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फैलाव स्थिति

फैलाव स्थिति

एक 5 m स्पष्ट फैलाव और 150 mm की प्रभावी गहराई का संतत स्लैब है और वह 300 mm पर आलम्बित है। प्रभावी फैलाव का मान क्या होगा?

The DV Dates for the RSMSSB JE (Agriculture) have been announced. The DV will be conducted on the 9th and 10th of November 2022. Earlier, the RSMSSB JE Result, Final Answer Key, Cut Off were released for written examination on 14th October 2022. The candidates who have cleared the cut off have फैलाव स्थिति been shortlisted for the document verification. The Rajasthan Subordinate & Ministerial Services Selection Board had announced a total of 189 vacancies for RSMSSB JE (Agriculture). The finally appointed candidates will be entitled to Pay Matrix Level 10.

कोरोना संक्रमण फैलाव को रोकने हेतु ग्रामीण होम आइसोलेशन सेंटर होंगे तैयार

डीसी जितेंद्र कुमार ने कहा- प्रारंभिक चरण में जिला के 27 गांवों में बनेंगे ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर
– पंचायत विभाग उपलब्ध कराएगा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सेवाएं देंगी स्वास्थ्य विभाग टीम
झज्जर,12 मई
ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की दस्तक को रोकने के लिए झज्जर जिला प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से सुरक्षात्मक कदम उठा रहा है। आपदा की इस स्थिति में जहां होम आइसोलेशन में रहकर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं वहीं इसी सकारात्मक विचारधारा के साथ अब गांवों में टेस्टिंग प्रक्रिया चलाते हुए आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं डीसी जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रारंभिक चरण में 27 गांवों को चिन्हित करते हुए ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर तैयार करने की योजना शुरू कर दी गई है। विकास एवं पंचायत विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में आइसोलेशन सेंटर बनाने का दायित्व है और उक्त सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
डीसी जितेंद्र कुमार ने ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टेस्टिंग कैंप लगाए गए हैं और जहां कोरोना संक्रमित मरीज अधिक आए हैं उन क्षेत्रों में ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे आइसोलेशन सेंटर में मास्क की उपलब्धता के साथ ही हैंड सेनेटाइजर, बिस्तर व्यवस्था, कोरोना मरीजों के खाने की व्यवस्था, स्टिमर सहित पेयजल आपूर्ति व सफाई प्रबंधन विकास फैलाव स्थिति एवं पंचायत विभाग के माध्यम से किए जाएंगे। वहीं आइसोलेशन सेंटर में उपस्थित होने वाले मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित टीमों की रहेगी। डीसी ने सीईओ जिला परिषद त्रिलोकचंद व डीडीपीओ ललिता वर्मा को ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर के व्यापक प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
हॉट स्पॉट एरिया को करेंगे पहले कवर :
ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर की नोडल अधिकारी एवं डीडीपीओ ललिता वर्मा ने बताया कि झज्जर जिला के ग्रामीण क्षेत्र में प्रारंभिक चरण में हॉट स्पॉट एरिया को कवर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीएचसी दूबलधन के अंतर्गत आने वाले गांव दूबलधन बिध्यान, छुछकवास, दूबलधन, सीएचसी ढाकला के अंतर्गत आने वाले गांव माछरौली, पाटौदा, सिलानी, सीएचसी डीघल के तहत गांव खरहर, रोहद, डीघल, दुजाना, सीएचसी बादली के अंतर्गत आने वाले गांव दुल्हेड़ा, बादली, गुभाना, दादरी तोए तथा सीएचसी छारा के तहत आने वाले गांव छारा, मांडौठी, खेड़ी जसौर, लडरावन आसौदा, नूना माजरा, सांखौल, जसौर खेड़ी, मातन, निलौठी, सराय औरंगाबाद व बराही में ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित फैलाव स्थिति फैलाव स्थिति बीडीपीओ की देखरेख में उक्त गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर आइसोलेशन सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
बैठक में सिविल सर्जन डा.संजय दहिया ने बताया कि ग्रामीण आइसोलेशन सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की पूरी मॉनिटरिंग रहेगी। उक्त सेंटर में मौजूद फैलाव स्थिति संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए वे टीमें गठित कर रहे हैं जोकि नित्य उनके स्वास्थ्य का डाटा अपडेट रखेंगी।

कोरोना वायरस के कहर से हवा में घटा जहर, मगर भारत पर नहीं दिखा असर

भारत ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. केंद्र और राज्य सरकारों नें इस संबंध में कई एडवाइजरी जारी की हैं. हर मुमकिन कोशिश की जा रही है कि वायरस के संक्रमण को कम से कम किया जा सके. अधिकतर राज्यों में स्कूल कॉलेज, सिनेमा हाल बंद कर दिए गए हैं.

कोरोना वायरस के मरीज का इलाज (फाइल फोटो)

अंकित कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2020,
  • (अपडेटेड 17 मार्च 2020, 11:26 PM IST)
    फैलाव स्थिति
  • भारत ने वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई कदम उठाए
  • केंद्र और राज्य सरकारों ने कई एडवाइजरी जारी की हैं

नोवेल कोरोना वायरस (COVID-19) के फैलाव को रोकने के लिए दुनिया के कई देश अभूतपूर्व कदम उठाने को मजबूर हुए हैं. ऐसा ही एक कदम है शहरों को पूरी तरह लॉक-डाउन करना. चीन और इटली को स्थिति के बेकाबू हो जाने के बाद ये अतिवादी रास्ता अपनाना पड़ा. ऐसा कोई निश्चित तरीका नहीं है, जिससे मानव गतिविधियों को सीमित किए जाने के असर को मापा जा सके लेकिन इसके वातावरण पर प्रभाव को कुछ हद तक नापा जा सकता है.

वैज्ञानिकों ने एक निश्चित पैटर्न को पकड़ा है जो नाइट्रोजन डायऑक्साइड (NO2) के घटे हुए स्तर को दर्शाता है. पहले चीन और अब इटली फैलाव स्थिति में बड़े पैमाने पर लोगों को घरों में या अन्यत्र पृथक रखे जाने की वजह से यहां मानव गतिविधियां सीमित होने पर वातावरण में NO2 की कम मात्रा मापी गई. दरअसल नाइट्रोजन ऑक्साइड मानव संचालित गतिविधियों जैसे कि मोटर वाहन, ऊर्जा संयंत्र और औद्योगिक इकाइयों की वजह से वातावरण में उत्सर्जित होती है.

NASA और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) , दोनों का मानना है कि NO2 का स्तर घटना सीधे तौर पर इन क्षेत्रों में मशीनों से जुड़ी गतिविधियों का प्रभावी ढंग से कम फैलाव स्थिति होना है.

भारत की क्या स्थिति है?

भारत ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने इस संबंध में कई एडवाइजरी जारी की हैं. हर मुमकिन कोशिश की जा रही है कि वायरस के संक्रमण को कम से कम किया जा सके. अधिकतर राज्यों में स्कूल कॉलेज, सिनेमा हाल बंद कर दिए गए हैं.

खेल से जुड़े आयोजनों को भी रद्द कर दिया गया है. मंगलवार को महाराष्ट्र में सरकारी दफ्तर भी एक हफ्ते के लिए बंद करने का एलान किया गया. घरेलू यात्राओं और औद्योगिक फैलाव स्थिति सेक्टर के लिए कोई सख्त आदेश नहीं दिए गए हैं लेकिन नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे यात्राओं और बैठकों से बचें.

यहां तक कि प्रधानमंत्री भी लोगों को घर से ही काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हालांकि यूरोपीय स्पेस एजेंसी का सैटेलाइट डेटा बताता है कि भारत में NO2 के स्तर में मामूली ही कमी आई है. ये डेटा 17 फरवरी से 16 मार्च के बीच जमा किया गया. यानी साफ है कि भारत में तमाम एडवाइजरी के बावजूद आउटडोर मानव गतिविधियां इस स्तर पर कम नहीं हुई कि उनकी वातावरण पर कोई छाप देखी जा सके.

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हालांकि कोरोना वायरस को लेकर भारत में फैलाव स्थिति चीन या यूरोप जैसी स्थिति नहीं है. चीन और यूरोप की अमेरिका और इंग्लैंड की सरकारों के साथ इसलिए आलोचना की जा रही है कि उन्होंने समय रहते फैलाव स्थिति पहले सख्त कदम क्यों नहीं उठाए. कोरोना वायरस के फैलाव की बात की जाए तो वैश्विक विज्ञान समुदाय में आम सहमति है कि कोई भी कदम पर्याप्त नहीं है और ऐसे में एहतियाती उपाय किए जाना ही अधिक कारगर रहता है.

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दुनिया भर के विशेषज्ञ वायरस के नए क्षेत्रों में फैलाव को रोकने के लिए अधिक कठोर कदम उठाने की सलाह दे रहे है. बड़े पैमाने पर लोगों को अलग करना और बड़ी संख्या में कहीं जुटने पर रोक लगाने से प्रभावी नतीजे सामने आए हैं.

छाती का विस्तार ( फैलाव)

अभ्यास :
टाँगों को थोड़ा दूर-दूर रखते हुए खड़े रहें। बाजुओं को कंधों की ऊँचाई तक सामने लाएं और कोहनियों को मोड़ लें। हाथों की मुट्ठी बांध लें, जिसमें अंगूठे अंदर रहेंगे। प्रबाहुओं (फोर-आम्र्स) को साथ लाएं और बाजू की मांसपेशियों को सख्त करने के लिए मुट्ठी पर दबाव डालें। >पूरक करते हुए बाजुओं को यथा संभव पाश्र्व में और पीठ की ओर ले जाएं। कोहनियाँ कंधे की ऊँचाई तक ही बनी रहेंगी। > रेचक करते हुए बाजुओं को एक-दूसरे की तरफ लाएं और मांसपेशियों का तनाव बनाएं रखें। इस क्रिया का 5 बार धीरे-धीरे और एकाग्रता से करें, फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।

लाभ :
यह आसन हाथ, बाजू, कंधे और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा असहज पीठ को स्वाभाविक स्थिति में ले आता है। यह छाती की मांसपेशियों को फैलाता है और श्वास को गहनता प्रदान करता है।

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