बाजार के उतार

शेयर बाजार में अगर गिरावट होती है तो हमें अत्यधिक चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि भारत दुनिया के सबसे संरचनात्मक बाजारों में से एक है। इसके अतिरिक्त, भू-राजनीतिक अनिश्चितता भी एक संभावित कारक है।
काम की खबर: बाजार के उतार-चढ़ाव में निवेश के तीन बाजार के उतार विकल्प, पढ़ें यह खास रिपोर्ट
पिछले एक साल से भारत और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार अस्थिर रहे हैं। लगातार बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि जारी है। इन चुनौतियों के बावजूद भारत बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक अलग मुकाम बनाए हुए है। यहां बाजारों में गिरावट नियंत्रण में है। इससे भारतीय बाजार का मूल्यांकन अभी भी उसके लंबे समय के औसत और दूसरे बाजारों की तुलना में बाजार के उतार अच्छा रहा है।
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें
ऊंची ब्याज को देखते हुए, एक एसेट क्लास-डेट फिर से आकर्षक बाजार के उतार लग रहा है। उम्मीद है कि आने वाली बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है। इसने लगभग सभी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत में भी महंगाई और आरबीआई के समक्ष चुनौती खड़ी की है।
विस्तार
पिछले एक साल से भारत और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार अस्थिर रहे हैं। लगातार बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि जारी है। इन चुनौतियों के बावजूद भारत बाजार के उतार बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक अलग मुकाम बनाए हुए है। यहां बाजारों में गिरावट नियंत्रण में है। इससे भारतीय बाजार का मूल्यांकन अभी भी उसके लंबे समय बाजार के उतार के औसत और दूसरे बाजारों की तुलना में अच्छा रहा है।
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें
ऊंची ब्याज को देखते हुए, एक एसेट क्लास-डेट फिर से आकर्षक लग रहा है। उम्मीद है कि आने वाली बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है। इसने लगभग सभी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत में भी महंगाई और आरबीआई के समक्ष चुनौती खड़ी की है।
भविष्य में ऊंची अक्रूअल स्कीम और डायनॉमिक ड्यूरेशन वाली स्कीम निवेश के लिए बेहतर हैं। एक प्रकार का डेट जो आगे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है वह है फ्लोटिंग रेट बांड अर्थात एफआरबी।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच जून में म्युचुअल फंड में आए 15,498 करोड़ रुपये
Published: July 8, 2022 4:34 PM IST
Mutual Funds Investment: घरेलू शेयर बाजार में बनी उतार-चढ़ाव की स्थिति और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच इक्विटी म्युचुअल फंड में जून के महीने में शुद्ध रूप से 15,498 करोड़ रुपये आए.
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जून लगातार 16वां ऐसा महीना है जब इक्विटी म्युचुअल फंड में सकारात्मक रूख देखने को मिला है. हालांकि जून के आंकड़े मई 2022 की तुलना में काफी कम हैं जब म्युचुअल फंड में 18,529 करोड़ रुपये आए थे.
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से शुक्रवार को यह जानकारी मिली.
पिछले महीने की तुलना में कम निवेश की वजह निवेशकों द्वारा निवेश माहौल को लेकर बनी चुनौतियों को देखते हुए सतर्क रूख अपनाना है.
हालांकि निवेशकों के बीच सकारात्मक धारणा की वजह से इक्विटी योजनाओं में मार्च 2021 से निवेश किया जा रहा है. इससे पहले जुलाई 2020 से फरवरी 2021 बाजार के उतार के बीच लगातार आठ महीने इन योजनाओं से निरंतर बाजार के उतार निकासी हुई थी और कुल 46,791 करोड़ रुपये निकाले गए थे.
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उतार-चढ़ाव में भी ये 4 शेयर दे सकते हैं दमदार रिटर्न
इन स्थितियों में निवेश का एक सबसे अच्छा तरीका है. ऐसे में उन शेयरों की तलाश करनी चाहिए जिनकी बुनियादी बातें मजबूत हों. इनके साथ अपेक्षाकृत जोखिम भी कम होता है.
किसी शेयर का मार्केट रिस्क बीटा का इस्तेमाल करते हुए निकाला जाता है. बीटा बताता है कि शेयर के कितने रिटर्न पर इंडेक्स के रिटर्न का असर है. जिन शेयरों का बीटा एक से ज्यादा होता है, उन्हें अस्थिर माना जाता है. कारण है कि सामान्य मार्केट इंडेक्स के मुकाबले इनमें उठापटक की आशंका ज्यादा होती है.
वहीं, जिन शेयरों की बीटा वैल्यू एक से कम होती है, उन्हें कम अस्थिर मानते हैं. इनमें सामान्य मार्केट इंडेक्स की तुलना में ज्यादा उठापटक नहीं बाजार के उतार होती है.
Share Market: गिरावट के साथ खुले शेयर बाजार, शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव का रुख
मुंबई: वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली के बीच मंगलवार को प्रमुख शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले, हालांकि शुरुआती कारोबार के दौरान उतार-चढ़ाव देखने को मिला.
इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक 601.39 अंक गिरकर 58,172.48 पर था. दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 145.बाजार के उतार 5 अंक गिरकर 17,345.20 पर आ गया. हालांकि, बाद में दोनों सूचकांकों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला और ये कभी बढ़त - कभी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 88.72 अंक बढ़कर 58,862.59 पर, जबकि निफ्टी 33.50 अंक चढ़कर 17,524.20 पर था. अन्य एशियाई बाजारों में सोल, तोक्यो और हांगकांग के बाजार लाल निशान में थे, जबकि शंघाई में बढ़त थी.
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बूस्टर एसआईपी की क्या है विशेषता (File Photo)
भारत में भी लांच हो गया है
यूं तो म्यूचुअल फंड में बूस्टर एसआईपी एक एक नया आइडिया है। लेकिन इस दिशा में शुरूआत हो चुकी है। हालांकि अभी इसे केवल आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) ने ही लांच किया है। यह एक ऐसा फीचर है जो एड-ऑन की तरह काम करता है। यह आपको डायनॉमिक तरीके से निवेश करने की सीख देता है और बाजार के उतार सामान्य एसआईपी की तुलना में यह ज्यादा रिटर्न भी देता है।