प्रवृत्ति पर व्यापार

टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं?

टेक्निकल एनालिसिस  कैसे करते हैं?
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शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स | free share market tips

शेयर बाजार अनिश्चितता का बाजार है यहाँ पर हर एक चीज अनिश्चित इसको अंग्रेजी में बोलते हैं uncertain .

जब कोई चीज निश्चित नहीं है तब आप उसको टिप्स के जरिए कैसे निश्चित बना सकते हैं.

स्टॉक मार्केट एनालिसिस का गेम है.

क्योंकि जहां पर एनालिसिस ही आपके काम आती है और स्टॉक मार्केट अनुमान के आधार पर चलता है अनुमान क्या कहता है कि कल मार्केट गिरेगा या अनुमान यह कहता है कि कल मार्केट बढ़ेगा लेकिन कोई भी दावा नहीं कर सकता अगर दावा करता है तो टिप्स देने वाला करता है.

चलिए कुछ टिप्स हम बताते हैं जो आपको करनी है स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने से पहले करने से पहले।

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सबसे पहली टिप्स आप किसी से भी टिप्स ना लें.

ना ही किसी टिप्स देने वाले को फॉलो करें। फॉलो करने का मतलब वह आपसे बोलता है कि आप हमारी कॉल को कुछ दिन तक फ्री में इस्तेमाल करें आप हमारे टेलीग्राम पर आए या आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ऐसा बिल्कुल भी ना करें चाहे वह आपसे करोड़ों रुपए बनाने का वादा क्यों ना करें इससे आप पूरी तरीके से दूर रहें।

आप किसी को अपना मेंटर बना सकते हैं आप जैसे आप किसी पुराने व्यक्ति प्रचलित उनकी किताबें पढ़ सकते हैं या उनके पुराने वीडियो देख करके उनसे सीख सकते हैं आप सबसे अच्छा आप उनकी किताबें पढ़ें तो उससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

टीवी वाले विज्ञापन से दूर रहे टीवी वाली कॉल से भी दूर रहें क्योंकि यह लोग जो स्टॉक चर्चा में बना रहता है या जो स्टॉक बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है यह लोग सिर्फ उसी की चर्चा करते हैं उसी पर डिस्कशन करते हैं जो स्टॉक गिर जाता है यह लोग उस पर चुप्पी साध लेते हैं और उस पर बात नहीं करते।

अगर इनके द्वारा दी गई कोई कॉल या फिर कोई टिप्स सही काम कर जाती है तब फिर यह दोबारा चर्चा करेंगे लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह लोग उस पर चर्चा नहीं करते हैं.

किसी एक मेंटर को ही सही तरीके से फॉलो करें अलग-अलग मेंटर अगर आप बनाएंगे तो अलग अलग मेंटर अपनी अलग अलग तरीके की स्ट्रेटेजी बताएगा आप फिर कंफ्यूज हो जाएंगे और आपको कोई भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं करेगी। इसलिए सिर्फ एक ही मेंटर बनाए और एक ही स्ट्रेटेजी पर काम करें

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इससे पहले वाले स्टेप में मैंने बताया कि आप मेंटर की strategy को फॉलो करें लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि आप मेंटर की strategy को ना फॉलो करके अपनी खुद की strategy बनाएं मतलब की सिर्फ उनके बताए गए बातों को ही फॉलो करें।

हमेशा ट्रेडिंग के बनाए गए जो रूल है उनको फॉलो करें प्रॉफिट की तरफ बिल्कुल भी आपका ध्यान नहीं जाना चाहिए आपका ध्यान हमेशा पैसा बचाने की तरफ जाना चाहिए आपका पैसा अगर बचा रहेगा तब आपका प्रॉफिट अपने आप आता रहेगा या आना शुरु करेगा धीरे-धीरे इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको हमेशा पैसा बचाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और पैसा बचाने के लिए अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए।

Risk and Reward investing and trading

अपने द्वारा बनाए गए Risk और Reward का अनुपात हमेशा फॉलो करें जैसे 1:3

यह अनुपात बताता है कि आपका रिस्क का प्रतिशत एक है और रिकॉर्ड का प्रतिशत 3

मतलब अगर आप दिन में 4 ट्रेड लेते हैं तब आपका एक ट्रेड गलत हो जाता है तो कम से टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? कम आप के तीन ट्रेड सही होने चाहिए।

या आप स्टॉक को भी खरीदते हैं थोड़े समय के लिए तब आप के स्टॉक का परसेंटेज भी इसी अनुपात में होना चाहिए।

यह अनुपात सिर्फ ट्रेडिंग के लिए ही नहीं है यह अनुपात आपका स्टॉक को जो आप खरीद कर होल्ड करते हैं उसके लिए भी है.

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अगर आप ट्रेडर है और ट्रेड करते हैं तब आपको सपोर्ट का और रेजिस्टेंस का बहुत अच्छी तरीके से ज्ञान होना चाहिए।

इसके लिए कम से कम 3 साल पुराना चार्ट की स्टडी करें और उस पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस की लाइन खींच ले जिससे आपको पता लगता रहेगा समय-समय पर यह स्टॉक कहां-कहां पर बाधा में फस रहा है और कहां पर यह नीचे गिरने पर वापस आ रहा है.

सपोर्ट और रजिस्टेंस के जरिए आप अपना टारगेट और स्टॉपलॉस उसी के हिसाब से आपको लगाना चाहिए और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हमारा यह टारगेट है और इसके नीचे जाएगा तो हमारा यह स्टॉपलॉस है.

अगर आपको आपके टारगेट के हिसाब से आपका प्रॉफिट आ जाता है तो आपको वहां से निकल जाना चाहिए और अगर स्टॉक आप के अनुमान के हिसाब से नीचे गिरता जा रहा है तब वहां से भी आपको अपना नुकसान काट कर निकल जाना चाहिए।

अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग लेते हैं या स्टॉक में खरीदते हैं कुछ समय के लिए तब आप को सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के हिसाब से वहां पर टेक्निकल चार्ट जो बता रहा होता है उस हिसाब से आपको वहां पर ट्रेड लेने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहिए कम से कम 2 या 3 दिन का टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? उसके लिए आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए अगर आप जल्दी बाजी करते करते हैं तब आपका नुकसान हो सकता है क्योंकि स्टॉक वहां से दोबारा नीचे गिर सकता है और आपको वहां से फिर नुकसान काट के निकालना पड़ सकता है.

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स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

टेक्निकल एनालिसिस आपको सही भाव पर खरीदने और बेचने का एक संकेत देती है.

जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में ही बताया है कि स्टॉक मार्केट सिर्फ अनुमान के आधार पर चलता है तो अनुमान एक संकेत है और संकेत आपको टेक्निकल एनालिसिस के जरिए मिलते हैं.

आपको यहां पर कुछ टिप्स जाननी चाहिए जो टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आपको समझ में रखनी चाहिए।

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आपको स्टॉक के प्राइस में जो उतार-चढ़ाव दिख रहा होता है लगातार वह आपको आकर्षित करता है ट्रेड लेने के लिए आपको इससे बचना चाहिए सिर्फ भाव को देखकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

आपको कुछ मूविंग एवरेज के हिसाब से ट्रेडिंग करनी चाहिए।

Best moving average in stock market| moving average ko kaise samjhe

अगर आप 5- 6 महीने के लिए कोई स्टॉक खरीद रहे हैं तब आप कम से कम 200 days का moving average लगाकर ट्रेड करना चाहिए।

अगर कोई स्टॉक 200 दिन का मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करने लगे तब आपको उस में एंट्री लेने की बारे में सोचना चाहिए।

और अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तब आपको

दो मूविंग एवरेज , एक 9 दिन का और दूसरा 50 दिन का या फिर एक 7 दिन का या दूसरा 20 दिन का इस पर काम करना चाहिए

Rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल आपको यह बताता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड हो गया है या ओवरबॉट हो गया है

इसका मतलब यह है कि अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा तेजी आ चुकी है तब आपको स्टॉक में खरीदारी करने के लिए इंतजार करना चाहिए

उसी तरह से अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट आ चुकी है तब भी आपको वहां पर खरीदारी करने का इंतजार करना चाहिए दोनों ही जगह आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि दोनों ही जगह रिस्क है.

मूविंग एवरेज के अलावा super trend indicator का इस्तेमाल कर सकते हैं.

Read Useful links below

Margin trading kya hoti hai

आपको margin लेकर बहुत ज्यादा कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए चाहे आपका दिल कितना भी करें क्योंकि आपको इसमें कभी ना कभी बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.

मार्जिन ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होती है जिसमें ब्रोकर आपको पैसे देकर के ट्रेड करवाता है ऐसी ट्रेडिंग से बचना चाहिए।

स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कैसे करें

हमेशा स्टॉपलॉस के साथ ट्रेड करना चाहिए। खासतौर से यह उन लोगों के लिए जो फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करते हैं हमारे बहुत सारे नए लोग बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेड करते हैं अगर उन्होंने अपना स्टॉपलॉस नहीं लगाया तब किसी भी दिन उनका बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा तो इसलिए बिना स्टॉपलॉस के आपको कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

किसी भी दूसरों की आईडिया दूसरों की स्ट्रेटेजी पर ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए

यह इसलिए होता है क्योंकि आपको पता ही नहीं होता है कि कब यह स्ट्रेटेजी काम करेगी या कब यह स्ट्रेटेजी फेल हो जाएगी

अगर आप इन सारे टिप्स को फॉलो करते हैं तब आपको काफी कुछ अपना पैसा खोने से बचा सकते हैं.

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of Share Market?

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of Share Market? Chart देखने के लिए प्लेटफार्म, कैंडल को समझना, Bullish Candle, Bearish Candle, Candlestick Pattern, Major Reversal Patterns, Continuation Pattern, Moving Average

साथियों, यह प्रश्न अक्सर नए निवेशकों द्वारा पूछा जाता है जो हाल में Share Market में Entry ले ली है पर उसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है की शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखें? उन्हें इसके बारे में पता नहीं होता है कि किस तरह से चार्ट को रीड करें और उसमें निवेश करें। अगर देखा जाए तो चार्ट को समझना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि चार्ट को बिना समझे निवेश करना बिना युद्ध कला के ज्ञान के किसी बड़े योद्धा से लड़ने के बराबर है। इसीलिए शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आप कुछ शेयर मार्केट को समझना बहुत जरूरी है। इसके बारे में बात करेंगे।

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of Share Market?

शेयर बाजार का चार्ट देखने के लिए और समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आपको एक ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जहां पर चार्ट को अच्छे से Present किया जाए क्योंकि चार्ट को Read करने से पहले आपके पास वह चार्ट होना बहुत ही आवश्यक है। इसके बाद जब आपके पास चार्ट उपलब्ध है तो आप चार्ट के छोटे इकाई कैंडल को समझना शुरू कीजिए। जब आपको कैंडल समझ में आ जाए और यह भी समझ में आ जाए कि किस तरह से चाट बनता है तो टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करके चार्ट को एनालाइज करना शुरू कीजिए की चार्ट किसी Specific Point से ऊपर जाएगा या फिर नीचे। इन सभी चीजों के बारे में हमने नीचे स्टेप में बताया है, जिसे आप अच्छे से पढ़ सकते हैं।

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है?

Chart देखने के लिए प्लेटफार्म: शेयर मार्केट का चार्ट देखने के लिए आपको सबसे पहले कोई ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जहां पर आप चार्ट देख पाए। मैं जो प्लेटफार्म यूज करता हूं और आप सभी को भी रेकमेंड करता हूं वह है tradingview.com यहां पर आप बहुत ही अच्छे तरह से चार्ट को देख पाएंगे और एनालाइज कर पाएंगे।

कैंडल को समझना: आप यह जरूर जानते होंगे की किसी चार्ट को पढ़ने से पहले हमें कैंडल को समझना बहुत ही जरूरी है क्योंकि कैंडल चार्ट की सबसे छोटी इकाई है। छोटे-छोटे कैंडल को मिलाकर एक चार्ट का निर्माण होता है। आपको यह बता दे कि कैंडल दो तरह की होती है- 1. Bullish Candle 2. Bearish Candle

Bullish Candle: बुलिश कैंडल सामान्यतः हरी और सफेद रंग की होती है, यह तेजी को दर्शाती है, इसके चार प्रमुख भाग होते हैं Open, Close, Low & High.

Bearish Candle: बियरिश कैंडल सामान्यतः लाल और काली रंग की होती है, यह मंदी को दर्शाती है, इसके चार प्रमुख भाग होते हैं Open, Close, Low & High.

Candlestick Pattern: जब आप कैंडल के बारे में अच्छे से जान और समझ लेते है तो अब आप कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे सीखना बहुत आवश्यक है। कैंडलस्टिक पैटर्न बहुत तरह के होते है इसका प्रयोग कर आप शेयर में सबसे पहले एंट्र, एग्जिट, स्टॉपलॉस और टारगेट का अनुमान लगा सकते है।

Major Reversal Patterns: जब आप चार्ट के बारे में बेसिक तरह से रीड करना आ जाये चार्ट अलग अलग टाइम फ्रेम में मेजर रेवेर्सल पैटर्न ढूंढ़ सकते है। इसमें प्रमुख रूप से हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न, इनवर्स हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न, डबल टॉप और डबल बॉटम पैटर्न आते है।

Continuation Pattern: इस चार्ट पैटर्न में same ट्रेंड को continue किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से ट्रैंगुलर, रेक्टंगुलर और फ्लैग एंड पोल चार्ट पैटर्न आते है।

Moving Average: यह एक अच्छा इंडिकेटर है जो अपने पिछले चाल का एवरेज को दर्शाता है। इसमें 50 मूविंग एवरेज, 200 मूविंग एवरेज प्रमुख है।

ऊपर दी गई सभी जानकारियों के आधार पर आप शेयर मार्केट में चार्ट का एनालिसिस कर पाएंगे। इसके लिए प्रमुख रूप से आपको बहुत ही ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत होती है। इसमें हमने कुछ प्रमुख चीजों के बारे में बात किया है। जब आप इतना सीख लेते हैं तो इसके बाद आप चार्ट का एनालिसिस आसानी से कर पाएंगे।

शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है? FAQ

आर्टिकल के इस भाग में हम कुछ इस आर्टिकल से जुड़ी महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जो कुछ नए Investors के मन में अक्षर चल रहे होते है जिसका जवाब मैंने निचे निम्नलिखित प्रकार दर्ज किया है।

क्या शेयर मार्केट से पैसा कमाना संभव है?

Ans. हाँ, परन्तु इसके लिए आपको शेयर को एनालाइज करने का टेक्निकल तथा फंडामेंटल तरीका सीखना होगा।

शेयर बाजार का Chart देखने के लिए कौन से प्लेटफार्म का उपयोग करें?

Ans. Basically, शेयर बाज़ार का Chart देखने के लिए Trending View.in Website का उपयोग करके हम आसानी से शेयर मार्किट का Chart देख सकते है।

इन्हें भी पढ़ें-

मेरा नाम Prabhat Kumar Sharma हैं। मुझे लिखना बहुत पसंद है और मुझे Share Market, Cryptocurrency और Business की बहुत अच्छी और गहरी जानकारी है। मैं इस Blog के माध्यम से इस टॉपिक से जुड़े आपके कठिन से कठिन प्रश्नो को एक बेहतरीन और आसान तरीके से लिखकर बताने का प्रयास करता हूँ।

फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? Fundamental Analysis In Hindi (Full Information)

फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? Fundamental Analysis In Hindi , Fundamental Analysis क्या है – Fundamental analysis kya hai , Fundamental analysis in Hindi ,किसी Share का Fundamental Analysis कैसे करें दोस्तों आज के समय हर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहा है और तकनीकी उपलब्धता के कारण शेयर मार्केट की पहुंच आज प्रत्येक जन जन तक हो चुकी है

ऐसे में कोई भी शेयर को खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो चुका है तो लोग बहुत ही ज्यादा हर किसी शेयर को खरीद लेते हैं और उसमें नुकसान उठा लेते हैं हमें कोई भी Share खरीदने से पहले या Stock खरीदने से पहले उसका Fundamental Analysis in Hindi और टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए

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What Is Fundamental Analysis In Hindi : Fundamental Analysis Kya Hai

किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसका एनालिसिस करना होता है स्टॉक मार्किट में कंपनी का दो तरीके से एनालिसिस किया जाता है एक होता है Technical Analysis और दूसरा Fundamental Analysis. आज में आपको बताऊंगा की फंडामेंटल एनालिसिस क्या है – Basic of fundamental Analysis In Hindi

फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है: एक साल से अधिक समय के लिए जब किसी शेयर में निवेश किया जाता है तो उसे इन्वेस्टिंग कहते है और Investing के लिए Share ढूंढ़ने की प्रक्रिया को ही Fundamental Analysis कहते है।

फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी का बहुत की बारीकी से विश्लेषण किया जाता है की कंपनी का बिज़नेस कैसा है, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्किट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर क़र्ज़ कितना है।

Fundamental Analysis में यह देखा जाता है की जिस कंपनी का Share हम खरीद रहे है वह आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है क्या लम्बे समय में वह कंपनी एक अच्छा लाभ कमा कर दे सकती है या नहीं। Fundamental Analysis करने का उदेश्य वर्तमान मैं किसी Share को Discount Price में खरीद कर भविष्य में Premium Price पर बेचना होता है।

फंडामेंटल विश्लेषण में कंपनी के बिज़नेस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट का एनालिसिस किया जाता है क्योंकि कंपनी के बिज़नेस प्रदर्शन से ही शेयर की कीमत निर्धारित होती है कंपनी का बिज़नेस बढ़ेगा तो कंपनी का प्रॉफिट भी बढ़ेगा जिससे शेयर प्राइस भी बढ़ेगी और लम्बे समय में Share Price कंपनी की Profit Growth को ही फॉलो करती है।

Fundamental Analysis को 2 भागों में बांटा जाता है

  1. Qualitative Analysis (गुणात्मक विश्लेषण): Qualitative Analysis में कंपनी क्या व्यापार कर रही है, प्रोडक्ट और सर्विस, मैनेजमेंट एनालिसिस, बिज़नेस मॉडल इन सभी का एनालिसिस किया जाता है।
  1. Quantitative Analysis(मात्रात्मक विश्लेषण): Quantitative Analysis में कंपनी के वित्तीय हालत को दिखाने वाले नंबर्स का एनालिसिस किया जाता है जैसे: फाइनेंसियल स्टेटमेंट (Balance Sheet,Profit & Loss Statement, Cash Flow Statement), विभिन्न तरह के रेश्यो, Sales Growth, Profit Growth का एनालिसिस किया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस कैसे उपयोगी है (How Fundamental Analysis Is Useful)

सभी Successful Investor जो की Long Term Investing करते है वे सभी Stock चुनने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है। Fundamental Analysis एक बढ़िया बिज़नेस को ढूंढने में मदद करता है जिसका शेयर अभी डिस्काउंट पर मिल रहा हो।

कोई भी इन्वेस्टर जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है।

टेक्निकल चार्ट और इंडिकेटर कंपनी के व्यापार के बारे में नहीं बताते है वह सिर्फ Price Movement पर ही Buy Sell सिग्नल देते है इसलिए किसी भी Share का Fundamental Analysis करना जरूरी हो जाता है।

फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है।

Fundamental Analysis के लिए हमेशा Top Down Approach का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सबसे पहले Global Economy का अध्ययन किया जाता है उसके बाद Local Economy फिर Sector, Industry और लास्ट में बिज़नेस का अध्ययन किया जाता है।

Stock Market में सफलता हासिल करने के लिए कोई Extra Ordinary Knowledge की जरुरत नहीं होती है शेयर की कीमत में उतार – चढ़ाव होता रहता है क्योंकि यह मार्किट का स्वभाव है

स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इन सभी की जानकारी होना जरूरी है

Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए

Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)

Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)

Types of Share Trading in India

1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।

2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।

3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)

आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।

4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना ​​​​है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।

5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।

6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)

स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक ​​​​कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।

7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)

Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।

8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)

इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।

9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)

हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।

10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)

क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।

शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।

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शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स | free share market tips

शेयर बाजार अनिश्चितता का बाजार है यहाँ पर हर एक चीज अनिश्चित इसको अंग्रेजी में बोलते हैं uncertain .

जब कोई चीज निश्चित नहीं है तब आप उसको टिप्स के जरिए कैसे निश्चित बना सकते हैं.

स्टॉक मार्केट एनालिसिस का गेम है.

क्योंकि जहां पर एनालिसिस ही आपके काम आती है और स्टॉक मार्केट अनुमान के आधार पर चलता है अनुमान क्या कहता है कि कल मार्केट गिरेगा या अनुमान यह कहता है कि कल मार्केट बढ़ेगा लेकिन कोई भी दावा नहीं कर सकता अगर दावा करता है तो टिप्स देने वाला करता है.

चलिए कुछ टिप्स हम बताते हैं जो आपको करनी है स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने से पहले करने से पहले।

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सबसे पहली टिप्स आप किसी से भी टिप्स ना लें.

ना ही किसी टिप्स देने वाले को फॉलो करें। फॉलो करने का मतलब वह आपसे बोलता है कि आप हमारी कॉल को कुछ दिन तक फ्री में इस्तेमाल करें आप हमारे टेलीग्राम पर आए या आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ऐसा बिल्कुल भी ना करें चाहे वह आपसे करोड़ों रुपए बनाने का वादा क्यों ना करें इससे आप पूरी तरीके से दूर रहें।

आप किसी को अपना मेंटर बना सकते हैं आप जैसे आप किसी पुराने व्यक्ति प्रचलित उनकी किताबें पढ़ सकते हैं या उनके पुराने वीडियो देख करके उनसे सीख सकते हैं आप सबसे अच्छा आप उनकी किताबें पढ़ें तो उससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

टीवी वाले विज्ञापन से दूर रहे टीवी वाली कॉल से भी दूर रहें क्योंकि यह लोग जो स्टॉक चर्चा में बना रहता है या जो स्टॉक बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है यह लोग सिर्फ उसी की चर्चा करते हैं उसी पर डिस्कशन करते हैं जो स्टॉक गिर जाता है यह लोग उस पर चुप्पी साध लेते हैं और उस पर बात नहीं करते।

अगर इनके द्वारा दी गई कोई कॉल या फिर कोई टिप्स सही काम कर जाती है तब फिर यह दोबारा चर्चा करेंगे लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह लोग उस पर चर्चा नहीं करते हैं.

किसी एक मेंटर को ही सही तरीके से फॉलो करें अलग-अलग मेंटर अगर आप बनाएंगे तो अलग अलग मेंटर अपनी अलग अलग तरीके की स्ट्रेटेजी बताएगा आप फिर कंफ्यूज हो जाएंगे और आपको कोई भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं करेगी। इसलिए सिर्फ एक ही मेंटर बनाए और एक ही स्ट्रेटेजी पर काम करें

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इससे पहले वाले स्टेप में मैंने बताया कि आप मेंटर की strategy को फॉलो करें लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि आप मेंटर की strategy को ना फॉलो करके अपनी खुद की strategy बनाएं मतलब की सिर्फ उनके बताए गए बातों को ही फॉलो करें।

हमेशा ट्रेडिंग के बनाए गए जो रूल है उनको फॉलो करें प्रॉफिट की तरफ बिल्कुल भी आपका ध्यान नहीं जाना चाहिए आपका ध्यान हमेशा पैसा बचाने की तरफ जाना चाहिए आपका पैसा अगर बचा रहेगा तब आपका प्रॉफिट अपने आप आता रहेगा या आना शुरु करेगा धीरे-धीरे इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको हमेशा पैसा बचाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और पैसा बचाने के लिए अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए।

Risk and Reward investing and trading

अपने द्वारा बनाए गए Risk और Reward का अनुपात हमेशा फॉलो करें जैसे 1:3

यह अनुपात बताता है कि आपका रिस्क का प्रतिशत एक है और रिकॉर्ड का प्रतिशत 3

मतलब अगर आप दिन में 4 ट्रेड लेते हैं तब आपका एक ट्रेड गलत हो जाता है तो कम से कम आप के तीन ट्रेड सही होने चाहिए।

या आप स्टॉक को भी खरीदते हैं थोड़े समय के लिए तब आप के स्टॉक का परसेंटेज भी इसी अनुपात में होना चाहिए।

यह अनुपात सिर्फ ट्रेडिंग के लिए ही नहीं है यह अनुपात आपका स्टॉक को जो आप खरीद कर होल्ड करते हैं उसके लिए भी है.

support and resistance trading strategy and indicator

अगर आप ट्रेडर है और ट्रेड करते हैं तब आपको सपोर्ट का और रेजिस्टेंस का बहुत अच्छी तरीके से ज्ञान होना चाहिए।

इसके लिए कम से कम 3 साल पुराना चार्ट की स्टडी करें और उस पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस की लाइन खींच ले जिससे आपको पता लगता रहेगा समय-समय पर यह स्टॉक कहां-कहां पर बाधा में फस रहा है और कहां पर यह नीचे गिरने पर वापस आ रहा है.

सपोर्ट और रजिस्टेंस के जरिए आप अपना टारगेट और स्टॉपलॉस उसी के हिसाब से आपको लगाना चाहिए और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हमारा यह टारगेट है और इसके नीचे जाएगा तो हमारा यह स्टॉपलॉस है.

अगर आपको आपके टारगेट के हिसाब से आपका प्रॉफिट आ जाता है तो आपको वहां से निकल जाना चाहिए और अगर स्टॉक आप के अनुमान के हिसाब से नीचे गिरता जा रहा है तब वहां से भी आपको अपना नुकसान काट कर निकल जाना चाहिए।

अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग लेते हैं या स्टॉक में खरीदते हैं कुछ समय के लिए तब आप को सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के हिसाब से वहां पर टेक्निकल चार्ट जो बता रहा होता है उस हिसाब से आपको वहां पर ट्रेड लेने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहिए कम से कम 2 या 3 दिन का उसके लिए आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए अगर आप जल्दी बाजी करते करते हैं तब आपका नुकसान हो सकता है क्योंकि स्टॉक वहां से दोबारा नीचे गिर सकता है और आपको वहां से फिर नुकसान काट के निकालना पड़ सकता है.

technical indicators for intraday trading

स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

टेक्निकल एनालिसिस आपको सही भाव पर खरीदने और बेचने का एक संकेत देती है.

जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में ही बताया है कि स्टॉक मार्केट सिर्फ अनुमान के आधार पर चलता है तो अनुमान एक संकेत है और संकेत आपको टेक्निकल एनालिसिस के जरिए मिलते हैं.

आपको यहां पर कुछ टिप्स जाननी चाहिए जो टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आपको समझ में रखनी चाहिए।

technical analysis of stocks & commodities and trading’s

आपको स्टॉक के प्राइस में जो उतार-चढ़ाव दिख रहा होता है लगातार वह आपको आकर्षित करता है ट्रेड लेने के लिए आपको इससे बचना चाहिए सिर्फ भाव को देखकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

आपको कुछ मूविंग एवरेज के हिसाब से ट्रेडिंग करनी चाहिए।

Best moving average in stock market| moving average ko kaise samjhe

अगर आप 5- 6 महीने के लिए कोई स्टॉक खरीद रहे हैं तब आप कम से कम 200 days का moving average लगाकर ट्रेड करना चाहिए।

अगर कोई स्टॉक 200 दिन का मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करने लगे तब आपको उस में एंट्री लेने की बारे में सोचना चाहिए।

और अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तब आपको

दो मूविंग एवरेज , एक 9 दिन का और दूसरा 50 दिन का या फिर एक 7 दिन का या दूसरा 20 दिन का इस पर काम करना चाहिए

Rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल आपको यह बताता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड हो गया है या ओवरबॉट हो गया है

इसका मतलब यह है कि अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा तेजी आ चुकी है तब आपको स्टॉक में खरीदारी करने के लिए इंतजार करना चाहिए

उसी तरह से अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट आ चुकी है तब भी आपको वहां पर खरीदारी करने का इंतजार करना चाहिए दोनों ही जगह आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि दोनों ही जगह रिस्क है.

मूविंग एवरेज के अलावा super trend indicator का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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Margin trading kya hoti hai

आपको margin लेकर बहुत ज्यादा कभी भी ट्रेडिंग टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? नहीं करनी चाहिए चाहे आपका दिल कितना भी करें क्योंकि आपको इसमें कभी ना कभी बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.

मार्जिन ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होती है जिसमें ब्रोकर आपको पैसे देकर के ट्रेड करवाता है ऐसी ट्रेडिंग से बचना चाहिए।

स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कैसे करें

हमेशा स्टॉपलॉस के साथ ट्रेड करना चाहिए। खासतौर से यह उन लोगों के लिए जो फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करते हैं हमारे बहुत सारे नए लोग बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेड करते हैं अगर उन्होंने अपना स्टॉपलॉस नहीं लगाया तब किसी भी दिन उनका बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा तो इसलिए बिना स्टॉपलॉस के आपको कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।

किसी भी दूसरों की आईडिया दूसरों की स्ट्रेटेजी पर ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए

यह इसलिए होता है क्योंकि आपको पता ही नहीं होता है कि कब यह स्ट्रेटेजी काम करेगी या कब यह स्ट्रेटेजी फेल हो जाएगी

अगर आप इन सारे टिप्स को फॉलो करते हैं तब आपको काफी कुछ अपना पैसा खोने से बचा सकते हैं.

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