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ईटीएफ क्या है?

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एचडीएफसी फंड ने लांच किया सिल्वर ईटीएफ, जानिए क्या है स्कीम

मुंबई- देश के प्रमुख म्यूचुअल फंड घरानों में से एक एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ के लॉन्च की घोषणा की है। इससे कंपनी “एचडीएफसी एमएफ इंडेक्स सॉल्यूशंस” के अपने सूट का विस्तार करेगी, जिसे वह पिछले 20 वर्षों से प्रबंधित कर रही है। एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो चांदी के प्रदर्शन को ट्रैक करेगा। यह एनएफओ 18 अगस्त, 2022 को खुला है और 26 अगस्त, 2022 को बंद होगा।

निवेश का उद्देश्य निवेशकों को ऐसा फायदा देना है, जो घरेलू कीमतों में भौतक सिल्वर के प्रदर्शन के अनुरूप हों। भौतिक चांदी में निवेश करना और इसे सुरक्षित तरीके से रखना किसी व्यक्ति के लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए एचडीएफसी का सिल्वर ईटीएफ एनएफओ निवेशकों को डिजिटल रूप से निवेश करने और चांदी खरीदने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही बाजार के समय में आसानी से कारोबार भी हो सके। यह कम लागत पर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाता है।

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ नवनीत मुनोत ने कहा कि एचडीएफसी एएमसी ने हमेशा एक निवेशक-प्रथम दृष्टिकोण बनाए रखा है जो हमारे ईटीएफ क्या है? ग्राहकों को उत्पादों को लॉन्च करते समय सबसे प्रभावी समाधान प्रदान करता है। यह फंड निवेशकों को अलग-अलग रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल वाली मेटल में निवेश करके पोर्टफोलियो विविधीकरण को बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।

यह फंड ग्राहकों को पोर्टेबल डिवाइस, औद्योगिक उपकरण, इलेक्ट्रिक वाहन, गतिशीलता, ऊर्जा उत्पादन और दूरसंचार जैसी औद्योगिक गतिविधियों में इसकी बहुउद्देश्यीय उपयोगिता के कारण निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है। नए युग और ग्रीन टेक्नोलॉजीज में अधिक अपनाने के कारण चांदी की मांग मजबूत है। यह एक कीमती मेटल भी है जो रुपये या किसी भी मुद्रा की कीमत में गिरावट के खिलाफ बचाव करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी वैश्विक कीमत है।

Axis म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया कंजम्पशन ETF, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

भारतीय फाइनेंशियल मार्केट में पैसिव इंवेस्टिंग के जरिये काफी निवेश हुआ है, ये निवेश आगे भी जारी रहने वाला है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - September 3, 2021 / 02:32 PM IST

Axis म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया कंजम्पशन ETF, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

शेयर के बदले लोन लेने पर बाजार में गिरावट का असर साफ देखने को मिलता है. कारण है कि आपके शेयरों ईटीएफ क्या है? की वैल्यू कम हो जाती है.

देश में जैसे-जैसे लोगों की इनकम बढ़ती है उनके पारिवारिक खर्चे जैसे एंटरटेनमेंट, वेकेशन, कंज्यूमर अप्लायंसेस और रियल एस्टेट आदि खर्चे भी बढ़ने लगते हैं. इन्हीं बढ़ती खपत को देखते हुए हाल ही में एक्सिस म्यूचुअल फंड ने ‘एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ’ नाम से अपना नया फंड लॉन्च कर दिया है. 30 अगस्त से शुरू हुआ यह न्यू फंड ऑफर (NFO) एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड के जरिए कंजम्पशन के लिए एक्सपोजर प्रदान करेगा.

भारतीय फाइनेंशियल मार्केट में पैसिव इंवेस्टिंग के जरिये काफी निवेश हुआ है और ये निवेश आगे भी जारी रहने वाला है. सबसे ज्यादा पैसिव इंवेस्टिंग, इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के जरिये होती है. पैसिव इंवेस्टिंग लो फ्रिक्शन इन्वेस्टमेंट है जो किसी दिए गए इंडेक्स को बारीकी से ट्रैक करती है.

जानिए क्या है प्लानिंग

नया कंजम्पशन ईटीएफ फंड निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स शेयरों के पोर्टफोलियो में निवेश करके लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर फोकस करेगा. निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स परफॉरमेंस इंडिकेटर के रूप में काम करता है. इंडेक्स में कंस्यूरेबल नॉन डयूरेबल, हेल्थ केयर, ऑटो, टेलिक्म्यूनिकेशन, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, फार्मास्युटिकल्स और हॉस्पिटैलिटी जैसी इंडस्ट्रीज की कंपनियों का एक बड़ा ग्रुप शामिल है. जो आज भारत में कंजम्पशन दर्शाता है. आपको बता दें इस ईटीएफ फंड का मैनेजमेंट फंड मैनेजर दीपक अग्रवाल और वीरेश जोशी करेंगे.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

ये फंड ईटीएफ होने के कारण फंड ट्रैकिंग एरर के अधीन है. फंड निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स शेयरों के पोर्टफोलियो में निवेश करके रिटर्न को ट्रैक करना चाहता है और ट्रैकिंग एरर के अधीन, इंडेक्स के रिटर्न को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है.
न्यूनतम निवेश 5,000 रुपये से शुरू होता है और इसके बाद आप इसके मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं. फंड को निफ्टी इंडिया कंजम्पशन टीआरआई (TRI) इंडेक्स के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है. फंड “वैरी हाई” रिस्क कैटगरी के अंतर्गत आता है. ऐसे में निवेशकों को निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले लेनी चाहिए. यह एनएफओ (NFO) 30 अगस्त से खुल चुका है और 13 सितंबर को बंद होगा.

जानिए क्या कहता है मैनेजमेंट

मैनेजमेंट के मुताबिक, फंड लागत-प्रभावी होने के अलावा, ईटीएफ निवेशकों को सेक्टर फंडों के दिन के अंत की कीमतों के बजाय वास्तविक समय की कीमतों पर निवेश करना चाहिए. इसके अलावा ईटीएफ एसेट-क्लास-लिंक्ड रिटर्न प्राप्त करने के लिए सही है और तत्काल बाजार एक्सपोजर हासिल करने और ईटीएफ क्या है? नकदी को इक्विटी करने के लिए अच्छा है.

Axis AMC के MD और CEO चंद्रेश निगम के मुताबिक हम एक्सिस एएमसी में जिम्मेदार फंड हाउस के रूप में मजबूती से खड़े हैं और अपने कस्टमर्स को ऐसा पोर्टफोलिओ देने की कोशिश करते हैं जो लॉन्ग रन में अच्छा मुनाफा निवेशकों को बना कर दे सके. एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ लॉन्च के माध्यम से हमारा लक्ष्य अपने उपभोक्ताओं को एक निवेश का ऑप्शन प्रदान करना है जिसके जरिये ग्रोथ और मजबूत रिटर्न को हासिल किया जा सके.

क्या है गोल्ड ETF? जानें इसमें निवेश करके कैसे कर सकते हैं कमाई

सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है. हालांकि इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है. इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ.

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क्या है गोल्ड ETF? जानें इसमें निवेश करके कैसे कर सकते हैं कमाई

नई दिल्ली: शेयर मार्केट में रोजाना की गिरावट और उछाल के चलते सोने में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, सोना प्राचीन ईटीएफ क्या है? काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है. हालांकि इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है. इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ. यानी सोने को खरीदने की जगह आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं.

आसान शब्दों में समझें क्या है गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ का अर्थ होता है गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड. इसकी ट्रेडिंग सभी बड़े स्टॉक एक्सचेंजेज में होती है. ट्रेडिंग के दौरान निवेशक किसी भी समय इन फंड को खरीद सकता है. इनकी वैल्यू मांग और आपूर्ति के आधार पर शेयर के दाम की तरह तय होती है. उसी तरह बदलती भी रहती है. इन फंड की एनएवी सोने की कीमत के साथ जु़ड़ी रहती है. इसका अर्थ है कि फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है. ये फंड उन निवेशकों के लिए हैं जो सोने की बदलती कीमतों के आधार पर मुनाफा कमाना चाहते हैं. चूंकि कारोबार के आखिर में निवेशकों को पैसे के रूप में रिर्टन मिलता है तो वो इस पैसे से सोना या और कोई माध्यम खरीद सकते हैं.

डीमेट अकाउंट के जरिये होती है खरीदी-बिक्री
गोल्ड ईटीएफ में आप सोने की खरीद ऑनलाइन करते हैं. इसे वहीं बेच भी सकते हैं. खरीदी-बिक्री डीमेट अकाउंट के जरिये होती है. गोल्ड ईटीएफ फंड बड़े पैमाने पर फिजिकल गोल्ड की खरीद करता है और उसे स्टोर करता है. यह ईटीएफ के पास होता है और निवेशकों को उनके निवेश के बदले शेयर ऑफर किए जाते हैं.

गोल्ड ईटीएफ के फायदे
- इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं. इससे निवेशक जितनी चाहें उतनी राशि से फंड खरीद सकते हैं.
- एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं.
- निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती. इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते.
- इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है.

क्या होता है ईटीएफ?

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ईटीएफ का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। एक ऐसा फंड जो स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध है और जिसे एक स्टॉक (शेयर) की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। एक प्रकार से यह अलग-अलग शेयरों का एक समूह है जिसमें वही शेयर शामिल होते हैं जो बीएसई सेंसेक्स या एनएसई निफ्टी में होते हैं। इसका मूल्य रियल टाइम में बदलता रहता है और आप इसे कारोबारी दिवस में किसी समय खरीद या बेच सकते हैं। म्युच्युअल फंड से यह इस मामले में भिन्न होता है क्योंकि इसे सिर्फ दिन में एक बार बाजार बंद होने के बाद खरीदा-बेचा जा सकता है। ईटीएफ में शेयर , वस्तु और बांड्स सहित कई प्रकार के निवेश हो सकते हैं। इस आधार पर ईटीएफ कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे- बांड्स ईटीएफ जिसमें सरकारी बांड्स , कारपोरेट बांड्स और म्युनिसिपल बांड्स शामिल हैं। इसी प्रकार उद्योग आधारित ईटीएफ हो सकते हैं जो किसी ईटीएफ क्या है? एक उद्योग को ट्रैक करते हैं। इनमें बैंकिंग , प्रौद्योगिकी या तेल व प्राकृतिक गैस और उस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर आधारित होते हैं। कमोडिटी ईटीएफ जो सोना या कच्चे तेल जैसी वस्तुओं में निवेश करते हैं। इसी तरह करेंसी ईटीएफ जो ईटीएफ क्या है? विदेशी मुद्रा में निवेश करते हैं। हालांकि निवेशकों को ईटीएफ के लिए ब्रोकरेज चार्ज देने होते हैं। ईटीएफ का सबसे अच्छा उदाहरण ‘ एसपीडीआर एसएंडपी 500 ’ ईटीएफ है जो अमेरिकी शेयर बाजार के सूचकांक एसएंडपी 500 इंडेक्स को ट्रैक करता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और जाना-पहचाना ईटीएफ है। असल में ईटीएफ की शुरुआत ही अमेरिका से 1993 में हुई। शुरुआत में निवेशकों का रुझान ईटीएफ में निवेश की ओर नहीं था। लेकिन ईटीएफ ने दुनियाभर में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश का एक बड़ा अवसर प्रदान किया। ईटीएफ का मूल्य उसमें निहित शेयर या वस्तु के नेट एसेट वैल्यू यानी एनएवी पर आधारित होता है। हमने ऊपर पढ़ा कि ईटीएफ एक प्रकार का इंडेक्स फंड होता है। इसलिए यहां इंडेक्स फंड का मतलब भी समझना जरूरी है। एक इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्युच्अल फंड है जो बिल्कुल शेयर बाजार के सूचकांक जैसा दिखता है। ईटीएफ के फंड मैनेजर शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल शेयरों के अनुपात में निवेश करते हैं ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव की ईटीएफ क्या है? स्थिति में निवेशकों का जोखिम कम रहे। यह निवेशकों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। निवेशक का पहला फायदा यह होता है कि वह परोक्ष रूप से उन ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है जिन्हें मिलाकर शेयर बाजार का सूचकांक बना है। चूंकि शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल कंपनियां कम से कम 20 से 25 सेक्टर की होती हैं , इसलिए ईटीएफ क्या है? उनके निवेश में विविधता होती है।

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भारत 22 ईटीएफ में शामिल होने वाले शेयरों की सूची | Bharat 22 ETF in hindi

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 4 अगस्त 2017 को दुसरे भारत 22 एक्सचेंज ट्रेड फण्ड की घोषणा की है, जो कई तरह के पोर्टफोलियो के साथ सामने आया है. सरकार का ये कदम विनिवेश को आगे बढ़ाने और टारगेट को पूरा करने के लिए है. सरकार का टारगेट 72,500 तक का है, जो 2017-18 तक के लिए तय किया गया है, और भारत 22 के साथ पूरा किया जा सकेगा. ईटीएफ के अंतर्गत 22 ब्लू ईटीएफ क्या है? चिप कंपनीयां है, जिसमें सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (सीपीएसई), पब्लिक सेक्टर बैंक (पीएसबी) साथ ही SUUTI भी होगा. कहा जा रहा है स्टॉक मार्केट में भारत की बड़ी सफलता साबित होगी, इसमें निवेशक दूसरों के मुकाबले 15% अतिरिक्त फायदा पायेंगें. आम बजट 2017-18 यहाँ पढ़ें.

भारत 22 ईटीएफ में निवेश

भारत 22 ईटीएफ

Bharat 22 ETF in hindi

एक्सचेंज ट्रेड फण्ड (ईटीएफ) क्या है (What is ETF)

ईटीएफ शेयर्स का सेट होता है, जो म्यूच्यूअल फण्ड से अलग होता है. यह एक मार्किट सिक्युरिटी है, जो इंटेक्स, बांड्स को ट्रैक करती है. म्यूच्यूअल फण्ड की अपेक्षा ये स्टॉक एक्सचेंज में कॉमन स्टॉक है. ईटीएफ हर समय क्या ख़रीदा और बेचा गया उसको जांचता रहता है, और यह म्युचुअल फंड के विपरीत ईटीएफ में साधारणतया ज्यादा है.

पहला ईटीएफ से अलग

जैसा की सन 2014 में सरकार ने पहले ईटीएफ के लांच के समय 3000 करोड़ बढ़ाये थे. इसके साथ ही साल 2017 में 2 फॉलो ओन ऑफर के साथ अब तक ईटीएफ में 8500 करोड़ बढ़ाये जा चुके है. अब ये देखना होगा की ईटीएफ क्या है? भारत 22 किस तरह पुराने ईटीएफ से अलग है.

निवेश सचिव सचिन कुमार का कहना है कि नए फण्ड में विविधता होगी, और माना जा रहा है कि ये पहले के ईटीएफ से अच्छा परफॉर्म करेगा.

जेटली जी ने कहा है कि ईटीएफ पोर्टफोलियो के अंतर्गत 6 सेक्टर है, जिसमें बुनियादी सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफएमसीजी, साथ ही औद्योगिक और उपयोगी उद्योग भी है. इसमें 20 प्रतिशत की एक क्षेत्रीय कैपिंग और 15 प्रतिशत की एक ही कंपनी की स्टॉक कैपिंग होगी.

इसके अलावा जेटली जी ने ये भी कहा है कि भारत 22 में 4 बैंकिंग स्टोक शामिल है – स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ़ बरोदा, इंडियन बैंक. इसमें ONGC, IOC, NALCO एवं कोल इंडिया को शामिल नहीं किया गया है. नब्बे प्रतिशत इक्विटी इसमें शामिल है, जो भविष्य में ट्रेड करेगी.

वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि ICICI प्रूडेंशियल इसके फण्ड को देखेगा. सीपीएसई ईटीएफ का प्रबंधन रिलायंस निप्पॉन लाइफ द्वारा किया जाता है.

यहां भारत -22 में शामिल होने वाले शेयरों की सूची है –

रेटिंग: 4.24
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 877
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