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मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड

  • कृषि उत्‍पादन के विक्रेता को प्रतिस्‍पर्धात्‍मक मूल्‍य दिलाना, सही तौल के लिये व्‍यवस्‍थायें करना एवं उत्‍पादक को उसी दिन मूल्‍य का भुगतान कराना।
  • मण्डियों की स्‍थापना के लिये सर्वेक्षण, साईट प्‍लान्‍स एवं मास्‍टर प्‍लान का सम्‍पादन।
  • मण्‍डी प्रांगणों एवं उपमण्‍डी प्रांगणों में सुचारु विपणन के लिये नियोजित तरीके से मूलभूत सुविधायें विकसित करना।
  • वित्‍तीय रुप से कमजोर मण्‍डी समितियों को ॠण अथवा अनुदान देना।
  • कृषि उत्‍पादन में वृद्वि के लिये कृषि आदानों को मण्‍डी प्रांगण में उपलब्‍ध कराना।
  • मण्‍डी अधिनियम तथा उसके अधीन बनाये गये नियमों तथा उपविधियों के उपबंधों को कार्यान्वित करना, सुचारु एवं बेहतर विपणन व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने के लिये अधिनियम एवं तदाधीन नियमों में आवश्‍यक संशोधन के लिये समय समय पर राज्‍य शासन को सुझाव प्रस्‍तुत करना।

ई-अनुज्ञा के प्रमुख तथ्य

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फसल अनुसार
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सं.क्र. मंडी का नाम कुल आवक (मात्रा क्विंटल में) न्यूनतम दर (रूपये प्रति क्विंटल में) उच्चतम दर (रूपये प्रति क्विंटल में)
सं.क्र. मंडी का नाम कुल आवक (मात्रा क्विंटल में) न्यूनतम दर (रूपये प्रति क्विंटल में) उच्चतम दर (रूपये प्रति क्विंटल में)

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दिए गए फीडबैक

eMandi

मध्यप्रदेश राज्य कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अंतर्गत अधिसूचित कृषि उपज का विक्रय उपरांत मंडी फीस का भुगतान का एकमात्र प्रमाणिक दस्तावेज है और इसी के माध्यम से व्यापारियों द्वारा क्रय अधिसूचित कृषि उपज का प्रदेश के अंदर एवं बाहर परिवहन किया जाता है इस व्यापक कार्य को सरल एवं सुगम बनाने की दृष्टि से कृषि उपज मंडी समितियों में अनुज्ञा पत्र प्रणाली लागू की गई है इस नवीन आधुनिक प्रणाली के उपयोग से जहां एक और अनुज्ञा पत्र का तत्काल सत्यापन होने से इसके दुरुपयोग की संभावना समाप्त होगी वहीं दूसरी ओर कृषि उपज विपणन गतिविधियों में भी तेजी आएगी

आवश्यक लिंक्स

संपर्क करें

म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, 26, किसान भवन, अरेरा हिल्स, भोपाल (म.प्र.)
पिन: 462011
Phone: 0755 2550495
Email: eanugya[at]gmail[dot]com

कहानियां

आसपास के गाँवो में जाने के लिए उसे कई नाले और छोटी-छोटी नदियाँ पार करनी पड़ती थीं। एक दिन नदी पार करते समय गधा अचानक पानी में गिर पड़ा इससे गधे के शरीर पर लदा हुआ ढेर-सारा नमक पानी में घुल गया अब गधे का बोझ काफी हल्का हो गया। उस दिन गधे को अच्छा आराम मिल गया।

दूसरे दिन वह व्यापारी रोज की तरह गधे पर नमक की बोरियाँ लाद कर नमक बेचने निकला। उस दिन पहले नाले को पार करते समय गधा जानबूझ कर पानी मे बैठ गया।

उसकी पीठ का बोझ फिर हल्का हो गया। व्यापारी उस दिन भी गधे को लेकर एक दिन का व्यापार वापस लौट आया। पर नमक के व्यापारी के ध्यान मे आ गया कि आज गधा जानबूझकर पानी मे बैठ गया था। उसे गधे पर बहुत गुस्सा आया। इसलिए डंडे से उसने गधे की खूब पिटाई की। उसने कहा, “मूर्ख प्राणी, तू मुझसे चालाकी करता है। मैं तुझे सबक सिखाए बिना नही रहूगाँ।“ अगले दिन व्यापारी ने गधे पर रूई के बोरे लादे गधे ने फिर वही तरकीब आजमाने की कोशिश की, नाला आते ही वह पानी मे बैठ गया। इस बार उल्टा ही हुआ। रूई के बोरो ने खूब पानी सोखा और गधे की पीठ का बोझ पहले से कई गुना बढ़ गया। पानी से बाहर आने मे गधे को खूब मेहनत करनी पड़ी। उस दिन के बाद से गधे ने पानी मे बैठने की आदत छोंड दी।

कॉबल:कचरे से निकले टुकड़े बने पारस

बूंदी के खनन इलाकों में सैंडस्टोन के जिन टुकड़ों को कचरा समझा जाता था, वही पत्थर अब सोना बरसाने का काम कर रहा है.

कॉबल

पीयूष पाचक

  • जयपुर,
  • 19 मई 2012,
  • (अपडेटेड 19 मई 2012, 6:34 PM IST)

बात दशक भर पहले की है. राजकुमार बुलचंदानी अपने भाई के साथ बूंदी बस स्टैंड पर पान की दुकान चलाते थे. परिवार की माली हालत खास अच्छी नहीं थी जिसके चलते वे पुरानी बूंदी में सिंधी कैंप के सरकारी आवास में रहकर दिन काट रहे थे. गरीबी से निजात पाने की कोशिश की बदौलत उन्हें खनन क्षेत्र में डीजल सप्लाई का लाइसेंस मिला.

एक दिन व्यापार के सिलसिले में वे बुधपुरा गए तो शक्करगढ़ निवासी सी.पी. मंडोवरा ने उन्हें कॉबल के बारे में बताया. बस, उन्हीं की प्रेरणा से वे इस व्यापार में ऐसे उतरे कि पीछे मुड़कर देखने की जरूरत ही नहीं पड़ी. 5,000 से 6,000 रु. मासिक आय वाले बुलचंदानी अब सालाना एक करोड़ रु. से ज्‍यादा के कारोबारी सेठ हैं. बूंदी में उनका निजी मकान और गाड़ी भी है. वे कॉबल व्यापार संघ, बूंदी के अध्यक्ष भी हैं.

लोगों के जीवन में पारस पत्थर का रोल अदा करने वाले और एक बड़े बदलाव के सृजक कॉबल से जुड़ी कामयाबी की असली कहानियों की बूंदी में कोई कमी नहीं है. डेढ़ दशक पहले तक प्रदेश के खनन इलाकों में सैंडस्टोन के जिन टुकड़ों को फालतू कचरा माना जाता था, वही आज सोना बरसा रहा है.

आखिर ऐसा क्या हुआ जो कचरा सोना बरसाने लगा? इस बदलाव की कहानी उस समय से शुरू होती है जब कुछ देशों ने सड़कें, फुटपाथ बनाने के साथ ही कई दूसरों कामों में कॉबल का प्रयोग करना शुरू किया, जिससे इसके निर्यात में इजाफा होने लगा. मौजूदा दौर में जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम समेत कई यूरोपीय देशों और बांग्लादेश में इसकी मांग जबरदस्त रूप से बढ़ी है. यही वजह है कि बूंदी के डाबी और बुधपुरा इलाके में कॉबल बनाने के उद्योग ने बड़ा रूप अख्तियार कर लिया है.

कॉबल ने लोगों का जीवन बदला, यहां तक तो ठीक. लेकिन सवाल पैदा होता है कि आखिर यह कॉबल है क्या बला? आम तौर पर खदानों से सैंडस्टोन निकाले जाने के बाद पत्थर के कुछ ऐसे टुकड़े बच जाते हैं, जिनकी टाइल्स नहीं बन पाती. कुछ समय पहले तक पत्थरों के इन टुकड़ों को कूड़ा मानकर मलबे के साथ दफन कर दिया जाता था. इस वजह से, खनन वाले इलाकों में मलबे के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए थे. लेकिन 1990 में चंद्रप्रकाश मंडोवरा ने कॉबल बनाकर कॉबल व्यापार की नींव डाली और 1992 आते-आते इसका विदेशों में निर्यात होने लगा. नमी वाले स्थानों पर इन टुकड़ों से सड़क और फुटपाथ बनाए गए. कई देशों में इनका प्रयोग सफल रहा तो इन टुकड़ों की भी चल निकली. मौजूदा समय में छह गुणा छह इंच आकार के कॉबल को कटिंग करके निर्यात किया जा रहा है. इनके अलावा चार-पांच छोटे-बड़े आकारों में भी कॉबल तैयार होते हैं, जिसकी काफी मांग है.

बूंदी, भीलवाड़ा और आसपास के इलाकों में कॉबल व्यापार की नींव रखने वाले दिवंगत चंद्रप्रकाश के भाई रामेश्वर मंडोवरा और विशाल मंडोवरा (सी.पी. मंडोवरा के पुत्र) इस व्यापार को परवान चढ़ा रहे हैं. विशाल बताते हैं, ''पिताजी नब्बे के दशक में यूरोप में किसी मेले में गए थे, जहां किसी विदेशी खरीदार ने उन्हें सैंडस्टोन के कॉबल बनाने का आइडिया दिया था. भारत आने के बाद वे अपना काम छोड़कर जयपुर से कारीगर लाकर ग्रेनाइट की तर्ज पर कॉबल बनाने का प्रयोग करने लगे. 1993 में पहला कंटेनर बेल्जियम भेजा गया. इसके बाद विदेशों में ऐसी मांग बढ़ी कि सालाना एक हजार से ज्‍यादा कंटेनर फ्रांस, बेल्जियम और जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों में भेजे जाते हैं.'' अब विशाल, उनके ताऊजी रामेश्वर मंडोवरा और उनका बेटा इस व्यापार को संभाल रहे हैं.

कॉबल निर्माण संघ, बूंदी के अध्यक्ष राजकुमार बुलचंदानी बताते हैं कि जिले के खनन क्षेत्र से प्रति माह तकरीबन 1,000 ट्रक माल निकल जाता है. एक ट्रक में तकरीबन 28 टन माल आता है. वे बताते हैं, ''कॉबल की स्थानीय दर 1,200-1,300 रु. प्रति टन है, जबकि विदेशों में इसकी कीमत 4,500 रु. प्रति टन से ज्‍यादा है.''

हमारे देश में फुटपाथ बनाने के लिए सीमेंट के ब्लॉक्स चलन में हैं. लेकिन विदेशों में कॉबल की ज्‍यादा मांग है. अधिक पानी और शून्य से कम तापमान वाले इन देशों में जहां बार-बार सड़कें टूटना आम बात है, कॉबल के उपयोग से अच्छे नतीजे सामने आए हैं.

राज्‍य के इस पूरे संभाग खासकर बूंदी में कॉबल का निर्माण और निर्यात शुरू होने से लोगों का जीवन वाकई बदला है. इस पर 'आम के आम गुठलियों के दाम' कहावत भी बखूबी लागू हो रही है क्योंकि मूल खनिज पदार्थ के बाद बचा कचरा सोना साबित हो रहा है. इसने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बहुत बड़ी मदद की है. इस इलाके में मलबे के कृत्रिम पहाड़ों के ढेर अब छोटे होने लगे हैं. पिछले दस साल में यहां इतने ढेर लग गए कि जगह ही नहीं बची थी.

बड़े खनन कारोबारियों के बाद इस कचरे की वजह से कई छोटे उद्यमी भी पनप आए हैं जो खान मालिकों से इस कचरे को खरीद कर कॉबल बनाकर चांदी काट रहे हैं. हजारों हस्तशिल्पियों, पत्थर काटने वालों और मजदूरों को भी इससे रोजगार मिला है.

ऐसे ही एक शख्स केदार गुप्ता हैं जो कॉबल व्यापार संघ, बूंदी के सचिव हैं. वे सन 2000 से पहले तक एक स्टोन कंपनी में इंचार्ज के तौर पर काम करते थे, उन्हें गुजारे लायक पगार ही मिला करती थी. वे कॉबल व्यापार में क्या आए, उनका पूरा जीवन ही बदल गया. अब उनके बुधपुरा और कोटा में ऑफिस हैं और सालाना टर्नओवर एक करोड़ रु. को पार कर चुका है. वे कहते हैं, ''कॉबल व्यापार में निर्यात बढ़ने से मेहनत काफी कम हो गई है और जिदंगी काफी आसान होती जा रही है.''

बूंदी के बरड़ खनन क्षेत्र और भीलवाड़ा के इलाके में सिर्फ कॉबल को लेकर तकरीबन 100 करोड़ रु. का सालाना कारोबार होता है. मजेदार बात यह कि शुरुआती तीन साल में कॉबल रॉयल्टी मुक्त रहा. फिर 1998 के आसपास 5 रु. प्रति टन से रॉयल्टी शुरू हुई, जो अब 75 रु. प्रति टन पर पहुंच गई है. पिछले साल उस समय तो हद ही हो गई थी, जब सरकार ने इसे 150 रु. प्रति टन कर दिया. मगर जनवरी, 2011 में 45 दिन तक चले आंदोलन के बाद सरकार को दरें घटानी पड़ीं. बुलचंदानी कहते हैं, ''कॉबल की रॉयल्टी दर ज्‍यादा है. मूल खनिज पदार्थ (सैंडस्टोन) की तुलना में कॉबल की दरें और कम होनी चाहिए. अलबत्ता कॉबल पर सेल टैक्स माफ है. बूंदी और कोटा में कॉबल बनाने का काम बडे़ पैमाने पर चल रहा है. बूंदी के छोटे-से बुधपुरा गांव में 35 से ज्‍यादा स्टॉक (खुले गोदाम) हैं.''

खान मालिकों को भी इससे खासा फायदा हुआ है. अब वे अपनी समस्या के समाधान का भी फायदा लेने लगे हैं. भला कैसे? पहले एक दशक तक कच्चा माल (फर्शी) निःशुल्क मिलता था. खान मालिकों को भी मलबे के पहाड़ से छुटकारा पाना होता था. लेकिन कॉबल की मांग बढ़ने के कारण वे भी मौके का फायदा उठाकर कचरे की कीमत वसूलने लगे हैं. बकौल रामेश्वर मंडोवरा, ''खुशी की बात यह है कि माल (कॉबल) की जबरदस्त मांग है. इतनी कि 60 फीसदी ऑर्डर पेंडिंग हैं.''

कचरे को सोने में कैसे बदला जाता है इसका सबक बूंदी और कोटा ने कॉबल के जरिए बखूबी सीख लिया है. अब यहां कॉबल के कई निर्यातक हो गए हैं तो वहीं एक लाख मजदूरों को रोजगार भी मिल रहा है.

बिजनेस लोन

सभी कारोबारी अपने कारोबार को सफलता की नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने के सपने देखते हैं, उनके सपनों को साकार करने में बिजनेस लोन बहुत अहम भूमिका निभाता है। लगभग सभी कारोबारी बिजनेस लोन लेने के बारे में विचार करते हैं लेकिन इस सवाल पर आकर अटक जाते हैं कि ‘बिजनेस लोन’ कहा से ले। इस सवाल का समाधान है “ZipLoan से लें बिजनेस लोन”। ZipLoan लघु एवं मध्यम (छोटे-बड़े) कारोबारियों को उनके बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए 1 से 7.5 लाख तक बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिनों में प्रदान करता है। बिजनेस लोन को कारोबारी 12 से 36 महीनों में बीच आसान किस्तों पर चुका सकते हैं।

बिजनेस को विस्तार करने के लिए लोन देने वाली ZipLoan लोकप्रिय कंपनी है।

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छोटे कारोबारियों के लिए हमारे बिजनेस लोन के प्रकार

ZipLoan लघु एवं मध्यम (छोटे – बड़े) कारोबारियों की बुनियादी ज़रूरतों को समझता है। यही कारण है कि ZipLoan लघु कारोबारियों के लिए विभिन्न प्रकार के बिजनेस लोन प्रदान करता है। ZipLoan से दिए जाने वाले बिजनेस लोन निम्नलिखित प्रकार के हैं:

मशीनरी लोन: किसी भी छोटे बिजनेस के लिए इक्विपमेंट मशीनरी लोन काफी उपयोगी होता है। इस मशीनरी लोन की सहायता से आप मशीन की मरम्मत या टूट-फूट की समस्या को दूर कर सकते हैं या अपग्रेड कर नई मशीन ले सकते हैं।

फ्लेक्सी बिजनेस लोन: ZipLoan से आप फ्लेक्सी बिजनेस लोन प्राप्त कर सकते हैं। जिसे आप 12 से 36 महीने की आसान किस्तों में चुका सकते हैं। इसके साथ ही अपने बिजनेस की जरूरतों के अनुसार आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं।

एमएसएमई बिजनेस लोन: लघु एवं मध्यम (छोटे – बड़े) कारोबारों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए ZipLoan एमएसएमई बिजनेस लोन की सुविधा प्रदान करता है। आप अपने लघु एवं मध्यम (छोटे – बड़े) कारोबार की ज़रूरतों को 1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन लेकर पूरा कर सकते हैं।

महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन: देश के उधमियों में 14 % योगदान महिलओं का हैं | और हम इसको और बढ़ावा देने के लिए आसान किस्तों पर महिला बिज़नेस लोन देते हैं |

बिजनेस लोन पाने की योग्यता:

कारोबार का सालाना टर्नओवर 10 लाख तक का होना चाहिए

पिछले साल भरी गई ITR कम से कम 1.5 लाख की होनी चाहिए

घर या बिज़नेस की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर हो या सगे - संबंधी के नाम पर होना चाहिए

कारोबार कम से कम 2 साल पुराना होना चाहिए

लोन के लिए जरूरी कागज़ी दस्तावेज़:

पिछले 9 महीने का बैंक स्टेटमेंट

पिछले 1 साल के दौरान भरी गई ITR की कॉपी

घर या कारोबार के पता का प्रमाण पत्र

ZipLoan से प्राप्त होने वाले बिजनेस लोन की प्रमुख विशेषताएँ इस तरह हैं।

ऑनलाइन बिजनेस लोन: ZipLoan से बिजनेस लोन लेना मतलब घर बैठे रकम प्राप्त करना। ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए आपको एक दिन का व्यापार एक दिन का व्यापार भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती है।

Zipscore: ZipLoan कारोबारियों की जरूरतों को समझता है, इसीलिए बिजनेस लोन देने के लिए ZipLoan ना केवल Cibil score के मापदंडों को फॉलो करता है, बल्कि हमारी एक अलग क्रेडिट स्कोर पॉलिसी है। जिसे हम Zipscore कहते हैं। Zipscore की गणना हम कारोबारी की बैंक डीटेल, पिछले 2 सालों का ITR, सिबिल स्कोर और बिजनेस प्रॉफिट मार्जिन इन सभी दस्तावेजों को समायोजित करके करते हैं। Zipscore कारोबारी के बिजनेस लोन पाने के अवसर बढ़ा देता है।

1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन: ZipLoan आपके बिजनेस से संबंधित ज़रूरतों के लिए 1 से 7.5 लाख तक बिजनेस लोन प्रदान करता है। बिजनेस लोन की सहायता से कारोबारी अपने बिजनेस का विस्तार सकते हैं। अगर कारोबारी को और अधिक रकम की जरूरत हुई तो उसके लिए टॉप-उप बिजनेस लोन देने की भी व्यवस्था है।

6 महीने बाद प्री पेमेंट फ्री:ZipLoan से दिया जाने वाला बिजनेस लोन 6 महीने बाद प्री पेमेंट फ्री होता है। इसका मतलब है कि आप लोन लेने के 6 महीने के बाद कभी भी लोन चुकता करते हैं तो आपको एक भी रुपया अधिक नही देना पड़ेगा।

आसान किस्तों में लोन चुकाएं: ZipLoan से प्राप्त बिजनेस लोन आप 12 से 36 महीने के अंतराल में आसान किस्तों में चुका सकते हैं।

दिल्ली में बिजनेस लोन के लिए हमारी शाखाएं डी. के. मोहन गार्डन, जीवन पार्क, मटियाला, उत्तम नगर, बक्करवाला, मुंडका, नागलोई-2, निलोठी बी.ओ, रंहोला, टिकरी कलां, अशोक नगर, चांद नगर, चौखंडी, ख्याला फेस-1, एम.बी.एस नगर, महाबीर नगर, तिलक नगर, विकासपुरी, विष्णु गार्डेन, बादली, डी.ई.एस.यू कॉलोनी, जेल रोड और जनकपुरी में हैं और इन क्षेत्रों में हमने 1150 से ज्यादा कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान किया है।

बिजनेस लोन FAQ

बिजनेस लोन क्या है? और यह कैसे काम करता है?

किसी भी चल रहे बिजनेस का विस्तार करने के लिए दिया जाने लोन बिजनेस लोन कहा जाता है। करोबारियों को ZipLoan से सिर्फ 3 दिन* में बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है। इन निम्न कार्यों के लिए बिजनेस लोन मदद करता है:

बिजनेस विस्तार में

कैश फ्लो में अंतर को पूरा करने में

वर्किंग कैपिटल मैनेज करने में

इनवेंट्री मैनेजमेंट में

बिजनेस में नये उपकरणों को खरीदने में

बिजनेस लोन क्यों लेना चाहिए?

एक बिजनेस में बहुत सारी जरूरत होती है। बिजनेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक धन की जरूरत होती है। जरूरी नहीं है की जब बिजनेस में पैसों की जरूरत हो तो कारोबरी के पास धन उपलब्ध हो। ऐसे में बिजनेस लोन एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है। बिजनेस लोन इन निम्न कार्यों के लिए लेना चाहिए:

बिजनेस विस्तार करने के लिए

कैश फ्लो में अंतर को पूरा करने के लिए

कार्यशील पूंजी यानी बिजनेस की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए

व्यापार में सामान बढ़ाने के लिए

बिजनेस में नए उपकरण खरीदने के लिए

मुझे बिजनेस लोन कैसे मिल सकता है?

वर्तमान समय में बिजनेस लोन मिलता बहुत आसान है। बिजनेस लोन प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्लाई किया जा सकता है। बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की बिजनेस लोन के लिए जरूरी सभी कागजात मौजूद हैं।

बिजनेस लोन किसको मिल सकता है?

बिजनेस लोन सभी कारोबारी को मिल सकता है। बशर्ते जहां से बिजनेस लोन के लिए अप्लाई किया गया हो वहां पर पात्रता कम्पलीट होना चाहिए।

बिजनेस लोन के लिए अच्छा सिबिल स्कोर कितना माना किया है?

सामान्य तौर पर बिजनेस लोन के लिए 550 से ऊपर सिबिल स्कोर होना चाहिए। लेकिन, बिजनेस लोन देने का और न देने का पूरा अधिकार लोन कंपनी के ऊपर निर्भर करता है।

किस तरह के कारोबार बिजनेस लोन के लिए पात्र होते हैं?

ZipLoan से उन सभी कारोबार को बिजनेस लोन मिल सकता है जो:

2 साल से अधिक पुराने हो

बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख से अधिक हो

सालाना आईटीआर 1.5 लाख से अधिक भरते हो

घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर हो (यह माता – पिता, भाई – बहन, पति – पत्नी, पुत्र – पुत्री में के किसी नाम पर हो तो मान्य किया जाता है)

बिजनेस लोन के लिए क्या – क्या कागजात की जरूरत पड़ती है?

ZipLoan से बिजनेस लोन पाने के लिए निम्न कागजी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है:

पिछल 9 महीने का बैंक स्टेटमेंट

पिछले साल फाइल की गई ITR की कॉपी

घर और बिजनेस एड्रेस प्रूफ

मुझे कैसे पता चलेगा की मेरी EMI कितनी है?

जब कोई कारोबारी बिजनेस लोन के लिए अप्लाई करता है और उसका बिजनेस लोन अप्रूव होता है तो उसे एक लोन एग्रीमेंट लेटर एक दिन का व्यापार दिया जाता है। उस लोन एग्रीमेंट लेटर पर ग्राहक की EMI लिखी गई होती है। इसके अलावा आप चाहें तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध EMI कैलकुलेटर से खुद EMI जान सकते हैं।

मैं अधिकतम कितने अमाउंट तक बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकता हूँ?

ZipLoan से कोई भी कारोबारी 7.5 लाख तक के बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकता है।

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Indian Railway snatched jobs.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2022

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Prime Minister Garib Kalyan Yojana

मध्यप्रदेश प्रतिभा किरण योजना 2021

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विक्रमादित्य योजना

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जल जीवन मिशन

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द-सूत्र

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