वायदा व्यापार

वास्तविक उपज

वास्तविक उपज

पूर्व रमन सरकार में हुई झीरम घाटी कांड, गर्भाश्य कांड, झलियामारी आश्रम रेप कांड, गरीबो की चाँवल चोरी, घोटालो में सीएम की परिवार की संलिप्तता रावण राज का प्रतीक

रायपुर,24 नवंबर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के रामराज वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार का 15 साल का कार्यकाल रावण राज का प्रतीक है जिस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के बुजुर्ग माता एवं उनके परिवार को जबरदस्ती थानों में बिठाया गया उनकी पैतृक जमीनों को षडयंत्र पूर्वक नापजोख कराया गया उन पर फर्जी झूठे मामलों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई।उस दौरान झीरम घाटी राजनीतिक षड्यंत्र हत्याकांड हुआ जिसमे कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओ कार्यकर्ताओं एवं सुरक्षा में लगे जवानों की शहादत हुई, झलियामारी आदिवासी बालिका आश्रम में रेप की घटनाएं हुई, पेद्दागुलुर, सारखेगुडा कांड, मीना खलखो कांड, गर्भाशय कांड ,नसबंदी कांड, अविवाहित युवतियों की गर्भाशय को निकाल दिया गया था।

युवाओं के वास्तविक उपज रोजगार को बेचा गया, हजारों किसानों की आत्महत्या की घटना हुई। आदिवासियो की जमीन को छिनने डराया गया निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल में बंदकर दिया गया। आदिवासी बालिकाओं से शराब परोसने का षड्यंत्र रचा गया। अपनी हक मांग रहे नर्स बहनों एवं शिक्षाकर्मियों पर लाठीचार्ज किया गया।

गरीबों के अनाज पर डाका डाला गया और 36 हजार वास्तविक उपज करोड़ का नान घोटाला हुआ और उस घोटाले में मिली डायरी में मैडम सीएम, ऐश्वर्या रेजीडेंसी और सीएम सर को पैसा पहुंचाने का जिक्र है। रमन सिंह के दमाद ने सरकारी डीकेएस अस्पताल को गिरवी रखकर घोटाला किया। चिटफंड कंपनी को लूटपाट के भाजपा नेताओं का संरक्षण था। 15 साल छत्तीसगढ़ के जनता के लिए रावण काल था रावण राज था उस समय प्रदेश के युवा नारा लगाते थे रमन नहीं यह रावण है बर्बादी का कारण है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि डॉ रमन सिंह अपने 15 साल के अत्याचारी कमीशन खोरी भ्रष्टाचार और घोटालों गड़बड़झाला के कार्यकाल को रामराज बता रहे हैं। रामराज का वास्तविक मायने पता नहीं है, रामराज में जनता खुशहाल रहती रहती है, 15 साल में प्रदेश की जनता हताश और परेशान रही है,

रमन सिंह अपने रावण राज को रामराज् कहते हैं तो यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का अपमान हैं। रामराज में अत्याचार नहीं होता शोषण नहीं होता जो रमन सरकार में हुआ था। 15 साल के रमन शासनकाल के दौरान सरकार के मंत्री सरकारी जमीनों पर कब्जा करते थे।रमन सरकार के शिक्षा मंत्री अपने पत्नी के स्थान पर अन्य महिला को परीक्षा में बैठा कर सत्ता का दुरुपयोग किए थे। जनता की जरूरतों के अनुसार नहीं बल्कि कमीशनखोरी भ्रष्टाचार करने अनेक निर्माण कराया गया जिस की गुणवत्ता खराब रही।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार असल मायने में रामराज का प्रतीक है जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के वनवास काल के दौरान बीते समय को राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

माता कौशल्या जो छत्तीसगढ़ की बेटी है उनके मंदिर का निर्माण किया गया सौंदर्यीकरण किया गया, किसानों को कर्ज मुक्त किया गया, उनकी उपज की कीमत 2500रु. प्रति क्विंटल दिया गया, युवाओं को रोजगार दिया गया, बिजली बिल हाफ की सुविधा प्रदान की गई, गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौ माता की सेवा किया जा रहा है।पशुपालकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। राजीव गांधी भूमि कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के माध्यम से गांव में रहने वाले देवालय में पूजा करने वाले पंडितों को भी आर्थिक मदद की जा रही है। सभी वर्ग की खुशहाली के लिए सरकार काम कर रही है यह राम राज्य का प्रतीक है।आदिवासियों से छीनी गयी जमीन उनको वापस किया गया जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा किया गया। आदिवासी वर्ग के लिए पेसा के नियम बनाए गए उनके शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार के लिए काम किया गया। गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा अंग्रेजी माध्यम के दी जा रही है। हर वर्ग के बेहतरी के लिए सरकार काम कर रही हैं।

द्रविड़ राजनीति के अंत की नींव पीएम मोदी ने रख दी है

'काशी-तमिल संगमम' से क्या होने जा रहा है, ये समझ लीजिए।

Kashi tamil sangmam

एकता में अनेकता हमेशा से ही भारत की पहचान रही है। विभिन्न धर्मों, जातियों और वर्गों से जुड़े लोग भारत में एक साथ बड़े ही प्रेम से रहते आ रहे हैं। परंतु इसी का लाभ कुछ राजनेताओं के द्वारा अपनी राजनीति के लिए उठाया गया और इसके माध्यम से उन्होंने देश को बांटने के प्रयास भी किये। उत्तर और दक्षिण भारत में चला आ रहा टकराव इसी का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। द्रविड़ राजनीति और द्रविड़-आर्य के झूठे सिद्धांत के जरिए उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश होती आ रही है। हालांकि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” अभियान के जरिए द्रविड़ राजनीति का खात्मा करने की तैयारी शुरू कर दी। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ‘काशी-तमिल संगमम’ के जरिए पीएम मोदी ने द्रविड़ राजनीति के अंत की नींव रख दी?

वाराणसी में काशी तमिल संगमम

दरअसल, वाराणसी में एक माह के लिए बेहद ही खास ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहा है। यह कार्यक्रम 16 दिसंबर तक चलने वाला है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी पहुंचकर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया हैं।

तमिल काशी संगमम के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी भी पूरी तरह दक्षिण के रंगों में रंगे नजर आए। इस दौरान वह सफेद रंग के दक्षिण भारत के पारंपरिक पोशाक में दिखायी दिये। कार्यक्रम में तमिलनाडु के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों फिर से मजबूत बनाना है। दरअसल, तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों की भावनाएं वाराणसी और भगवान शिव के साथ जुड़ी हुई हैं।

इससे अलग इस कार्यक्रम के राजनीतिक मायने भी है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा इस संगम के जरिए तमिलनाडु के लोगों को साधकर दक्षिण भारत के इस राज्य में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करना चाहती है। पीएम मोदी ने इस दौरान जो कुछ भी बातें कही, वो बेहद ही महत्वपूर्ण रहीं। अपने संबोधन में उन्होंने वणक्कम और हर हर महादेव बोलकर काशी और तमिलनाडु का नाता जोड़ा और प्राचीनता, संस्कृति, धार्मिक महत्व, अध्यात्म, रीति रिवाज की चर्चा की।

उत्तर-दक्षिण का संगम

पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है तो दूसरी ओर भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा-यमुना जितना ही पवित्र है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘काशी-तमिल संगमम्’ राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा। हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम वास्तविक उपज से लेकर विचारों-विचारधाराओं, ज्ञान-विज्ञान और समाजों-संस्कृतियों के संगम का हमने जश्न मनाया है, इसलिए काशी तमिल संगमम् अपने आप में विशेष है, अद्वितीय है।

साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था, इस देश का एकता सूत्र बनाना था, लेकिन दुर्भाग्य से इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किये गये। ‘काशी-तमिल संगमम्’ इस संकल्प के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा।

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में काशी और तमिलनाडु यानि उत्तर और दक्षिण दोनों क्षेत्रों की परंपरागत जानकारी, कला और व्यापार को लेकर भी चर्चा होगी। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह आयोजन एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विज़न को मज़बूती देने वाला है, साथ ही यह तमिल जैसी प्राचीन भाषा के विकास में मदद पहुंचाने वाला है।

द्रविड़ पॉलिटिक्स का होगा अंत

दक्षिण भारत और उत्तर को दक्षिण भारत के नेता अपने राजनीतिक फायदे के अलग मानते आए हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण द्रविड़ियन पॉलिटिक्स है। ये पॉलिटिक्स हमेशा उत्तर भारत विरोधी आदर्शों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। लेकिन अब माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने काशी तमिल संगम के जरिए द्रविड़ राजनीति के अंत की शुरुआत कर दी है। दक्षिण भारत के नेता अलग देश की मांग करते आए हैं लेकिन पीएम मोदी इन मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। काशी तमिल संगम को बीजेपी के मिशन वास्तविक उपज साउथ से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की जुटी हुई है।

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस और राहुल गांधी भले ही भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हो, परंतु काशी तमिल संगमम के जरिए असल में भाजपा बिना कहे ही भारत को जोड़ने के प्रयास और सदियों से चले आ रहे भेदभाव को और द्रविड़ राजनीति को खत्म करने के प्रयासों में लग गई है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

रेटिंग: 4.79
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 91
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *