विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम

इस भव्य इनडोर स्टेडियम में बैडमिंटन, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, स्क्वैश, कॉम्बैट जैसे 20 से अधिक इनडोर खेल खेलने की सुविधा होगी। यह मल्टी-लेवल, मल्टी-स्पोर्ट्स इनडोर स्टेडियम, पैरा स्पोर्ट्स के मानकों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।
वीजा घोटाले में यूएई में फंसे कई भारतीय
समस्या का सटीक पैमाना इस तथ्य के कारण अपेक्षाकृत अज्ञात है कि विज़िट वीज़ा या टूरिस्ट वीज़ा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के रोजगार या प्रवासन रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात में शोषक नियोक्ता वीजा घोटाले में भारतीय नागरिकों को काम पर रखने के लिए पर्यटक वीजा का तेजी से उपयोग कर रहे हैं जो प्रवासी श्रमिकों को श्रम दुर्व्यवहार के लिए उजागर करता है।
संयुक्त अरब अमीरात के वर्क परमिट की तुलना में विजिट वीजा बहुत तेज और सस्ता है।
आम तौर पर, प्रवासी श्रमिक, जैसे कि भारत के लोग, आमतौर पर नौकरी पर शोषित होने की रिपोर्ट नहीं करते हैं क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात में उनकी अवैध स्थिति को तब प्रकाश में विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम लाया जाएगा।
अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 6.05 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार
अमृतसर। श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NGRDJI) अमृतसर पर विदेश जाने वाले यात्री के सामान से छह करोड़ पांच लाख रुपए की विदेशी मुद्रा के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। युवक की पहचान मनदीप सिंह निवासी आटा मंडी अमृतसर के रूप में हुई है। मनदीप एयर इंडिया की फ्लाइट से अमृतसर से दुबई रवाना होने वाला था।
सीमा शुल्क (निवारक) आयुक्तालय, अमृतसर विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम द्वारा दी गई जानकारी अनुसार रविवार की शाम को, एसजीआरडीजेआई हवाई अड्डे में अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान पर एक्स-रे मशीन पर एयरलाइंस स्टाफ द्वारा आउटगोइंग अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सामान की सुरक्षा जांच के दौरान, एक बैग में कुछ संदिग्ध छवियां देखी गईं। एयरलाइंस के कर्मचारियों ने ड्यूटी पर तैनात सीमा शुल्क अधिकारियों को सतर्क किया। इसके बाद, सीमा शुल्क अधिकारियों ने यात्री की प्रोफाइलिंग की और उसे संदिग्ध पाया गया। इसलिए पैक्स की आवाजाही विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम पर नजर रखी गई।
वीजा घोटाले में यूएई में फंसे कई भारतीय
समस्या का सटीक पैमाना इस तथ्य के कारण अपेक्षाकृत अज्ञात है कि विज़िट वीज़ा या टूरिस्ट वीज़ा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के रोजगार या प्रवासन विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात में शोषक नियोक्ता वीजा घोटाले में भारतीय नागरिकों को काम पर रखने के लिए पर्यटक वीजा का तेजी से उपयोग कर रहे हैं जो प्रवासी श्रमिकों को श्रम दुर्व्यवहार के लिए उजागर करता है।
संयुक्त अरब अमीरात के वर्क परमिट की तुलना में विजिट वीजा बहुत तेज और सस्ता है।
आम तौर पर, प्रवासी श्रमिक, जैसे कि भारत के लोग, आमतौर पर नौकरी पर शोषित होने की रिपोर्ट नहीं करते हैं क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात में उनकी अवैध स्थिति को तब प्रकाश में लाया जाएगा।
2022 तक 50 अरब डॉलर का हो सकता है पर्यटन उद्योग: नीति आयोग के विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम सीईओ
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2022 तक भारत में पर्यटन उद्योग की सालाना कमाई 50 अरब डॉलर (करीब 3.56 लाख करोड़ रुपये) होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। विकास और रोजगार बढ़ाने में भी इसकी बड़ी भूमिका होती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के ‘15वें सालाना पर्यटन सम्मेलन-2019’ में कांत ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में पर्यटन क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो काफी रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकता है। देश में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से रोजगार बढ़ते हैं। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। भारत को आज वृद्धि और रोजगार की सबसे अधिक जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि 2018 में पर्यटन से भारत को 28.6 अरब डॉलर की कमाई हुई थी। हमें इसे 2022 तक 50 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर हो जोर
कांत के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर पर्यटन से होने वाली कमाई में भारत की हिस्सेदारी महज 1.97 फीसदी है, जबकि पर्यटकों की आवाजाही में भारत का हिस्सा सिर्फ 1.2 फीसदी है। यह भारत जैसे विशाल देश के लिए बहुत मामूली है। उन्होंने कहा कि हमें इस हिस्सेदारी को 1.2 फीसदी से बढ़ाकर 3.5 फीसदी के स्तर पर ले जाना होगा, तभी 50 अरब डॉलर की कमाई के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। नीति के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को मदद दी है। होटल कमरों पर जीएसटी दरें घटाई गई हैं। होटल के 7,500 रुपये तक किराये वाले कमरों पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर 12 फीसदी किया है। 7,500 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 फीसदी किया गया है। 1,000 रुपये के किराये वाले कमरों पर कोई जीएसटी नहीं लगता है।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह निजी क्षेत्र है। इस क्षेत्र में पर्यटक के आने से लेकर उसके जाने तक की सभी गतिविधियां निजी क्षेत्र की ओर से की जाती हैं। पर्यटक ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट, टूरिस्ट गाइड, कैब परिचालक, रिजॉर्ट से लेकर होटल तक सभी निजी क्षेत्र चलाते हैं। सरकार केवल एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र उद्योग और राज्य सरकारों के सहयोग से आगे बढ़ेगा। ऐसे में सीआईआई इन दोनों के साथ मिलकर काम करने के साथ पर्यटन उद्योग के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल बनाए।
विदेशी मुद्रा लाने वाला तीसरा बड़ा क्षेत्र
सीआईआई के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 9.2 फीसदी बढ़कर 240 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह देश में विदेशी मुद्रा लाने वाला तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। इस क्षेत्र 4.2 करोड़ लोगों को नौकरियां देता है, जो कुल रोजगार का 8.1 फीसदी है। वहीं, पर्यटन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि इस क्षेत्र में 2014 से 2018 के बीच 1.3 करोड़ लोगों को विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम नौकरियां मिलीं। इसके अलावा, विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने वीजा और ई-वीजा प्रणाली को सुविधाजनक बनाया। हालांकि, देश में टूरिस्ट गाइड के संबंध में बड़ी चुनौती है। सरकार उनके प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए प्रयास कर रही है।
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नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2022 तक भारत में पर्यटन उद्योग की सालाना कमाई 50 अरब डॉलर (करीब 3.56 लाख करोड़ रुपये) होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। विकास और रोजगार बढ़ाने में भी इसकी बड़ी भूमिका होती है।
मोदी सरकार के प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार
भारत में वित्त वर्ष 2022-23 के जून-अगस्त 2022 की अवधि के दौरान यात्रा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के नए अवसरों में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मासिक आधार पर रोजगार के नए अवसरों में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है। यह सब केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समय समय पर लिए गए निर्णयों के चलते ही सम्भव हो पाया है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड जैसे राज्यों का योगदान इसमें बहुत अधिक रहा है। वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, आदि जैसे धार्मिक शहरों में तो पर्यटकों की संख्या में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है।