प्रसार कम है

नानजिंग रिकॉन: चीन में रखरखाव अनुबंध
नानजिंग रिकॉन को 6.73 मिलियन युआन, या $ 0.94 मिलियन के दो साल के अनुबंध से सम्मानित किया गया है। अनुबंध स्वचालन, नियंत्रण और उपकरण में रखरखाव सेवाओं के प्रावधान के लिए है। अनुबंध का विषय चीन में एक गैस उत्पादन संयंत्र है।
नानजिंग रिकॉन रेकॉन हेंगडा प्रसार कम है टेक्नोलॉजी की सहायक कंपनी से अनुबंधित रूप से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, Recon Enterprise NASDAQ में सूचीबद्ध पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में पहली गैर-राज्य तेल और गैस सेवा कंपनी है। यह तेल निष्कर्षण के स्तर को बढ़ाने के लिए उन्नत स्वचालित प्रौद्योगिकियां प्रदान करता है।
रेकॉन अपने साथी को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपने का फैसला करता है। वास्तव में, वह साइट पर मशीनों की सुरक्षा, व्यवस्थित रखरखाव और निगरानी के प्रभारी होंगे। ये ऑपरेशन चीनी तेल और गैस कंपनी के उत्पादन उद्देश्यों की उपलब्धि को सुगम बनाएंगे।
औद्योगिक मान्यता
उत्पादन स्थल सिचुआन के चीनी प्रांत में स्थित है। घटक प्रतिस्थापन लागत पर निश्चित रखरखाव लागत और परिवर्तनीय व्यय प्रसार कम है अनुबंध द्वारा कवर किए जाते हैं। अन्य बातों के अलावा, कंपनी को सभी उपकरणों और मीटरों, नियंत्रण वाल्वों, प्रसार, नेटवर्क संचार या यहां तक कि फाइबर ऑप्टिक संचार की निगरानी करनी होगी।
रिकॉन के संस्थापक और सीईओ श्री शेनपिंग यिन कहते हैं:
“अक्टूबर में प्राप्त प्रसार कम है 3.2 मिलियन युआन (लगभग $ 0.45 मिलियन) के पिछले अनुबंध के बाद, हम चीन में सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनियों में से एक की मान्यता और सेवा अनुबंध प्राप्त करने के लिए हमारी समर्पित टीम द्वारा एक और उपलब्धि हासिल करने की घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं। थोक आदेशों को कुशलतापूर्वक पूरा करने की हमारी क्षमता, हम अपने मूल्यवान ग्राहकों की सटीक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। गुणवत्ता के प्रति जागरूक कंपनी के रूप में, हम विनिर्देशों को पूरा करने के लिए सुविधाओं को अनुकूलित करते हैं। उच्च प्रदर्शन, कम रखरखाव लागत और लंबे जीवन को प्राप्त करने के लिए हमारे ग्राहकों द्वारा प्रदान किया गया “
Recon सुचारू डेटा ट्रांसफर सुनिश्चित करने के लिए मरम्मत कार्य को संभालेगा और प्लेटफार्मों और चैनलों पर आपातकालीन समस्या निवारण प्रदान करेगा। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति और रिमोट कनेक्शन को उत्पादन स्थल पर स्थिरता से लाभ होना चाहिए।
Recon चीन की शीर्ष तेल खोज कंपनियों को उन्नत तकनीक प्रदान करता है। कंपनी के ग्राहकों में सिनोपेक और सीएनपीसी शामिल हैं। कंपनी तेल और गैस उद्योग में कई खंडों वाले बाजारों में भी अग्रणी स्थान ले रही है।
लुधियाना में कम नहीं हो रहा डेंगू का खतरा, 21 नए मरीज आए
लुधियाना (सच कहूँ न्यूज)। शहर में मौसम लगातार सर्द हो रहा है और तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। बावजूद इसके अभी भी डेंगू के मरीजों का आना जारी है। मंगलवार को डेंगू के 21 एवं कोरोना के एक मरीज की पुष्टि हुई है, जिससे सेहत विभाग में चिंता की स्थिति है। सेहत विभाग लोगों को डेंगू एवं कोविड से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है। लोगों को अपने आसपास साफ सफाई रखने और पानी जमा न होने देने के लिए प्रेरित कर रहा है। सेहत विभाग में सिविल सर्जन हितेंद्र कौर के अनुसार एक मरीज की कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई है। यह मरीज जिला लुधियाना से संबंधित है। सेहत विभाग की टीम ने 87 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर कोविड जांच के लिए लैब में भेजे हैं। जिले में कोविड के चार एक्टिव केस हैं और सभी को उनके घरों में ही आइसोलेट किया गया है।
उधर डेंगू के मरीजों का मिलना लगातार जारी है। मंगलवार को भी 21 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। बता दें कि, इस बार डेंगू बुखार का असर मरीजों के दिमाग पर भी हो रहा है, जिससे हालात काफी बिगड़ रहे हैं। थोड़ी सी भी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि बुखार चढ़ने पर पूरी तरह से चेकअप जरूर करवाएं। साथ ही डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां जरूर बरतें। अगर डेंगू हो तो खाने में तरल पदार्थ लेना शुरू कर दें।
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Covid-19 से 25 प्रतिशत लोग हैं मानसिक रोगी, इन राज्यों में सबसे ज्यादा
दिल्ली, गुजरात और झारखंड में लगभग 25 प्रतिशत कोविड पीड़ित मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित हैं- ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक- यहां तक कि जब महामारी कम हुई, जिसके परिणामस्वरूप तीनों राज्यों में लिंग आधारित हिंसा अधिक हुई, एक अध्ययन से शुक्रवार को इसकी जानकारी हुई. लिंग आधारित हिंसा के मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित किया गया, क्योंकि लगभग 77 प्रतिशत लिंग आधारित हिंसा प्रभावित प्रसार कम है व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पाए गए.
प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन वल्र्ड हेल्थ पार्टनर्स (डब्ल्यूएचपी) के अनुसार, अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोविड-19 रोगियों के परिवार के 16 प्रतिशत सदस्यों ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की सूचना दी है. डब्ल्यूएचपी की टेली-काउंसलिंग सेवा ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काबू पाने में कोविड-19 रोगियों, प्रसार कम है उनके परिवार के सदस्यों और लिंग आधारित हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद की.
प्राची शुक्ला, कंट्री डायरेक्टर- वल्र्ड हेल्थ पार्टनर्स ने कहा, सस्ती और समय पर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करके परियोजना से सीखकर कोविड-19 महामारी के मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव पर प्रकाश डाला गया. मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि ने कम लागत वाली डिजिटल तकनीकों को लागू करने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं जो मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण में सरकार के प्रयासों का समर्थन कर सकते हैं.
यह परियोजना जून 2021 से नवंबर 2022 तक तीन राज्यों के 26 जिलों में लागू की गई थी. मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए टीमें 500,000 से अधिक लोगों तक पहुंचीं. परियोजना अवधि के दौरान, डब्ल्यूएचपी के टेली-हेल्थ प्लेटफॉर्म को मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए 70,000 से अधिक कॉल प्राप्त हुए. टेली-काउंसलिंग सत्रों को पूरा करने के बाद हल्के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों वाले लगभग 95 प्रतिशत व्यक्तियों को सामान्य पाया गया.
सभी तीन राज्यों में शहरी सेटिंग्स में, 35-59 आयु वर्ग में पुरुषों और महिलाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का प्रसार 21.2 प्रतिशत अधिक था, जबकि ग्रामीण सेटिंग 13.2 प्रतिशत था. डॉ राजेश सागर, प्रोफेसर और प्रमुख-मनोचिकित्सा, एम्स ने कहा- टेली-मेंटल हेल्थ एक गेम चेंजर है, जब देश के कुछ हिस्सों में सेवाओं की पहुंच को आसान बनाने की बात आती है, जो महानगरों या टियर 1 शहरों में लोगों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता देखभाल तक पहुंच नहीं हो सकती है.
सागर ने कहा, देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और प्राथमिक देखभाल सेटिंग में प्रभावी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि वंचित आबादी तक पहुंचा जा सके. 18 महीने की परियोजना को यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) द्वारा समर्थित किया गया था. इसे सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री (सीआईपी) और रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइकियाट्री एंड एलाइड साइंसेज (आरआईएनपीएएस) जैसे संस्थानों से तकनीकी सहायता से लागू किया गया था.
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कैसी रहेगी दिल्ली की सर्दी? IMD ने यूपी और हरियाणा-पंजाब के लिए भी कर दी भविष्यवाणी
हिन्दुस्तान 3 दिन पहले लाइव हिन्दुस्तान
IMD Weather Report: देश के कई राज्यों में ठंड ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों पर भारी बर्फबारी से कई इलाकों में तापमान माइनस में चला गया है। वहीं, मैदानी हिस्सों में पछिया हवा ने भी पारे प्रसार कम है को लुढ़का दिया है। हालांकि, मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इस साल कम ठंड पड़ सकती है। जाड़े के महीनों में इन राज्यों का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने गुरुवार को कहा कि उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में दिसंबर, जनवरी और फरवरी में दिन के समय में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की उम्मीद है। वहीं, दक्षिण और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में इस दौरान तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। इसका मतलब यह हुआ कि इन हिस्सों में इस साल अधिक ठंड पड़ने की संभावना है।
महापात्रा ने कहा कि जलवायु संबंधी कारणों और पूर्वी हवाओं के प्रसार के कारण अधिकतम तापमान के सामन्य से अधिक रहने की उम्मीद है। महापात्र ने कहा कि एमएमसीएफएस और अन्य वैश्विक मॉडल बताते हैं कि आने वाले सर्दियों के मौसम में ला नीना की स्थिति जारी रहने की संभावना है। प्रशांत महासागर के ऊपर अल नीनो भी भारतीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।
दिसंबर के दौरान अधिकतम तापमान पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों और मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में इसके सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है। पूरे देश में दिसंबर के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम के कुछ इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।