बेस्ट फॉरेक्स सिग्नल

क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी

क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी

ED जांच की आंच, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX के बैंक खाते कुर्क

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच अब तेज होती जा रही है. ईडी ने कंपनी के एक डायरेक्टर के परिसरों पर तलाशी ली है. वहीं कंपनी से जुड़े बैंक खातों को कुर्क करने का आदेश दिया है.

WazirX के बैंक खाते कुर्क

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 05 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 05 अगस्त क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी 2022, 6:49 PM IST)
  • WazirX के दावों में आ रहा फर्क
  • फिनटेक कंपनियों ने की हेरा-फेरी

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) की क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Zanmai Lab Pvt. Ltd. के डायरेक्टर्स में से एक के परिसरों की तलाशी ली है. ये कंपनी वजीरएक्स पर मालिकाना हक रखती है. जांच एजेंसी ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कंपनी से जुड़े बैंक खातों को कुर्क कर दिया है. बताया जा रहा है कि इन खातों में कुल 64.67 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस है.

चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

प्रवर्तन निदेशालय कई भारतीय गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच कर रही है. इसी के साथ उनकी सहयोगी फिनटेक कंपनियों के खिलाफ भी RBI के लोन देने के दिशानिर्देशों के उल्लंघन और निजी डेटा के दुरुपयोग और लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलने के लिए कर्जदारों के साथ अभद्र भाषा में बात करने और धमकाने की जांच भी जारी है.

सम्बंधित ख़बरें

छात्र की मौत की गुत्थी उलझी, क्रिप्टो-शेयर मार्केट में हुआ था नुकसान
क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है? Bitcoin से Dogecoin तक बेहाल
HTC का पहला मेटावर्स स्मार्टफोन लॉन्च, जानें खासियत और कीमत
FBI की टॉप मोस्ट वांटेड लिस्ट में 'क्रिप्टो क्वीन', 1 लाख डॉलर का इनाम

सम्बंधित ख़बरें

जांच एजेंसी का कहना है कि कई फिनटेक कंपनियों में चीनी कंपनियों का निवेश है और वो आरबीआई से एनबीएफसी का लाइसेंस नहीं ले सकी. ऐसे में कर्ज का कारोबार करने के लिए उन्होंने MoU का रास्ता अपनाया और बंद हो चुकी एनबीएफसी कंपनियों के साथ करार किया, ताकि उनके लाइसेंस पर काम कर सकें.

फिनटेक कंपनियों ने की हेरा-फेरी

जब इस क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी मामले में आपराधिक जांच शुरू हुई, तो इनमें से कई फिनटेक कंपनियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी और इससे कमाए गए भारी मुनाफे के पैसे की हेरा-फेरी की. जांच में ये भी पाया गया कि फिनटेक कंपनियों ने इस पैसे से बड़े स्तर पर क्रिप्टो करेंसी खरीदी और फिर इन पैसों को विदेश भेज दिया. ईडी का कहना है कि अभी इन कंपनियों और वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी एसेट का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है.

WazirX के दावों में आ रहा फर्क

जांच एजेंसी ने इस मामले में क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को समन जारी किए हैं. ये देखा गया है कि सबसे ज्यादा पैसों का लेन-देन वजीरएक्स के साथ हुआ और खरीदे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी गए क्रिप्टो एसेट किसी अनाम विदेशी वॉलेट में डाइवर्ट कर दिए गए.

ईडी का कहना है कि वजीर क्रिप्टो एक्सचेंज ने अमेरिका, सिंगापुर की कई क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों के साथ वेब एग्रीमेंट किए. लेकिन अब वजीरएक्स के एमडी निश्चल शेटटी से मिली जानकारी और जैनमई के दावों में अंतर पाया गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए ईडी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए कंपनी के बैंक खातों को कुर्क कर दिया है.

Cryptocurrency: घोटालेबाज क्रिप्टो एक्सचेंज 'Binance' पर ED की कार्रवाई, ₹22.82 करोड़ के बिटकॉइन फ्रीज

प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया थ . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 11, 2022, 17:29 IST

हाइलाइट्स

मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
इस मामले में फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
आरोपियों ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स जारी किया था.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने Binance क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं. एजेंसी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर एक तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें पीएमएलए, 2002 के तहत 22.82 करोड़ रुपये के बराबर 150.22 बिटकॉइन को फ्रीज कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.

इस मामले में फेडरल बैंक के अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोप के आधार पर आमिर खान नाम के व्यक्ति और अन्य के खिलाफ फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद ईडी ने कंपनी में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.

यूजर्स के साथ की धोखाधड़ी
एजेंसी ने सितंबर में बताया कि उसने खान और मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ जांच में ₹12.83 करोड़ मूल्य के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए थे. ईडी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी ने यह पाया कि आमिर खान ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स जारी किया. सार्वजनिक धन संग्रह के बाद, उक्त ऐप ने अचानक विभिन्न बहाने से निकासी की अनुमति देना बंद कर दिया. उसके बाद, सभी डेटा को ऐप के सर्वर से हटा दिया गया था.

उस समय, ईडी ने पाया कि आरोपी गेमिंग ऐप के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन का एक हिस्सा विदेशों में भेजने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों का उपयोग कर रहा था. यह पाया गया कि सीमा नस्कर नाम का एक डमी खाता क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स में खोला गया था और क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

आमिर खान के आवास की पहले तलाशी ली गई थी और उस दौरान, कुल ₹17.32 करोड़ की राशि की खोज की गई और उसे जब्त कर लिया गया.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी गिरावट पर कोई अचरज नहीं होना क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी चाहिए: जॉन हॉकिंस

क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) दिवालिया होने की कगार पर है.

क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) दिवालिया होने की कगार पर है.

एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का मेजोरिटी स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) ने इस साल की . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 12, 2022, 19:48 IST

(जॉन हॉकिंस/John Hawkins, सीनियर लेक्चरर, कैनबरा यूनिवर्सिटी)

नई दिल्ली. अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स (FTX) दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक था. साल 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन पिछले 2 हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है.

सबसे पहले एफटीएक्स और एसेट-ट्रेडिंग फर्म अल्मेडा रिसर्च (Alameda Research) के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आईं. इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में ट्रांसफर किए जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं.

कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस (Binance) ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी. इससे घबराए ग्राहक एफटीएक्स से फंड निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है. इसकी वेबसाइट पर यह मैसेज भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है.

बचाव की राह मुश्किल
एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का मेजोरिटी स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था. लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए 8 अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं. लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते (Written Off) में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा.

बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा. इसने कदाचार के आरोपों और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए. ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है. एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह 4 डॉलर से भी नीचे आ गया है.

सावधानी का सबक
सही तरह से रेगिलेटेड नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित फंडामेंटल वैल्यू के ‘एसेट्स’ में ट्रेडिंग करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है. कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है.

क्रिप्टो से अलग तरह की एसेट का मामला अलग होता है. आम कंपनी के शेयरों का एक फंडामेंटल वैल्यू होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किए गए डिविडेंड पर आधारित होता है. रियल एस्टेट का भी एक फंडामेंटल वैल्यू होता है जो निवेशक को मिलने वाले रेंट या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है. एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है. यहां तक ​​कि सोने का भी कुछ प्रैक्टिकल यूजेज होता है.

लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई फंडामेंटल वैल्यू नहीं होता है. वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं.

क्रिप्टो पर प्रभाव
इन घटनाओं ने क्रिप्टो इकोसिस्टम में विश्वास को और कम कर दिया है. इस नई घटना से पहले ही क्रिप्टो-करेंसी का ‘मूल्य’ 3 लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था. अब तो यह और भी नीचे गिर गया है.

जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेजन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों.

करेंसी के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म के विचार को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है. लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के चीफ इकोनॉमिस्ट ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो ‘क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह सेंट्रल बैंक मनी से बेहतर किया जा सकता है.’

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

शुरू हुआ छंटनी का दौर, मुश्किलों से जूझ रहे भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज

वहीं, एक जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान पर एक प्रतिशत स्रोत पर TDS लगाया जाएगा.

शुरू हुआ छंटनी का दौर, मुश्किलों से जूझ रहे भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज

भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स (WazirX) पर ट्रेडिंग वॉल्यूम नए टैक्‍स रेगुलेशंस की वजह से पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 95 फीसदी गिर गया है।

खास बातें

  • क्रिप्टो इंडस्‍ट्री के कई बड़े नाम अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं
  • यह तैयारी उस क्रिप्‍टो विंटर से बचने की है, जिसकी आहट महसूस की जा रही है
  • हाल ही में वॉल्ड ने 30 फीसदी कर्मचारियों को बाहर किया है

दुनियाभर के क्रिप्‍टो मार्केट (crypto market) में कई महीनों से छाई अनिश्‍च‍ितता अभी भी बरकरार है. इसने निवेशकों के भरोसे पर तगड़ी चोट पहुंचाई है. भारत का क्रिप्‍टो मार्केट भी इससे अछूता नहीं है. मार्केट में मंदी और क्रिप्‍टो इंडस्‍ट्री पर लगे सरकारी प्रतिबंधों ने इसमें गिरावट और बढ़ाया है साथ ही क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों को भी नुकसान पहुंचाया है. खबर है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने बैंकिंग सिस्‍टम में क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी ब्लॉकचेन तकनीक को पेश करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ा रहा है.

ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि भारत की क्रिप्टो इंडस्‍ट्री के कई बड़े नाम अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं. ज्‍यादातर भारतीय बिजनेसेज सावधानी से चलने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वो इस सेक्‍टर के लिए पेश किए जाने वाले नए टैक्‍स रेट की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, एक जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान पर एक प्रतिशत स्रोत पर TDS लगाया जाएगा.

रिपोर्ट कहती है कि भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स (WazirX) पर ट्रेडिंग वॉल्यूम नए टैक्‍स रेगुलेशंस की वजह से पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 95 फीसदी गिर गया है. वजीरएक्स के क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी वाइ प्रेसिडेंट राजगोपालन मेनन (Rajagopalan Menon) के हवाले से ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि कंपनी के लिए पिछला साल गोल्‍डन ऐज था और उसने कम समय में बड़ी संख्‍या में लोगों को हायर किया था.

हालांकि कंपनी अभी किसी बड़ी छंटनी की तैयारी नहीं कर रही. फ‍िलहाल वह ऐसी चीजों पर कटौती कर रही है, जो बहुत जरूरी नहीं हैं. सिर्फ महत्‍वपूर्ण पदों पर ही लोगों की क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी हायरिंग की जा रही है. कंपनी का कहना है कि वह सिर्फ महत्वपूर्ण पदों पर काम पर रख रही है, बिल्‍कुल भी पैसा खर्च नहीं किया जा रहा.

यह तैयारी उस क्रिप्‍टो विंटर से बचने की है, जिसकी आहट महसूस की जा रही है. न सिर्फ भारतीय एक्सचेंज इससे प्रभावित हुए हैं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और इस इंडस्‍ट्री से जुड़े दूसरे बिजनेसेज ने अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है. इनमें क्रिप्टो डॉट कॉम, कॉइनबेस, जेमिनी, रॉबिनहुड, बिट्सो, बायबिट और ब्लॉकफी जैसे महत्‍वपूर्ण प्लेटफॉर्म हैं जो कर्मचारियों की कमी से गुजर रहे हैं. भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज की बात करें, तो हाल ही में वॉल्ड ने भी 30 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्‍ता दिखाया है. अनुमान है कि अकेले जून महीने में इस इंडस्‍ट्री से 1700 लोग बाहर हुए हैं.

रेटिंग: 4.36
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 740
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *