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PPF Investment Scheme : पीपीएफ क्यों है टैक्स बचाने और निवेश करने का एक शानदार विकल्प, यहां जानिए पूरा डिटेल

PPF Investment Scheme : पब्लिक प्राविडेंट फंड अभी भी भारतीयों के बीच शीर्ष तीन विकल्पों में शामिल है. यह बात हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण कही गई है. शीर्ष दो इक्विटी म्यूचुअल फंड और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) हैं.

Updated: September 13, 2022 11:26 AM IST

PPF Investment

PPF Investment Scheme : जब सेवानिवृत्ति योजना के लिए सबसे सही निवेश विकल्पों के बारे में चयन करने की बात आती है, तो पब्लिक प्राविडेंट फंड अभी भी भारतीयों के बीच शीर्ष तीन विकल्पों में शामिल है. यह बात हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण कही गई है. शीर्ष दो इक्विटी म्यूचुअल फंड और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) हैं.

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वित्तीय स्वतंत्रता सर्वेक्षण के निष्कर्षों में कहा गया है कि हालांकि लंबी अवधि के निवेश के बारे में अधिक जागरूकता है, फिर भी लोग अनिश्चित हैं कि एक संपूर्ण सेवानिवृत्ति निधि की योजना बनाने के लिए कहां निवेश किया जाए. सर्वेक्षण ने 2022 में 34 से मुख्य निवेश विकल्प 55 वर्ष के बीच 1,400 उत्तरदाताओं के बीच वित्तीय साधनों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है.

पीपीएफ योजना विभिन्न लाभ प्रदान करती है और इसलिए, यह जमाकर्ताओं के लिए सबसे लोकप्रिय दीर्घकालिक और कर-बचत योजनाओं में से एक है. यदि कोई 15 से 25 वर्षों के लिए समय-समय पर मुख्य निवेश विकल्प मुख्य निवेश विकल्प निवेश कर सकता है, तो चक्रवृद्धि ब्याज से उसे लगभग 1 करोड़ रुपये की एक बड़ी लाश प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.

महत्वपूर्ण सुविधाएं

  • पीपीएफ की ब्याज दर हर तिमाही में संशोधित होती है. इस तिमाही के लिए मौजूदा दर 7.1 फीसदी है.
  • यह 15 साल की अवधि के लिए छूट-छूट-छूट (ईईई) कर स्थिति प्रदान करता है. यानी मैच्योरिटी राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
  • यह योजना की मुख्य विशेषताओं में से एक है, एनपीएस म्यूचुअल फंड जैसे उत्पादों में अंतिम राशि कर योग्य है.
  • जो निवेशक अपने निवेश को 15 साल से आगे जारी रखना चाहते हैं, वे मैच्योरिटी के बाद 5 साल के ब्लॉक के लिए खाते का विस्तार कर सकते हैं.
  • 5 साल के ब्लॉक मॉड्यूल का पालन करते हुए कोई भी व्यक्ति इस अवधि को एक या अधिक बार बढ़ा सकता है. एक निवेशक 30 साल के लिए अवधि बढ़ा सकता है यदि वह 25 साल की उम्र में पीपीएफ खाता खोलता है.
  • खाता शुरू करने के तीसरे और छठे वर्ष में कोई भी व्यक्ति अपनी सहेजी गई राशि पर ऋण प्राप्त कर सकता है.
  • लोन की राशि पीपीएफ खाते में कुल सेव की गई रकम का 25 फीसदी होनी चाहिए. ब्याज दर वर्तमान सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर से 1% अधिक है और ऋण स्वीकृत होने के महीने के तीन वर्षों के भीतर कुल (केवल मूलधन) का भुगतान किया जाना है.
  • पीपीएफ योजना में निवेश करके कोई भी कर बचा सकता है क्योंकि जमा आईटी अधिनियम की मुख्य निवेश विकल्प मुख्य निवेश विकल्प धारा 80-सी के तहत कटौती के लिए योग्य है.

ब्याज की गणना कैसे की जाती है?

  • नेशनल सेविंग्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, ब्याज की गणना महीने के 5वें दिन और महीने के आखिरी दिन के बीच खाते में सबसे कम शेष राशि पर की जाती है.
  • यदि कोई निवेशक किसी महीने की 5 तारीख से पहले अपनी बचत जमा करता है, तो वह उस महीने के लिए ब्याज अर्जित करेगा. यदि कोई वार्षिक रूप से राशि जमा कर रहा है, तो उसे उस वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज अर्जित करने के लिए 5 अप्रैल से पहले बचत जमा करनी चाहिए.मुख्य निवेश विकल्प

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ज्यादा रिटर्न के लिए छोटी अवधि के निवेश विकल्प

ज्यादा रिटर्न के लिए छोटी अवधि के निवेश विकल्प

आपकी शादी, आपका पहला घर या फिर आपकी पहली कार की खरीदारी में अभी शायद दो साल का वक्त बाकी है। लेकिन, अगर आप पैसे बचाना नहीं शुरू करेंगे तो हो सकता है कि दो साल पांच, दस या फिर पंद्रह सालों में बदल जाएं।

आपकी पहली पसंद साधारण बैंक बचत खाता हो सकता है, लेकिन इस पर मिलने वाला रिटर्न बाकी निवेश विकल्पों के मुकाबले काफी कम होता है, बैंक बचत खाते का मुख्य फायदा बेहद कम जोखिम होता है।

छोटी अवधि के निवेश विकल्प के जरिए कम समय में बेहतर रिटर्न कमाया जा सकता है, चाहे निवेश कुछ महीनों या फिर एक साल के लिए ही न किया गया हो। अगर आप अगले दो सालों में शादी करने का इरादा रखते हैं, तो आप अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना चाहेंगे।

हम आपके लिए मौजूदा छोटी अवधि के निवेश विकल्पों में से 6 ऐसे विकल्प बता रहें जिनपर आपको गौर करना चाहिए:

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट सुरक्षित निवेश विकल्प है और आप फिक्स्ड डिपॉजिट में 30 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं। वैसे तो आपके पास मैच्योरिटी के पहले पूंजी निकालने का विकल्प होता है, लेकिन मैच्योरिटी के बाद ही रकम निकालना सही रहता है क्योंकि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट कम लिक्विड होते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर आप 2 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट में पूंजी लगाते हैं, जिसके तहत आपको 10 फीसदी ब्याज मिलता है। अगर आप 6 महीने के बाद ही पैसा निकालते हैं, तो बैंक आपको 6 महीने की अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट की दर पर ही ब्याज देगा, जो आपके निवेश के दौरान 6 फीसदी हो। साथ ही, जब आप मैच्योरिटी के पहले पूंजी निकालते हैं तो आपको ब्याज के 1 फीसदी तक बैंक को जुर्माने के तौर पर चुकाना पड़ सकता है, हालांकि ये बैंक की नीति पर निर्भर करता है।

इसी तरह एक और विकल्प है बैंक के रिकरिंग डिपॉजिट, जो नित्य बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था। रिकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले कम होता है, लेकिन रिकरिंग डिपॉजिट ज्यादा लिक्विड होते हैं क्योंकि इसमें पैसे निकालने की इजाजत होती है हालांकि पूंजी निकालने पर जुर्माना देना पड़ सकता है।

इसलिए, पूंजी को लगाने के पहले निवेश की अवधि को जानना बेहद अहम है।

2. बचत खाता

अगर आप जोखिम लेना पसंद नहीं करते हैं, आपको काफी कम रिटर्न कमाने से हर्ज नहीं है और ज्यादा लिक्विडिटी चाहते हैं तो आपको बैंक बचत खाता शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। अलग-अलग बैंक बचत खातों पर अलग-अलग ब्याज दर देते हैं, इस बात को आपको ध्यान रखना चाहिए।

3. मनी मार्केट अकाउंट

लिक्विड फंड के तौर पर जाने वाले मनी मार्केट अकाउंट म्यूचुअल फंड की विशेष श्रेणी है, जिसके तहत टर्म बॉन्ड. कमर्शियल पेपर, आदि जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है।

आमतौर पर लिक्विड फंड के एसेट की मैच्योरिटी 91 दिनों में कम होती है जिससे ये फंड काफी लिक्विड होते हैं। लिक्विड फंड की अवधि साधारण म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम होती है और इनमें बचत खाते से ज्यादा ब्याज मिलता है।

ज्यादातर बड़े संस्थान लिक्विड फंड में निवेश करते हैं, लेकिन वैयक्तिक निवेशक के तौर पर अगर आप औसत से ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं और महंगाई को मात देना चाहते हैं तो लिक्विड फंड आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

4. सोना या चांदी

क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके माता-पिता दिवाली के दौरान सोना खरीदना पसंद करते हैं? सोना और चांदी लंबी और छोटी अवधि के लिए बेहतरीन निवेश विकल्प माने जाते हैं। अगर आप रिटर्न कमाने के लिए आसान और परेशानी से मुक्त विकल्प खोज रहे हैं, तो सोना-चांदी आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

5. शॉर्ट टर्म डेट फंड

शॉर्ट टर्म डेट फंड की निवेश रणनीति कम जोखिम वाली होती है जिसका उद्देश्य पूंजी को सुरक्षित रखना और शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद अच्छे रिटर्न देना होता है। हालांकि, डेट फंड पेचीदा होते हैं और अगर आपको इनके जरिए पैसा कमाना है तो डेट फंड कैसे काम करते हैं ये जानना बेहद जरूरी है। अगर आप एक साल से ज्यादा अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डेट फंड टैक्स छूट के मामले में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर हैं।

6. लार्ज कैप म्यूचुअल फंड

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड के तहत बड़ी कंपनियों के शेयरों में पूंजी का निवेश किया जाता ताकि कम समय में अच्छा रिटर्न मिले। एक से तीन साल की अवधि के निवेश के लिए लार्ज कैप म्यूचुअल फंड पर भी गौर करें।

मंदी आई तो कहां से निकाले पैसा और किस जगह करें निवेश? पहले से करें तैयारी ताकि बढ़ती रहे आपकी जमा पूंजी

मंदी की आशंका के बीच जोखि रहित निवेश योजनाओं में पैसा रखना ज्यादा सही है.

मंदी की आशंका के बीच जोखि रहित निवेश योजनाओं में पैसा रखना ज्यादा सही है.

मंदी के दौरान इक्विटी और रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह प्रभावित होता है. इसलिए आमतौर पर निवेशक यहां से पैसा निकालना शुरू . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 11, 2022, 10:43 IST

हाइलाइट्स

दुनिया में मंदी की आशंका के बीच बाजार जोखिम से जुड़ी योजनाओं में निवेश प्रभावित होने का डर है.
मंदी के दौरान निवेशक सुरक्षित विकल्पों में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं.
बैंक एफडी, पीपीएफ-एनपीएस और सोने में निवेश को जोखिम रहित माना जाता है.

नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और उस पर नियंत्रण पाने के लिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और आर्थिक मंदी की आशंका गहराती जा रही है. चूंकि मंदी का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है इसलिए शेयर बाजार समेत अन्य एसेट क्लास में निवेश प्रभावित होता है. ऐसे में आम निवेशकों के मन में सवाल रहता है कि आखिर इस वक्त में सुरक्षा के लिहाज से निवेश कहां किया जाए.

मंदी के दौरान इक्विटी और रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह प्रभावित होता है. इसलिए आमतौर पर निवेशक यहां से पैसा निकालना शुरू कर देते हैं और सुरक्षित विकल्पों में निवेश की संभावना को तलाशते हैं. आइये जानते हैं उन जोखिम रहित और फिक्स्ड रिटर्न वाले ऑप्शन के बारे में..

बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट

भारत में बैंक एफडी शुरू से निवेश का एक सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देने वाला विकल्प रहा है. फिक्स्ड डिपॉजिट में नियमित बचत खाते की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है. 5 साल की टैक्स सेविंग FD में निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है. बैंक एफडी की खासियत है कि आपको तय समय के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है और जोखिम नहीं लेने वाले निवेशकों के लिए यह सबसे उपयुक्त है. इसके अलावा एफडी पर आंशिक निकासी और लोन की भी सुविधा मिलती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)मुख्य निवेश विकल्प

पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार समर्थित निवेश स्कीम है. पीपीएफ पर वर्तमान ब्याज दर 7.1 फीसदी है. इस योजना की अवधि 15 साल होती है और हर साल अधिकतम डेढ़ लाख रुपये निवेश किया जा सकता है. बैंक एफडी की तरह, पीपीएफ नियमित बचत बैंक खाते की तुलना में बहुत अधिक ब्याज दर प्रदान करता है.

पीपीएफ स्कीम लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे बेहतर है. चूंकि इसका निवेश बाजार से जुड़ा नहीं है इसलिए इसमें सुनिश्चित रिटर्न मिलता है. इसके अलावा इस अकाउंट को विस्तारित यानी 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाने की सुविधा भी मिलती है. ऐसे में आप इसे 15 साल के बजाय 25 वर्ष तक जारी रख सकते हैं.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)

पीपीएफ की तरह एनपीएस भी सरकार समर्थित रिटायरमेंट स्कीम है. एनपीएस लिक्विड फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट और कॉरपोरेट बॉन्ड जैसे विभिन्न निवेशों का एक मिश्रण है. एनपीएस के तहत कई योजनाएं हैं, आप अपनी जरूरत के हिसाब से इन्हें चुन सकते हैं. विभिन्न फंडों में ब्याज की दर भी अलग-अलग हैं.

एनपीएस की मुख्य विशेषता यह है कि योजना सभी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. यह योजना आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत प्रति वर्ष 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट प्रदान करती है. खास बात है कि NPS की मैच्योरिटी पर 60 फीसदी रकम टैक्‍स फ्री होती है. महज 40 फीसदी रकम पर टैक्स देना होता है. सरकारी कर्मचारियों के NPS अकाउंट में अंशदान की लिमिट 14 फीसदी है.

सोने में सुरक्षित निवेश

भारत में हर परिस्थिति में सोने में निवेश को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया है, साथ ही यह एक पारंपरिक निवेश है. खास बात है कि गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कभी घाटे का सौदा नहीं रहा है. अब निवेश को लेकर सोना खरीदने के अलावा, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में भी इन्वेस्ट किया जा सकता है.

मंदी की आशंका, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, जियो-पॉलिटिकल टेंशन, गोल्ड के भाव में उच्च स्तर से हुए सुधार के बाद कई बाजार विशेषज्ञ गोल्ड में खरीदी की सलाह दे रहे हैं. एक एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल के आखिरी में सोने का भाव 52 हजार रुपये तक जा सकता है.

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मुनाफे की बात: नए वित्त वर्ष में इन पांच विकल्पों में जरूर करें निवेश, पैसों से भरी रहेगी जेब

निवेश के विकल्प

कोरोना वायरस महामारी ने 2020 में लोगों को बहुत परेशान और चिंतित रखा है। इसकी वजह से सभी क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। निवेशक भी मुनाफे को लेकर परेशान हैं। नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बचत करना आसान नहीं है। कब उनकी सारी सैलरी खर्च हो जाती है पता ही नहीं चलता। कम पैसे खर्च करने की पूरी कोशिश के बावजूद मध्यमवर्गीय परिवार पैसा नहीं बचा पाते। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने भविष्य के लिए पैसे जमा कर सकते हैं।

सार्वजनिक भविष्य निधि योजना (PPF)

सार्वजनिक भविष्य निधि योजना (PPF)
लोग निवेश के बारे में नहीं सोचते और इस कारण वो कीमती समय निकल जाता है जिसमें किया गया निवेश काफी अच्छे रिटर्न दे सकता था। जितनी जल्दी निवेश शुरू किया जाए, ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। लोकप्रिय कर, दीर्घकालिक बचत योजना में निवेशकों को 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है। निवेशक पांच साल के बाद आंशिक निकासी का लाभ उठा सकते हैं और खाते को 15 साल के लिए आगे भी बढ़ा सकते हैं। खाते को सक्रिय रखने के लिए प्रति वर्ष 500 रुपये की न्यूनतम राशि जमा करना आवश्यक है।

नेशनल पेंशन स्कीम

नेशनल पेंशन स्कीम
नेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत केंद्र सरकार ने की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे मुख्य कारण रिटायरमेंट के लिए तैयारी करना था। अगर रिटायरमेंट के लिए अभी से तैयारी करनी है तो पेंशन स्कीम फायदेमंद होगी। रिटायरमेंट के बाद भी किसी व्यक्ति की मासिक आय आती रहे, इस उद्देश्य से एनपीएस की शुरुआत की थी। 500 रुपये निवेश कर भी इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है। योजना के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी को एकमुश्त राशि मिलेगी, जिससे रिटायरमेंट आपको बोझ नहीं लगेगा। पीएफआरडीए एनपीएस से जुड़ने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (OTP) सुविधा देता है। ई-हस्ताक्षर के जरिए बिना किसी कागजी दस्तावेज के ऑनलाइन एनपीएस खाता खोला जा सकता है। एनपीएस टियर-1 अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए सालाना न्यूनतम योगदान 6,000 रुपये से घटाकर सिर्फ 1,000 रुपये कर दिया गया है। रिटायर होने पर आप पूरी पूंजी का 60 फीसदी तक हिस्सा एकमुश्त टैक्स-फ्री ले सकते हैं और बाकी 40 फीसदी फंड से आजीवन पेंशन ले सकते हैं।

ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाएं पैसा

ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाएं पैसा
अगर आप सिर्फ एफडी या पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं, तो आपको रिटर्न भी एक ही तरह का मिलता है। आपको सिर्फ एक तरीके के निवेश विकल्पों से हटकर तेजी से रिटर्न देने वाले विकल्पों में भी पैसा लगाना चाहिए। म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए पैसा लगाते हैं, तो आपको काफी फायदा होगा।

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