जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है?

4. बिड – बिड वह है, जो आप एक शेयर को खरीदने जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? के लिए भुगतान करने के लिए तैयार हैं।
25 महत्वपूर्ण स्टॉक मार्किट टर्म्स
इस ब्लॉग में, हम नए निवेशकों के लिए एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका (Elementary guide) प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिससे उन्हें शेयर बाजार में उपयोग किए जाने वाले आधारभूत महत्वपूर्ण शब्दों को समझने में सहायता मिल सकेगी।
तो, आइए, प्रारंभ करते हैं:
शेयर बाज़ार क्या है?
शेयर बाजार एक प्रकार का एक्सचेंज है जो व्यापारियों को शेयरों को खरीदने और बेचने के साथ-साथ कंपनियों को नये शेयर जारी करने की अनुमति देता है
एक शेयर कंपनी की इक्विटी का प्रतिनिधित्व करता है| शेयर बाजार मुख्य रूप से दो उद्देश्यों को पूरा करता है।
सबसे पहले कंपनियों को पूंजी प्रदान करना ताकि वे अपने व्यापार के विस्तार के लिए इस फंड का उपयोग कर सकें।
इसका दूसरा उद्देश्य निवेशकों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? के लाभ में हिस्सेदारी का अवसर प्रदान करना है।
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शेयर व्यापार की पारिभाषिक शब्दावली का क्या अर्थ है?
शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली में उद्योग-विशिष्ट शब्द शामिल होते हैं जो अक्सर उपयोग किए जाते हैं जब हम शेयर बाजार के जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? बारे में पढ़ते हैं या बात करते हैं।
विशेषज्ञ और नए निवेशक अक्सर इन शब्दों का उपयोग रणनीतियों, चार्ट, सूचकांक और शेयर बाजार के अन्य तत्वों के बारे में बात करने के लिए करते हैं।
नीचे शेयर बाजार में अक्सर उपयोग किए जाने वाले आधारभूत शब्दों की एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका दी गई है:
1. खरीदना – इसका अर्थ है कि शेयरों को खरीदना या किसी कंपनी में स्थान प्राप्त करना।
2. बेचना – शेयरों से छुटकारा पाना क्योंकि आपने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है या आप हानि को कम करना चाहते हैं।(घाटे में जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? कटौती करना चाहते हैं।)
शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share Market In Hindi
Share Market In Hindi: बिना निवेश किए पैसे कमाना थोड़ा मुश्किल है पर शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना आसान है.
आज हर कोई व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीने के लिए बहुत पैसे कमाना चाहता है जिसके लिए वह नौकरी में कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन नौकरी में कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं कमा पाता है.
लेकिन शेयर बाजार पैसों का एक ऐसा कुआ है जो सारे देश की प्यास बुझा सकता है. जिन लोगों को शेयर बाजार की अच्छी समझ होती है वह शेयर बाजार से करोड़ों रूपये की कमाई करते हैं.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market क्या है, शेयर मार्केट कैसे सीखें, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगायें और शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख में हमने आपको इन सब के अतिरिक्त शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताया है जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ मिले.
Budget 2022 के बाद शेयर खरीदने के लिए अपनाएं ये टिप्स, फायदे में रहेंगे
By: ABP Live | Updated at : 30 Jan 2022 08:30 PM (IST)
Multibagger Stock: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं. बजट से पहले शेयर बाजार में केवल एक दिन सोमवार 31 जनवरी को कारोबार होगा.
पिछले कुछ दिनों में शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है. जानकार इस गिरावट के अपने-अपने तरह से आकलन कर रहे हैं. हालांकि ऐसा देखा गया है कि बजट से पहले निवेशक पैसा लगाने में सावधानी बरतते हैं. अगर आप शेयर खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको बजट के बाद ही शेयर खरीदना चाहिए. आज हम आपको स्टॉक मार्केट के कुछ जरूरी टिप्स के बारे में बताएंगे जो शेयर खरीदने में आपके बहुत काम आएंगे:-
वैल्यू इनवेस्टर्स
वैल्यू इनवेस्टर्स वे निवेशक होते हैं, जो ऐसे शेयर्स ढूंढते हैं जो कि अंडरवैल्यूड हैं. अंडरवैल्यू का मतलब होता है सस्ता शेयर लेकिन सस्ते का मतलब कीमत से नहीं है. दरअसल प्राइस-अर्निंग रेशियो (पी/ई) सस्ते शेयरों की पहचान करने का मुख्य कारक है. उच्च पी/ई अनुपात बताता है कि कंपनी की कमाई की तुलना में स्टॉक की कीमत अधिक है. निम्न पी/ई अनुपात बताता है जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? कि कंपनी की कमाई की तुलना में शेयर की कीमत कम है और इसलिए अंडरवैल्यूड है. ऐसे शेयर खरीदने आपको भविष्य में फायदा दिलवा सकता है.
P/E Ratio क्या होता हैं ? शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख
शेयर मार्किट में जब आप कोई शेयर खरीदते है तो कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना होता है , किसी मित्र की सलाह पर आँख बंद करके शेयर नही खरीदना नही चाहिए कई बार दोस्तों की सलाह पर आंख बंद कर भरोसा करना नुकसान का सबब बन जाता है. आपने अपने एक दोस्त की देखादेखी शेयर बाजार में पैसै लगाना शुरू किया. शुरूआती कुछ निवेश से फायदा हुआ. लेकिन, एक शेयर से मिले बड़े नुकसान ने उनकी आंखें खोल दी.
क्या है पीई रेशियो?
P/E Ratio सबसे प्रचलित फाइनेंशियल रेशों हैं। P/E Ratio का अर्थ प्राइस टू अर्निंग रेशों (Price to earning Ratio) होता हैं। पीई रेश्यो हमें बताता हैं की किसी कंपनी का शेयर अपने EPS के मुकाबले शेयर मार्केट में कितने गुना मूल्य पर ट्रेड हो रहा हैं। अब ये EPS क्या होता है यह भी जानते है शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर मुनाफा होता है तो इस पर LTCG के तहत टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी.
2018 के बजट में शामिल जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन्स टैक्स (STCG)
अगर आप शेयर मार्केट में लिस्टेड किसी शेयर को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचते हैं, तो इस पर आपको 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. भले ही आप इनकम टैक्स देनदारी के 10 फीसदी के स्लैब में आते हों या 20 या 30 फीसदी के स्लैब के तहत, आपने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन किया है तो इस पर 15 फीसदी का ही टैक्स लगेगा.
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ढाई लाख रुपये से कम है तो शेयर बेचने से हासिल लाभ को इससे एडजस्ट किया जाएगा और फिर टैक्स कैलकुलेट होगा. इस पर 15 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस लगेगा.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, इस पर जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग या फ्यूचर-ऑप्शन के ज़रिए ट्रेडिंग करते हैं तो इस पर होने वाली कमाई पर भी टैक्स देनदारी बनती है. इंट्रा-डे ट्रेडिंग से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहते हैं. इसके अलावा, फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है. इनसे होने वाली कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है. इसका मतलब है जब आप शेयर खरीदते हैं तो क्या होता है? कि स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके ऊपर की कमाई पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.