्ताओं के एक विशाल पूल में हाइपर-डाइवर्सिफाय किया जाता है, जिसके कारण डिफ़ॉल्ट दर को बहुत कम किया जाता है, इस प्रकार अपने निवेश पर निवेशकों की जोखिम भी कम हो जाती है। नए एआई और एमएल आधारित एल्गोरिदम पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली और प्रभावी हैं क्योंकि वे शुरुआत से ही कंपनी द्वारा अधिग्रहित स्वामित्व वाले प्रथम-पक्ष डेटा पर फाइन-ट्यून्ड और ट्रेंड हैं। यह एफएमपीपी को एक अनूठी विशेषता के रूप में हाइपर-डाइवर्सिफिकेशन की पेशकश करने में सक्षम बनाता है जो जोखिम को कम करता है और रिटर्न की स्थिरता प्रदान करता उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है। अपने इस प्रोडक्ट को लॉन्च करने से पहले, लेनदेनक्लब ने उत्तर प्रदेश में निवेशकों के डेटा का गहराई से विश्लेषण किया और निवेशकों के निवेश संबंधी व्यवहार को बेहतर तरीके से समझा।कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही में, इसने निवेशकों में 2.75 गुना से अधिक की वृद्धि देखी, जबकि कैलेंडर वर्ष 2021 की तुलना में निवेश में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। दिसंबर 2021 से छह महीने में कुल निवेश राशि में 31-35 आयु वर्ग के लिहाज से 7 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और 26-30 वर्ष के आयु वर्ग में 6 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई। इसी तरह, दिसंबर 2021 से छह महीने में 31-35 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए औसत निवेश में 2.8 गुना से अधिक और 26-30 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 2.4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान महिला निवेशकों द्वारा निवेश की गई औसत राशि पुरुष निवेशकों की तुलना उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट में काफी अधिक है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश के भीतर, भारत की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर प्रसिद्ध वाराणसी पियर टू पियर लेंडिंग में निवेश करने वाले निवेशकों की कुल संख्या के मामले में सबसे आगे है, इसके बाद गाजियाबाद और लखनऊ जैसे अन्य महत्वपूर्ण शहर हैं। लेनदेनक्लब की (एफएमपीपी) निवेश योजना 1, 2, 3, 4, या 5 वर्षों की अवधि के साथ एक टर्म-आधारित निवेश योजना है। निवेशित धन को पूरी अवधि में कई बार पुनर्निवेश किया जाता है, इस प्रकार निवेशकों को चक्रवृद्धि के साथ-साथ वार्षिक लाभ की शक्ति भी मिलती है और उन्हें 5 वर्ष तक की अवधि पर 12.21 से 15.25 प्रतिशत प्रति वर्ष का वार्षिक रिटर्न हासिल होता है।
नॉन मार्केट लिंक्ड होने के कारण यह निवेश की ऐसी सुविधा है, जो बाजार की अस्थिरता से मुक्त है। इस तरह निवेशकों को किसी किस्म की जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता है और निवेशकों को अपने निवेश किए गए मूलधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है और साथ ही मिलता है बेहतर रिटर्न। इसके अलावा, यह प्रोडक्ट अन्य निश्चित आय परिसंपत्ति वर्गों जैसे एफडी, गोल्ड बॉण्ड आदि के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। (एफएमपीपी) के लॉन्च पर लेनदेनक्लब के को-फाउंडर और सीईओ भाविन पटेल ने कहा, ‘‘हमने उत्तर प्रदेश में ऐसे निवेशकों की संख्या में स्थिर वृद्धि देखी है जो निवेश के दूसरे विकल्पों में निवेश करने के इच्छुक हैं। वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्गों के इस युग में (एफएमपीपी) एक अग्रणी, ग्राहक-प्रथम निवेश पेशकश है। हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में टैक्नोलॉजी है। अपने प्लेटफॉर्म में हाइपर-डाइवर्सिफिकेशन, ऑटो-इन्वेस्टमेंट और रीइन्वेस्टमेंट जैसी प्रमुख तकनीकी विशेषताओं को पेश करके, हम निवेश की योजना बनाने और निष्पादित करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने पर विचार कर रहे हैं। ये सुविधाएं खासकर उत्तर प्रदेश के युवा और तकनीक-प्रेमी लोगों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं।’’उन्होने कहा, ‘‘मौजूदा निवेश परिदृश्य के साथ, उच्च मुद्रास्फीति और बाजार में अस्थिरता के साथ, एफएमपीपी स्थिरता और पारदर्शिता का एक नया प्रतिमान जोड़ता है, जिसे निवेशकों के बीच अब तक प्राथमिकता मिली है। हमारा एकमात्र ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि हमारे 99 प्रतिशत से अधिक निवेशक हमारे ऐतिहासिक डेटा के आधार पर 10-12 प्रतिशत का स्थिर रिटर्न अर्जित करें।’’
एफएमपीपी एक निश्चित निवेश योजना है, जिसमें लंबी अवधि के लॉक-इन से कंपाउंडिंग की सुविधा मिलती है और इस तरह नियत समय में प्रतिफल में सुधार होता है। स्थिर रिटर्न और मार्जिनलाइज्ड एनपीए के साथ चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति को हासिल करते हुए हाई रिटर्न के साथ, कोई भी लगभग 6 वर्षों के समय में एफएमपीपी में अपने निवेश को दोगुना कर सकता है। हालांकि न्यूनतम निवेश 10,000 प्रति निवेश है, पर योजना इस तरह तैयार की गई है कि निवेशक इसके तहत कई (एफएमपीपी) प्लान खोल सकते हैं, हालांकि इनका कुल पोर्टफोलियो मूल्य 50 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए, जो कि आरबीआई द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप है। एक बेहतर ऐप अनुभव के माध्यम से पेश किए गए ऑटो निवेश और पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइजेशन की सुविधा (एफएमपीपी) को स्मार्ट निवेशकों के लिए एक अनिवार्य निवेश विकल्प बनाता है। ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने और लोन डिस्बर्समेंट के शानदार रिकॉर्ड के साथ लेनदेनक्लब भारत में सबसे तेज और सबसे महत्वपूर्ण पी2पी ऋण देने वाली कंपनियों में से एक है। इसने अपनी स्थापना के बाद से 5,000 करोड़ के ऋण वितरण की उपलब्धि हासिल की है। इसने हाल ही में टस्कन वेंचर्स, ओम स्टॉक ब्रोकर्स और अर्थ वेंचर फंड सहित निवेशकों के कंसोर्टियम के नेतृत्व में सीरीज ए राउंड में 10 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
म्यूचुअल फंड के साथ जुड़े हैं ये रिस्क, जानिए कैसे रहेंगे इनसे दूर
यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश के साथ जुडे रिस्क को अच्छी तरह से समझ लेते हैं तो इनसे दूर रहना आसान हैं. स्मार्ट निवेश रणनीतियों से ये काम कर सकते हैं.
- Vijay Parmar
- Publish Date - September 23, 2021 / 12:50 PM IST
Mutual Fund and its Associated Risks: प्रत्येक वित्तीय साधन में जोखिम जुड़ा होता है, फिर ये तो म्यूचुअल फंड हैं और इसके साथ भी अलग-अलग तरह के जोखिम जुड़े होते हैं. यदि आप इन रिस्क को अच्छी तरह से समझ लेते हैं तो इनसे दूर रहना आसान है. स्मार्ट निवेश रणनीतियों के साथ जोखिम को कम करने के विभिन्न तरीके हैं. आप विभिन्न रणनीतियों के साथ म्यूचुअल फंड जोखिम का मुकाबला कर सकते हैं.
कुछ तरीके हैं जिनसे जोखिमों को कम किया जा सकता है.
– निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार पोर्टफोलियो का निर्माण करना चाहिए, इसके लिए निवेशकों को अपनी विशेषताओं (आपकी उम्र और वित्तीय लक्ष्यों) का विश्लेषण करना चाहिए.
– निवेशक विविधीकरण के जरिए, हेज फंड में निवेश करके और SIP के जरिए निवेश से जोखिम को कम कर सकते हैं.
मार्केट रिस्कः
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट आर सब्जेक्ट टु मार्केट रिस्क. ये लाइन निवेशकों ने कई बार सुनी होगी या पढ़ी होगी. ये जोखिम इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़ा है क्योंकि स्टॉक की कीमतों में बदलाव से निवेशक के रिटर्न पर असर पड़ता है. बाजार जोखिम को सिस्टेमैटिक रिस्क के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पूरे उद्योग को प्रभावित करता है और इसे उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट विविधीकरण के माध्यम से समाप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि कोई भी प्राकृतिक आपदा, आतंकवादी हमला पूरे बाजार को प्रभावित करता है. COVID-19 महामारी के प्रभावों को व्यवस्थित निवेश से नहीं रोका जा सकता है क्योंकि सभी उद्योग एक कारक के कारण प्रभावित होते हैं.
इस जोखिम को कैसे करेंगे कमः इस जोखिम से अपने निवेश को बचाने के लिए आपको डाइवर्सिफिकेशन का सहारा लेना चाहिए.
क्रेडिट रिस्क या डिफॉल्ट रिस्कः
क्रेडिट या डिफॉल्ट रिस्क वह जोखिम है जो तब उत्पन्न होता है जब देनदार अपने ऋण दायित्वों को पूर्ण या आंशिक रूप से भुगतान करने में असमर्थ होता है.
इस जोखिम को कैसे करेंगे कमः इस जोखिम को कम करने के लिए आपको सिर्फ उच्च क्रेडिट-रेटिंग वाली सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहिए. डेट म्यूचुअल फंड में क्रेडिट डिफॉल्ट रिस्क सबसे आम जोखिम है और क्रेडिट रेटिंग की मदद से आप कम जोखिम वाली प्रतिष्ठित कंपनियों में निवेश करके अपने जोखिम का प्रबंधन कर सकते हैं. AAA रेटिंग वाली कंपनी या बॉन्ड या सिक्योरिटीज में ही निवेश करें.
इंफ्लेशन रिस्कः
साइलेंट किलर कहा जाने वाला ये रिस्क आपके निवेश के मूल्य पर प्रभाव डालता है. 1960 में जो चीज आप 100 रुपये में खरीद सकते थे, उसे खरीदने के लिए 2021 में आपको 7,500 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसे परचेजिंग पावर रिस्क भी भी कहा जाता है क्योंकि हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में अचानक वृद्धि पैसे की परचेजिंग पावर को प्रभावित करती हैं. इसलिए यदि निवेशक को इंफ्लेशन की दर से अधिक रिटर्न ना मिले तो नुकसान होता है.
इस जोखिम को कैसे करेंगे कमः निवेशक को निवेश करते समय मुद्रास्फीति की दर को ध्यान में लेना चाहिए, क्योंकि यह निवेशक के दैनिक खर्च को प्रभावित करता है. इंफ्लेशन रेट से अधिक रिटर्न मिले ऐसे साधनो में निवेश करना चाहिए. आप स्टॉक म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके इंफ्लेशन रिस्क को दूर रख सकते हैं.
लिक्विडिटी रिस्कः
यह जोखिम तब उत्पन्न होता है जब उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट निवेशक बिना किसी नुकसान के अपने को रीडिम करने में असमर्थ होता है. म्यूचुअल फंड में, इक्विटी-लिंक्ड फंड (ELSS) इस जोखिम का सामना करते हैं क्योंकि इनमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता हैं, इसलिए निवेशक इस अवधि के दौरान इन्हें रीडिम नहीं कर सकता हैं, और यदि करता हैं तो उसे नुकसान जेलना पडता हैं. यहां तक कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) भी इस जोखिम से प्रभावित होते हैं क्योंकि जरूरत के समय आपको कम खरीदार मिल सकते हैं.
इस जोखिम को कैसे करेंगे कमः इस जोखिम को कम करने के लिए निवेशक को लिक्विड उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट फंड के साथ बेलेंस बनाना चाहिए. आपको म्यूचुअल फंड का चयन करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह कितना लिक्विड है. यदि उसमें लॉक-इन पीरियड हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपको उतनी अवधि के दौरान रिडीम करने की जरूरत पड़ेगी या नहीं. आपको लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए लिक्विड फंड, बैंक एफडी जैसे साधनों में थोड़ा निवेश रखना चाहिए.