बिटकॉइन से होने वाले नुकसान

Cryptocurrency-टैक्स के दायरे में आई क्रिप्टो करेंसी, 24 घंटे में दोगुना हुई कीमतें
इंदौर. बजट में क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स की घोषणा के साथ ही इसमें बड़ा उछाल आया है। कई करेंसी की कीमत 24 घंटे में ही दोगुना तक हो गई है। ट्रेडिंग कर रहे ज्यादातर लोगों का मानना है कि सरकार ने टैक्स लगाकर इसके लिए आगे के रास्ते खोल दिए हैं। सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया है।
बजट में क्रिप्टो करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा का सकारात्मक असर रहा। उदाहरण के तौर पर देखें तो वजीरेक्स की करेंसी मंगलवार सुबह 10.30 बजे 0.8138 डॉलर थी, वह बजट भाषण खत्म होने तक 47 फीसदी की ग्रोथ के साथ 1.20 डॉलर पहुंच गई। बुधवार शाम 5.45 बजे वजीरेक्स में यह करीब 1 डॉलर पर रही। स्थानीय एक्सचेंज में काफी उत्साह नजर आ रहा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो में बड़ा असर नहीं दिखा। बिटकॉइन भी बिटकॉइन से होने वाले नुकसान इनमें शामिल है। जानकारों का कहना है कि क्रिप्टो अब कमोडिटी का रूप ले रही है, इसलिए करेंसी की जगह इसे असेट्स मानना बेहतर है।
नुकसान को समायोजित करने का मिलना था अवसर
क्रिप्टो करेंसी में इनवेस्ट करने वाले राम पाठक का कहना है कि सरकार पहले ट्रेडिंग पर रोक लगाने की कोशिश कर चुकी है। अब इसे टैक्स के दायरे में लाते हुए आरबीआइ की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा की है। अभी तो ये ही मान रहे हैं कि टैक्स देना है मतलब करेंसी वैध है। एकता चौधरी का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम पर टैक्स चुकाने में बुराई नहीं है। बेहतर होता कि सरकार इससे होने वाले नुकसान को व्यापार में होने वाला नुकसान मानकर समायोजित करने का मौका भी देती।
एक्सपर्ट व्यू: आरबीआइ चला सकता है करेंसी
जब 30 फीसदी टैक्स की घोषणा हुई तो सभी को लगा कि ये वैध हो गई, जबकि हमारे देश में करेंसी सिर्फ आरबीआइ चला सकता है। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी में रिकॉर्ड होती है। सरकार की मंशा है कि क्रिप्टो करेंसी में हो रहा निवेश देश की आर्थिक गतिविधि में लगना चाहिए। क्रिप्टो की ट्रेडिंग के लिए कोई रेगुलेशन नहीं है और कई करेंसी बंद भी हो चुकी है। आरबीआइ जब डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा तो क्रिप्टो की ट्रेडिंग कमोडिटी के तौर पर होने लगेगी। एक्सचेंज बनाकर इसके लिए सरकार रेगुलेशन भी ला सकती है।
क्या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न
2017 से अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।
बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )
बीते कुछ बिटकॉइन से होने वाले नुकसान समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी कीमतों में बिटकॉइन से होने वाले नुकसान 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्य 0 डॉलर के करीब था।
देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न हासिल किया है।
पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।
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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की शुरुआत हुई और एक साल में बिटकॉइन की बिटकॉइन से होने वाले नुकसान कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक बिटकॉइन से होने वाले नुकसान अस्थिर निवेश है।
समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।
बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? | What Is Bitcoin In Hindi
दोस्तों आज का समय इंटरनेट का समय है। हम अपने हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम जो इंटरनेट के माध्यम से हो सकता है उसे करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। पैसों का लेनदेन हमारे जीवन में हमेशा से ही होता है, हमें कुछ खरीदने के लिए पैसा देना होता है एवं हमसे कुछ खरीदे जाने पर हमें पैसा मिलता है। दोस्तों पैसों के रूप में हम दुनिया भर के विभिन्न देशों में उपयोग होने वाले मुद्राएं जैसे रुपया, डॉलर, पाउंड, आदि को जानते हैं। हम मुद्राओं का लेन देन इन्हीं के रूप में करते हैं।
आज के ऐसे इंटरनेट के समय में हम ऑनलाइन खरीदी, ऑनलाइन पेमेंट, आदि जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के मुद्राओं का लेनदेन करने के लिए हमें Bank जैसी संस्थाओं के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। परंतु आज के समय में इसका एक दूसरा विकल्प भी है जिसमें नाम आता है क्रिप्टोकरंसी (crypoto currency) का।
आसान नाम में इसे डिजिटल करेंसी (digital currency) या वर्चुअल करेंसी (virtual currency) भी कहा जाता है। और डिजिटल या वर्चुअल करेंसी में सबसे लोकप्रिय नाम है बिटकॉइन (Bitcoin)।
दोस्तों हर वह शख्स जो टेक्नोलॉजी रुचि रखता है एवं इंटरनेट से जुड़ा है उसने बिटकॉइन का नाम जरूर सुना होगा। अगर आप से कहा जाए कि अगर आपने आज से बिटकॉइन से होने वाले नुकसान 10 साल पहले ₹10000 कहीं इन्वेस्ट किए होते और आज वही 10000, करोड़ों बन जाते हैं तो शायद आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे लेकिन बिटकॉइन से यह संभव हुआ है। आज के समय में बिटकॉइन बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। बहुत से लोगों को यह जानने इच्छा होती है कि बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? आदि।
दोस्तों आज इस लेख में हम मुख्यत: इसी से संबंधित सवालों पर चर्चा करेंगे।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? (Bitcoin kya hai)
दोस्तों अगर सीधे-सीधे कहें की बिटकॉइन क्या है तो Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इसका मतलब है की अन्य मुद्राओं की तरह आप इसे छू या पकड़ नहीं सकते यह मुद्रा केवल इंटरनेट पर ही रहती है एवं वही से इसे प्राप्त व इसका भुगतान किया जा सकता है। इंटरनेट की भाषा में इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।
Bitcoin एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, इसे अंग्रेजी मे इसे डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी (decentrilised currency) कहा जाता है जिसका मतलब है किस मुद्रा का संचालन मुद्राओं की तरह कोई केंद्रीय बैंक या सरकार नहीं कर सकती है। हम जिस दिन मुद्रा का इस्तेमाल किसी प्रकार की खरीद बिक्री के लिए करते हैं उसका संचालन किसी ना किसी बैंक द्वारा किया जाता है मतलब भुगतान करने या पेमेंट लेने के लिए आपको बैंक की आवश्यकता पढ़ती ही पढ़ती है।
परंतु विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर किसी की केंद्रीय बैंक का संचालन नहीं होता, अगर आप कंप्यूटर नेटवर्किंग पर कुछ खरीदने या बेचने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बिना किसी संस्था के बीच में आए भुगतान कर सकते हैं या भुगतान ले सकते हैं।
Bitcoin का इस्तेमाल इंटरनेट पर कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जिस प्रकार इंटरनेट का एक्सेस हर किसी के पास है उसी प्रकार बिटकॉन को भी कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं होता।
बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया?
दोस्त अगर बात करें बिटकॉइन के आविष्कार की तो रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो ने वर्ष 2009 में किया था और उस समय 1 बिटकॉइन की जो वैल्यू थी वह आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
भारत में 1 बिटकॉइन का मूल्य कितना है?
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 में एक बिट कॉइन की वैल्यू 0.008 डॉलर्स थी, वही आज के समय में अगर आप गूगल पर जाकर 1 बिटकॉइन की वैल्यू चेक करें तो यह 37476. 60 यूएस dollars है जो की इंडियन रुपीस में 27 लाख 47 हजार 700 रुपए के आसपास की हो जाती है।
विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन को किसी बैंक में जमा नहीं कराया जा सकता बिटकॉइन को हम सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट (online wallet) में ही रख सकते हैं।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
अगर आप भी बिटकॉइन खरीद कर रखना चाहते हैं तो आप बिटकॉइन से होने वाले नुकसान इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। जेबपे (zebpay), Unocoin, आदि जैसी अन्य और कई ऐसी वेबसाइट पर जाकर आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
इसमें आपको पहले कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं जिनमें आपका वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड आदि एवं बैंक डिटेल्स लिया जाता है। उसके बाद आप अपनी इच्छा अनुसार जितनी भी रुपए जैसे हजार, 10 हज़ार, के बिटकॉइन खरीद सकते हैं एवं उनका इस्तेमाल इंटरनेट पर लेन देन में कर सकते हैं।
अगर बात करें बिटकॉइन कमाने की तो आप पैसे देकर उसके बदले बिटकॉइन खरीद सकते हैं या फिर अगर आपने किसी को कुछ बेचा है तो आप पैसों के बदले उससे बिटकॉइन के रूप में पेमेंट ले लेकर उसे अपने वॉलेट में रख सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे और नुकसान? (Bitcoin ke fayde aur nuksaan)
दोस्तों बिटकॉइन पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण ना होने के कारण बहुत से लोग इंटरनेट पर लेनदेन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। परंतु कोई नियंत्रण ना होने के कारण बिटकॉइन में होने वाले फ्रॉड के भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
पेमेंट करने के लिए बिटकॉइन peer to peer नेटवर्क पर काम करता है मतलब लोग एक दूसरे के साथ सीधा सीधा बिना किसी भी बैंक या क्रेडिट कार्ड या किसी भी अन्य कंपनी के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
बिटकॉइन को अन्य मुद्राओं की तरह ट्रैक नहीं किया जा सकता अर्थात इसका भुगतान कब,कहां,किसको किया गया है इसका पता लगाना संभव नहीं होता इसी कारण ज्यादातर ऐसे लोग जो इन जानकारियों को गुप्त रखना चाहते हैं पेमेंट करने या पेमेंट रिसीव करने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।
बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन एक पब्लिक लेजर (ledger) यानी खाते में रिकॉर्ड होकर रहता है जिससे बिटकॉइन ब्लॉकचेन (blockchain) कहते हैं।
इंटरनेट में आज के समय में 21 मिलीयन बिटकॉइन ही है जिनमें से लगभग 25% खो चुके हैं जिसका मतलब है कि यह किसी के पास भी नहीं है। बिटकॉइन को एक्सेस करने के लिए एक पब्लिक की (key) होती है, एवं उस की के खो जाने पर आप उस बिटकॉइन को एक्सेस नहीं कर सकते।
क्या हमें बिटकॉइन खरीदना चाहिए?
Bitcoin की वैल्यू इंटरनेट पर हमेशा एक समान नहीं रहती वह घटती और बढ़ती रहती है। इसलिए अगर आपने कभी कम कीमत पर बिटकॉइन खरीदी और कुछ समय बाद उसकी कीमत बढ़ने पर अगर आपको लगता है कि आपको उस बिटकॉइन को बेचकर बहुत फायदा होगा तो आप उसे उस समय की कीमत के अनुसार बेचकर मुद्राएं ले सकते हैं। बिटकॉइन का लेनदेन बिटकॉइन से होने वाले नुकसान आप पूरे दुनिया भर में किसी से भी और कहीं भी कर सकते हैं।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.
बिटकॉइन को विश्व की पहली और सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही इसका उपयोग कर कोई सामान खरीद सकता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने बिटकॉइन से होने वाले नुकसान बिटकॉइन से होने वाले नुकसान 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.
बिटकॉइन की वैल्यू
बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.
बिटकॉइन वॉलेट
चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन से होने वाले नुकसान बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.
बिटकॉइन माइनिंग और माइनरस
चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.
बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण
- इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
- यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
- क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
- बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या बिटकॉइन से होने वाले नुकसान खरीद सकते है.
- बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.
बिटकॉइन कैसे खरीदे?
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:
1. बिटकॉइन को आप अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन पेमेंट कर ख़रीदा जा सकता है.
2. किसी सेवा या किसी चीज के बदले बिटकॉइन लिया जा सकता है.
3. किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन माइनिंग कर कमाया जा सकता है.
बिटकॉइन के क्या नुकसान है?
बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.
आलोचना और चेतावनी
कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.