विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया

" इस प्रश्न पर गौर किया जाना है कि दोनों ही विकल्प को एक ही साथ लागू किया जा सकता है या एक के बाद एक। अनैतिक मुकदमादार पहले सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत आवेदन दायर करेगा और मामले को शीर्ष स्तर तक ले जाएगा। इसके बाद वह सीपीसी की धारा 96(2) के तहत अपील दायर कर सकता है और इस तरह एकतरफा आदेश को चुनौती दे सकता है। उस स्थिति में वादी का काफी समय जाया हो जाएगा।
जिस प्रश्न पर गौर किया जाना है वह यह है कि एक के बाद एक के बदले इसके प्रतिकारस्वरूप क्या एक ही साथ आवेदन दिया जा सकता है या नहीं। इस मामले में दूसरा मुद्दा है कि एकतरफा कार्रवाई को निरस्त करने के लिए कार्यवाही पर जो समय खर्च हुआ क्या उसको परिसीमन अधिनियम 1908 की धारा 5 के तहत 'पर्याप्त कारण' माना जा सकता है कि नहीं।"
थॉमस कुक इंडिया के सामने बड़ी चुनौती
थॉमस कुक इंडिया के प्रबंध निदेशक माधवन मेनन ने छह साल पहले अपनी मूल कंपनी से अलग होते समय बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा था, 'मैं जहां तक हो सके, थॉमस कुक का नाम भुनाने की पूरी कोशिश करुंगा।' लेकिन हाल में थॉमस कुक समूह की हालत खराब होते ही यात्रा कारोबार से जुड़ी इस कंपनी ने अपनी पुरानी मूल कंपनी से खुद को अलग दिखाने की भरपूर कोशिश की है। थॉमस कुक इंडिया ने गत दिनों थॉमस कुक समूह से अपना कोई नाता नहीं होने का दावा करने वाले विज्ञापन एवं स्पष्टीकरण भी जारी किए हैं। इन विज्ञापनों में कहा गया है कि दोनों कंपनियों के बीच केवल नाम की ही समानता है, बाकी कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि थॉमस कुक इंडिया को ये विज्ञापन एवं स्पष्टीकरण जारी करने से कोई खास फायदा नहीं हुआ। जैसे ही यह खबर आई कि वैश्विक यात्रा कारोबार विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया दिग्गज थॉमस कुक यूके को दिवालिया घोषित कर दिया गया है, वैसे ही भारतीय बाजार में थॉमस कुक इंडिया के शेयर 12 फीसदी तक गिर गए।
इस अचानक आए संकट ने कई नई संभावनाएं भी पैदा की हैं। अपने विकल्पों का आकलन करने में जुटी थॉमस कुक इंडिया यात्रा कारोबार की इस समृद्ध विरासत को इतनी आसानी से दांव पर नहीं लगाएगी। मेनन कहते हैं, 'कोई भी फैसला बहुत सावधानी से करना है। हमारे पास ब्रांड नाम बदलने का रोडमैप करीब आठ महीने से तैयार है और यह प्रक्रिया चल रही है। इस समय हम जरूरी नियामकीय मंजूरियां मिलने का इंतजार कर रहे हैं।' इस कायांतरण योजना के तहत इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है कि क्या थॉमस कुक का ब्रांड नाम खरीदने के लिए यह माकूल वक्त है या फिर सालाना शुल्क देकर उसे लीज़ पर ले लिया जाए? थॉमस कुक इंडिया के पास हमेशा ही यह विकल्प मौजूद था कि वह अपनी मूल कंपनी के साथ ब्रांड लाइसेंसिंग समझौते का विस्तार करने पर नए सिरे से चर्चा करे ताकि अभी तक नदारद ब्रांड का नाम खरीदा जा सके। कंपनी के अध्यक्ष एवं समूह प्रमुख (मार्केटिंग) अब्राहम अलापट कहते हैं, 'हम भारत, श्रीलंका और मॉरीशस समेत तीन क्षेत्रों के लिए इसका अधिग्रहण कर सकते थे लेकिन इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।' वैसे यह पहला मौका नहीं होगा जब किसी ब्रिटिश ब्रांड को दूसरे देश में नई जिंदगी मिली हो। लुभावनी कारें बनाने के लिए मशहूर ब्रिटिश वाहन निर्माता मॉरिस गैराज यानी एमजी को भी चीनी ऑटो कंपनी एसएआईसी मोटर ने खरीद लिया था। एमजी ने ही हालिया चर्चित कार 'हेक्टर' को भारतीय बाजार में उतारा है। इसके पहले रॉयल एनफील्ड को भी भारतीय बाजार में नई जिंदगी मिल चुकी है। करीब सौ साल पुराने लोकप्रिय मोटरसाइकिल ब्रांड रॉयल एनफील्ड ने भारत में बड़ी तेजी से अपनी जड़ें जमा ली हैं।
मई 2012 में फेयरफैक्स फाइनैंशियल होल्डिंग्स के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई फेयरब्रिज कैपिटल ने 810 करोड़ रुपये में थॉमस कुक इंडिया की 77.1 फीसदी हिस्सेदारी ले ली थी। उसके बाद से ही यह अपने परंपरागत विदेशी मुद्रा एवं यात्रा कारोबार के बीच समान रूप से संतुलन साधने में लगी रही है। इस दौरान वह ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियों की भरमार के बावजूद अपना वजूद बचाने में सफल रही जबकि कई ऑफलाइन ट्रैवल कंपनियों को कारोबार समेटना पड़ा था। बहरहाल बदले परिवेश में जहां थॉमस कुक इंडिया अपने विकल्पों को तौल रही है, वहीं पहली जरूरत इस बात की है कि अपनी ही नाम-राशि वाली ब्रिटिश कंपनी के दिवालिया होने से यात्रा कारोबार पर पडऩे वाले असर का सही आकलन हो और मौजूदा गुबार शांत होने का इंतजार किया जाए। मौजूदा घटनाक्रम से परिचित एक व्यक्ति ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'बुकिंग अभी रद्द नहीं की गई हैं और कारोबारी मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है। हमारे पास थॉमस कुक का ब्रांड नाम वर्ष 2024 तक तो मौजूद ही है।' इसके अलावा थॉमस कुक इंडिया अपनी मानव संसाधन फर्म क्वेस को समेटने के लिए एनसीएलटी की अनुमति मिलने का भी इंतजार कर रही है। सवाल है कि क्या यह कंपनी नई ब्रांड पहचान के साथ सामने आ सकती है? विशेषज्ञों का मानना है कि इस ट्रैवल कंपनी को अपना ब्रांड नाम नहीं बदलना चाहिए। ब्रांड सलाहकार हरीश बिजूर कहते हैं, 'ब्रांड नाम अपने पास रखने के कई तरीके हैं। एकदम नए सिरे से किसी ब्रांड को खड़ा करना महंगा होने के साथ मुश्किल भी होगा। '
2020- 60 Steps : आत्मविश्वास के साथ बढ़ें
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी किसी कला से कम नहीं है। इस परीक्षा में चयन के लिये दृढ़ता, अनुशासन और निरंतर कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अभ्यर्थी को न केवल साहस बल्कि दृढ़ संकल्प का भी परिचय देना होता है। यही कारण होता है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान परिवार और दोस्तों का साथ तथा सहयोग बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है। हालाँकि परिवार एवं दोस्तों के साथ से बेहतर और कुछ नहीं होता, फिर भी अध्यापकों, आपका दिशा-निर्देशन करने वाले साथियों और सहयोगियों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
दृष्टि आई.ए.एस. अभ्यर्थियों को इसी प्रकार का सहयोग एवं समर्थन प्रदान करता है। हम न केवल कोचिंग के माध्यम से आपकी सहायता करते हैं बल्कि सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर भी अभ्यर्थियों की सहायता के लिये समर्पित हैं।
सहायता के इस क्रम में हम आपके लिये एक नई पहल 60 Steps To Prelims लेकर आए हैं। साथ ही यह आशा करते हैं कि इन 60 Steps का अनुसरण करने वाला प्रत्येक अभ्यर्थी 31 मई, 2020 को आयोजित होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में पूर्ण आत्मविश्वास और तैयारी के साथ शामिल हो सकेगा। इस पहल के तहत UPSC के लिये महत्त्वपूर्ण सभी परंपरागत विषयों के साथ-साथ करेंट अफेयर्स आधारित विषयों को भी शामिल किया गया है।
व्यक्तिगत सहायता के साथ 60 Steps To Prelims पहल अभ्यर्थियों के लिये बहुत लाभदायक सिद्ध होगी।
Drishti IAS - 60 Steps To Prelims
हमारा प्रोग्राम ही क्यों चुनें?
- दृष्टि आई.ए.एस. टीम द्वारा तैयार किया गया यह प्रोग्राम मूल रूप से हमारी करेंट अफेयर्स मैगज़ीन और वेबसाइट पर अपलोड होने वाले कंटेंट, पुस्तकों, प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ और कक्षा कार्यक्रम पर आधारित है। दृष्टि आई.ए.एस. टीम कंटेंट की गुणवत्ता और सटीकता के संबंध में हमेशा सतर्कता के साथ कार्य करती है। हम करेंट अफेयर्स से केवल उन टॉपिक्स का ही चयन करते हैं जिनकी इस वर्ष की प्रीलिम्स परीक्षा में आने की संभावना सबसे ज़्यादा है।
- 60 Steps To Prelims का चुनाव करने से पहले हमने कई बातों पर विशेष रूप से गौर किया और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों और अध्यापकों (नि:संदेह इसमें सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों एवं टॉपर्स को भी शामिल किया गया) के सुझाव के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया। प्रीलिम्स से दो माह पहले रिवीज़न और संबंधित विषयों पर आधारित प्रश्नों का अभ्यास बहुत महत्त्वपूर्ण होता है।
- इस प्रोग्राम की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें कमेंट सेक्शन, ईमेल ([email protected]) एवं सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थियों को अकादमिक काउंसलिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि किसी भी दुविधा की स्थिति में अभ्यर्थी प्रत्यक्ष रूप से हमसे जुड़ सकें। इन माध्यमों द्वारा अभ्यर्थी अपनी शंकाओं और प्रश्नों को हमारी टीम तक पहुँचा सकते हैं जिनका उत्तर एक तय समय-सीमा के भीतर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
60 Steps To Prelims कैसे मददगार साबित होगा?
- कृपया इस बात को ध्यान में रखें कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रीलिम्स की तैयारी में एक पूरक की भूमिका निभाना है।
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- परीक्षा में प्रश्नों को हल करते समय अक्सर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, संभवतः कभी-कभी विकल्पों में समानता होने के कारण तो कभी सरल-से-सरल प्रश्नों का अभ्यास न होने के कारण। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हम 60 Steps To Prelims प्रोग्राम के माध्यम से आपको रोज़ाना 20 प्रश्न उपलब्ध कराएंगे, जिनका अभ्यास कर न केवल आप अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं बल्कि अपने कमज़ोर विषयों का भी आकलन कर सकते हैं।
- प्रीलिम्स की परीक्षा में परंपरागत विषयों और करेंट अफेयर्स का अनुपात 60:40 का रहता है यानी 100 प्रश्नों में से 40 प्रश्न करेंट अफेयर्स से पूछे जाते हैं।
- इस प्रोग्राम के तहत हमने आपको तैयारी की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्टडी मैटिरियल की एक सूची उपलब्ध कराई है। यह सूची प्रीलिम्स के नज़रिये से पर्याप्त विषयों को कवर करती है।
- 60 Steps To Prelims प्रोग्राम में सभी प्रश्नों की व्याख्या भी उपलब्ध कराई जाएगी, हालाँकि हम यह उम्मीद करते हैं कि अभ्यर्थी स्वयं से भी संबंधित विषयों का अध्ययन करने की कोशिश करें। ताकि यह प्रयास अधिक लाभदायक साबित हो सके। इसके लिये आप हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई किताबों की सूची से मदद ले सकते हैं।
प्रोग्राम की प्रक्रिया:
- हमने विगत वर्षों के प्रीलिम्स के प्रश्नपत्रों को ध्यान में रखते हुए सिलेबस के परंपरागत हिस्से को चिह्नित किया है। प्रश्नों को तैयार करते समय भी इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि केवल संभावित टॉपिक्स से संबंधित प्रश्नों को इसमें शामिल न किया जाए बल्कि बेसिक प्रश्नों को भी तैयारी का हिस्सा बनाया जाए। ऐसा करने का मूल उद्देश्य आपकी तैयारी को मज़बूत आधार देते हुए परीक्षा के बदलते हुए प्रारूप के अनुरूप आचरण करना है।
- करेंट अफेयर्स के प्रश्नों के लिये हमने अपनी विशेषज्ञों की टीम के साथ गहन विचार-विमर्श किया और प्रश्नों का एक ऐसा पूल तैयार किया जिनके UPSC द्वारा पूछे जाने की प्रबल संभावना है।
- हमारा विश्वास है कि टॉपिक्स और प्रश्न चुनने का हमारा तरीका देश में कंटेंट सलेक्शन के बेहतरीन तरीकों में से एक है। हमें इस बात पर भी पूरा भरोसा है कि प्रोगाम के तहत दिया जाने वाला हर प्रश्न UPSC के लिये प्रासंगिक ही होगा।
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महत्त्वपूर्ण स्टडी मैटिरियल
- प्रीलिम्स की तैयारी के लिये NCERT पुस्तकें फाउंडेशन का कार्य करती हैं। ये पुस्तकें बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं और यदि आप चाहें तो इन्हें हमारी वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
- हमारे 60 Steps To Prelims प्रोग्राम के दौरान किसी कठिन प्रश्न को हल न कर पाने की स्थिति में NCERT पुस्तकें आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये।
- भूगोल से संबंधित प्रश्नों में आवश्यकता पड़ने पर आपको एटलस का उपयोग करना चाहिये। इसके लिये आप एक विश्वसनीय एटलस की सहायता ले सकते हैं, जो अपडेटेड हो तो बेहतर होगा।
- हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई मानक पुस्तकों की सूची को काफी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। हम आप पर अनावश्यक रूप से पुस्तकों का बोझ नहीं डालना चाहते हैं इसलिये इस सूची को छोटा रखा गया है।
- सूची में दी गई सभी पुस्तकों को शुरू से अंत तक पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। इन्हें केवल समीक्षा और संदर्भ के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।
- रिकमेंडेड पुस्तकों के अलावा लक्ष्मीकांत की भारतीय राजव्यवस्था और संक्षिप्त आधुनिक भारतीय इतिहास के लिये स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया जा सकता है। इन पुस्तकों का रिवीज़न आपके लिये लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
- जहाँ कहीं भी अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिये हमने आपसे वेबसाइट्स (दृष्टि की वेबसाइट सहित) की सहायता लेने के लिये कहा है, वहाँ यह सुनिश्चित किया गया है कि इनका कंटेंट विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता युक्त हो।
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निरंतर अभ्यास, अनुशासन और ईमानदारी से किया गया प्रयास कभी असफल नहीं होता, इसी उद्देश्य से हम आपकी तैयारी और अंतिम चयन के प्रति काफी गंभीर है। 60 Steps To Prelims प्रोग्राम का हिस्सा बनकर अपने तैयारी का UPSC के दृष्टिकोण से आकलन कीजिये।
आपके उज्ज्वल भविष्य के प्रति समर्पित
दृष्टि टीम
विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया
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साम्य अभिक्रिया, N_(2)(g) + O_ .
साम्य विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया अभिक्रिया, `N_(2)(g) + O_(2)(g) harr 2NO(g) , Delta H = 180 kJ mol^(-1)` के लिए निम्न कौनसा कथन सत्य नहीं है ?
Updated On: 27-06-2022
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उच्च ताप पर NO का निर्माण बढ़ जाता है | नियत दाब पर आयतन में परिवर्तन करने का साम्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है | नियत आयतन पर दाब में परिवर्तन करने का साम्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है | उच्च ताप पर NO का निर्माण कम हो जाता है |
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो सर इस प्रकार से है कि हमें दिया गया है कि सामने अभिक्रिया एंड 2 प्लस फोटो बराबर टू एन ओ में एडल्टरेशन की थैली का परिवर्तन 180 किलो सुरती मूल दिया गया है और इसके लिए निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है यह उचित है विकल्प नंबर 1 है उससे सात परियों का निर्माण बढ़ जाता है विकल्प नंबर 2 में नियत दाम पर आइटम में परिवर्तन करने विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं होता है टिकट नंबर 3 नियत आयतन काफी परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं होता और विकल्प नंबर 4 है उसका पर एन ओ का निर्माण कम हो जाता है इस प्रश्न को हल करने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना है कि इस अभिक्रिया में जो एडल्ट है वह धनात्मक है यहां पर हम को दे रखा है वह हमारा धनात्मक है और धनात्मक का अर्थ होता है कि जो हमारी अभिक्रिया है वह यह हमारी
अभिक्रिया ऊष्माशोषी है और जो अभिक्रियाएं ऊष्माशोषी होती हैं यदि ऊष्माशोषी अभिक्रिया में आप सब को बढ़ा दे यदि आप तो आप को बढ़ा दे तोला शाह के लिए के नियम के अनुसार ना साथी लिए का सिद्धांत कहता है कि यदि आते हैं और अभिक्रिया ऊष्माशोषी है तो वह तो आपको कब करने की कोशिश की जाएगी और आप को कम कोशिश कर कम करने के लिए हमारी अभिक्रिया अगर दिशा में स्थापित तो हमारी अभिक्रिया है अगर दिशा में विस्थापित हो जाती है तो फिर से धनात्मक है यानी जो है वह इन lc-lc का परिवर्तन कहलाता है तो इंटेल पी का परिवर्तन यदि धनात्मक है तो उसमें सूची है और उसमें सूची में ताप बढ़ाने पर ला साथी नियम के अनुसार अगर दिशा में सामने विस्थापित हो जाता है विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया और सामग्री दिशा में इसने
विस्थापित हो जाता है क्योंकि ताप बढ़ाने का काम हुआ है तोता पढ़ाने की वजह से जो सामने है तो ताप को कम करने का प्रभाव करेगा क्योंकि ला साथी नहीं कहता है कि यदि काम में कोई परिवर्तन किया जाए तो वह कुछ परिवर्तन को निरस्त करने की कोशिश करता है तो आगे चलते अब हम जरा अपने निकलते हैं सबसे पहला है उसका पर अनु का निर्माण बढ़ जाता है जो कि एकदम सत्य बात है हमसे पूछा कि कौन सा विकल्प सत्य नहीं है तो हमसे गलत पूछा तो पहला विकल्प तो एकदम सत्य है क्योंकि जब काम पड़ेगा तो अगर दिशा में स्थापित हो जाएगी अगर दिशा में स्थापित होगी तो ज्यादा से ज्यादा एवं पड़ेगा तो उचित ऑपरेनो का निर्माण दूसरा है नियत दबाए परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परिवर्तन करने पर प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ेगा यह बात एकदम सत्य है क्योंकि अगर आप गौर करें तो यहां पर उत्पात से बोलो की संख्या और अभी कारकों के बोलो की कुल वोटों की संख्या बराबर है इस
तरफ उत्पाद के कुल मूल्य दो जबकि अभिकारक के लिए कोई मोल है 200 दिन अभी क्रियाओं में जिन अभिक्रिया में जिन सामने वाली अभिक्रिया में अभिकारक के कुल वोटों की संख्या अधिकार के कुल वोटों की संख्या बराबर होती है उत्पाद के कुल वोटों की संख्या तो अभी क्रियाओं में दादा परिवर्तन करने पर या आयतन पर परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है सामने किसी भी दिशा में विस्थापित नहीं होता और सामने पर किसी भी विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है यह बात हमको यहां पर ध्यान में रखनी होगी तो इसका सिद्धावतम परिवर्तित करने पर सांसद कोई कहानी पड़ेगा बिल्कुल सही बात है नियत में परिवर्तन करने का कोई पड़ेगा यह बात सत्य है उसका पर अनु का निर्माण कम हो जाता है अनु का निर्माण तो तब काम होगा तभी किया पश्चिम दिशा में स्थापित होगी जो कि
एकदम गलत है क्योंकि अभिक्रिया दिशा में स्थापित होती है उसमें सोफिया भी किया है तो इसका मतलब हमारा अंतिम विकल्प जो है वह गलत है इसका मतलब इस प्रश्न के अनुसार हमारा जो सही उत्तर निकल कर के आ रहा है वह है विकल्प नंबर 4 सीरियल नंबर 4 नंबर सही विकल्प है और आशा करते आपको समझ में आ गया होगा धन्यवाद
सिर्फ इस वजह से नियमित अपील दाखिल करने के अधिकार पर पाबंदी नहीं लग सकती क्योंकि एकतरफा आदेश को निरस्त करने की अर्जी खारिज कर दी गई है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादी को सीपीसी की धारा 96(2) के तहत उसके अपील के वैधानिक अधिकार से इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे पहले सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत उसकी एक अपील ठुकराई जा चुकी है।
न्यायमूर्ति आर.बनुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि आदेश IX नियम 13 सीपीसी के तहत आवेदन धारा 96 (2) सीपीसी के तहत अपील खारिज करने के बाद दायर नहीं किया जा सकता है।
एन मोहन बनाम आर मधु के मामले में खंडपीठ इस विवाद पर विचार कर रही थी कि इस विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया तथ्य के बावजूद कि आदेश IX नियम 13 सीपीसी के तहत एक आवेदन खारिज कर दिया गया था, धारा 96 (2) सीपीसी के तहत पहली अपील एक वैधानिक अधिकार के रूप में उपलब्ध है।
" इस प्रश्न पर गौर किया जाना है कि दोनों ही विकल्प को एक ही साथ लागू किया जा सकता है या एक के बाद एक। अनैतिक मुकदमादार पहले सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत आवेदन दायर करेगा और मामले को शीर्ष स्तर तक ले जाएगा। इसके बाद वह सीपीसी की धारा 96(2) के तहत अपील दायर कर सकता है और इस तरह एकतरफा आदेश को चुनौती दे सकता है। उस स्थिति में वादी का काफी समय जाया हो जाएगा।
जिस प्रश्न पर गौर किया जाना है वह यह है कि एक के बाद एक के बदले इसके प्रतिकारस्वरूप क्या एक ही साथ आवेदन दिया जा सकता है या नहीं। इस मामले में दूसरा मुद्दा है कि एकतरफा कार्रवाई को निरस्त करने के लिए कार्यवाही पर जो समय खर्च हुआ क्या उसको परिसीमन अधिनियम 1908 की धारा 5 के तहत 'पर्याप्त कारण' माना जा सकता है कि नहीं।"
पीठ ने कहा कि यह प्रश्न कि प्रतिवादी ने समय व्यर्थ गंवाने का रास्ता अपनाया है या फिर संहिता की धारा 962 के तहत इस मामले को नहीं सुना जा सकता है, इन बातों पर हर मामले के तथ्यों की परिस्थितियों के अनुरूप गौर किया जाना चाहिए।
" अगर अदालत इस बात से संतुष्ट है कि प्रतिवादी ने समय गंवाने की रणनीति अपनाई है या जहां इसके कानूनी रूप से उपयुक्त नहीं होने की बात है, तो अदालत सीपीसी की धारा 96(2) के अधीन अपील दायर करने में हुई देरी को माफ़ करने से मना कर सकता है, लेकिन जहां प्रतिवादी सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत मामले को आगे बढ़ा रहा है तो उस स्थिति में ऐसा करना उसे अपील करने के अधिकार से वंचित करना होगा।
अदालत ने आगे कहा कि जब प्रतिवादी ने किसी एकतरफा आदेश के खिलाफ सीपीसी की धारा 96(2) के अधीन अपील दायर की और अगर वह अपील ख़ारिज कर दी गई तो उसके बाद प्रतिवादी सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत अपील दायर नहीं कर सकता।"
अदालत ने कहा ,
" ऐसा इसलिए क्योंकि सीपीसी की धारा 96(2) के अधीन दायर अपील के खारिज होने के बाद मामले में दिया गया मूल आदेश अपीली अदालत के आदेश के साथ जुड़ जाता है, इसलिए सीपीसी की धारा 96(2) के अधीन अपील के खारिज हो जाने के बाद अपीलकर्ता सीपीसी के आदेश IX नियम 13 के तहत राहत की मांग नहीं कर सकता।"
अदालत ने इस बारे में भानु कुमार जैन बनाम अर्चना कुमार (2005) 1SCC 787 और नीरजा रीयाल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम जंगलु (मृत) मामले में आये फैसले का भी हवाला दिया।
विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया
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साम्य अभिक्रिया, N_(2)(g) + O_ .
साम्य अभिक्रिया, `N_(2)(g) + O_(2)(g) harr 2NO(g) , Delta H = 180 kJ mol^(-1)` के लिए निम्न कौनसा कथन सत्य नहीं है ?
Updated On: 27-06-2022
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उच्च ताप पर NO का निर्माण बढ़ जाता है | नियत दाब पर आयतन में परिवर्तन करने का साम्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है | नियत आयतन पर दाब में परिवर्तन करने का साम्य पर कोई प्रभाव नहीं होता है | उच्च ताप पर NO का निर्माण कम हो जाता है |
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो सर इस प्रकार से है कि हमें दिया गया है कि सामने अभिक्रिया एंड 2 प्लस फोटो बराबर टू एन ओ में एडल्टरेशन की थैली का विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया परिवर्तन 180 किलो सुरती मूल दिया गया है और इसके लिए निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है यह उचित है विकल्प नंबर 1 है उससे सात परियों का निर्माण बढ़ जाता है विकल्प नंबर 2 में नियत दाम पर आइटम में परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं होता है टिकट नंबर 3 नियत आयतन काफी परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं होता और विकल्प नंबर 4 है उसका पर एन ओ का निर्माण कम हो जाता है इस प्रश्न को हल करने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना है कि इस अभिक्रिया में जो एडल्ट है वह धनात्मक है यहां पर हम को दे रखा है वह हमारा धनात्मक है और धनात्मक का अर्थ होता है कि जो हमारी अभिक्रिया है वह यह हमारी
अभिक्रिया ऊष्माशोषी है और जो अभिक्रियाएं ऊष्माशोषी होती हैं यदि ऊष्माशोषी अभिक्रिया में आप सब को बढ़ा दे यदि आप तो आप को बढ़ा दे तोला शाह के लिए के नियम के अनुसार ना साथी लिए का सिद्धांत कहता है कि यदि आते हैं और अभिक्रिया ऊष्माशोषी है तो वह तो आपको कब करने की कोशिश की जाएगी और आप को कम कोशिश कर कम करने के लिए हमारी अभिक्रिया अगर दिशा में स्थापित तो हमारी अभिक्रिया है अगर दिशा में विस्थापित हो जाती है तो फिर से धनात्मक है यानी जो है वह इन lc-lc का परिवर्तन कहलाता है तो इंटेल पी का परिवर्तन यदि धनात्मक है तो उसमें सूची है और उसमें सूची में ताप बढ़ाने पर ला साथी नियम के अनुसार अगर दिशा में सामने विस्थापित हो जाता है और सामग्री दिशा में इसने
विस्थापित हो जाता है क्योंकि ताप बढ़ाने का काम हुआ है तोता पढ़ाने की वजह से जो सामने है तो ताप को कम करने का प्रभाव करेगा क्योंकि ला साथी नहीं कहता है कि यदि काम में कोई परिवर्तन किया जाए तो वह कुछ परिवर्तन को निरस्त करने की कोशिश करता है तो आगे चलते अब हम जरा अपने निकलते हैं सबसे पहला है उसका पर अनु का निर्माण बढ़ जाता है जो कि एकदम सत्य बात है हमसे पूछा कि कौन सा विकल्प सत्य नहीं है तो हमसे गलत पूछा तो पहला विकल्प तो एकदम सत्य है क्योंकि जब काम पड़ेगा तो अगर दिशा में स्थापित हो जाएगी अगर दिशा में स्थापित होगी तो ज्यादा से ज्यादा एवं पड़ेगा तो उचित ऑपरेनो का निर्माण दूसरा है नियत दबाए परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परिवर्तन करने पर प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ेगा यह बात एकदम सत्य है क्योंकि अगर आप गौर करें तो यहां पर उत्पात से बोलो की संख्या और अभी कारकों के विकल्प मूल बातें पर फिर से गौर किया बोलो की कुल वोटों की संख्या बराबर है इस
तरफ उत्पाद के कुल मूल्य दो जबकि अभिकारक के लिए कोई मोल है 200 दिन अभी क्रियाओं में जिन अभिक्रिया में जिन सामने वाली अभिक्रिया में अभिकारक के कुल वोटों की संख्या अधिकार के कुल वोटों की संख्या बराबर होती है उत्पाद के कुल वोटों की संख्या तो अभी क्रियाओं में दादा परिवर्तन करने पर या आयतन पर परिवर्तन करने पर सामने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है सामने किसी भी दिशा में विस्थापित नहीं होता और सामने पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है यह बात हमको यहां पर ध्यान में रखनी होगी तो इसका सिद्धावतम परिवर्तित करने पर सांसद कोई कहानी पड़ेगा बिल्कुल सही बात है नियत में परिवर्तन करने का कोई पड़ेगा यह बात सत्य है उसका पर अनु का निर्माण कम हो जाता है अनु का निर्माण तो तब काम होगा तभी किया पश्चिम दिशा में स्थापित होगी जो कि
एकदम गलत है क्योंकि अभिक्रिया दिशा में स्थापित होती है उसमें सोफिया भी किया है तो इसका मतलब हमारा अंतिम विकल्प जो है वह गलत है इसका मतलब इस प्रश्न के अनुसार हमारा जो सही उत्तर निकल कर के आ रहा है वह है विकल्प नंबर 4 सीरियल नंबर 4 नंबर सही विकल्प है और आशा करते आपको समझ में आ गया होगा धन्यवाद