सोने में निवेश कैसे करें?

स्वर्ण निवेश: एक सिंहावलोकन
सोनानिवेश या सोना धारण करना कुछ ऐसा है जो सदियों से किया जाता रहा है। पुराने समय में, दुनिया भर में मुद्रा के लिए सोने का इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा, सोने का निवेश एक ठोस दीर्घकालिक निवेश और किसी के पोर्टफोलियो के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त साबित हुआ है, विशेष रूप से एक भालू मेंमंडी. सदियों से, पारंपरिक तरीका गहने या सिक्कों के रूप में भौतिक सोना खरीदना था। लेकिन समय के साथ, सोने का निवेश कई अन्य रूपों में विकसित हुआ है जैसे कि सोनाम्यूचुअल फंड्स और गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड म्यूचुअल फंड नहीं करते हैंसोना खरीदें सीधे लेकिन सोने के खनन और उत्पादन में लगी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) एक ऐसा उपकरण है जो सोने की कीमत पर आधारित होता है या सोने में निवेश करता हैबुलियन. इसका प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार होता है और गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं।
सोने में निवेश: जानिए कब करें निवेश
सोने में निवेश के लिए सबसे अच्छे हेजेज में से एक माना जाता हैमुद्रास्फीति (संपत्ति भी)। इसलिए जब मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद है, तो ब्याज दरों में वृद्धि देखने को मिलेगीअर्थव्यवस्था और यह सोने में निवेश करने का एक अच्छा समय होगा, चाहे भौतिक सोना हो यागोल्ड ईटीएफ. सोने की कीमतों को ट्रॉय औंस (~ 31.103 ग्राम) में मापा जाता है और यह कीमत अमेरिकी डॉलर में दी जाती है।
सोने की भारतीय कीमत प्राप्त करने के लिए, प्रचलित विनिमय दर (यूएसडी-आईएनआर) का उपयोग करने और भारतीय रुपये में कीमत प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए भारत में सोने की कीमत 2 कारकों का एक कार्य है, यानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत और वर्तमान यूएसडी-आईएनआर विनिमय दर। इसलिए जब उम्मीद की जाती है कि अमेरिकी डॉलर रुपये के मुकाबले लाभ उठाएगा तो सोने की कीमत बढ़ जाएगी (मुद्रा के कारण)। इस प्रकार, निवेशक ऐसे बाजार परिदृश्यों के तहत सोने में निवेश करने की योजना बना सकते हैं।
सोना कैसे खरीदें?
निवेशक सोने की छड़ों या सिक्कों के माध्यम से भौतिक सोना खरीद सकते हैं; वे भौतिक सोने (जैसे गोल्ड ईटीएफ) द्वारा समर्थित उत्पादों को खरीद सकते हैं, जो सोने की कीमत के सीधे संपर्क की पेशकश करते हैं। वे सोने से जुड़े अन्य उत्पाद भी खरीद सकते हैं, जिनमें सोने का स्वामित्व शामिल नहीं हो सकता है, लेकिन वे सीधे सोने की कीमत से संबंधित हैं।
साथ ही गोल्ड ईटीएफ के आने से निवेशकों के लिए सोना खरीदना और भी आसान हो गया है। निवेशक गोल्ड ईटीएफ ऑनलाइन खरीद सकते हैं और यूनिट्स को अपने में रख सकते हैंडीमैट खाता. एकइन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने के बदले इकाइयाँ हैं, जो डीमैट रूप या कागज़ के रूप में हो सकते हैं।
सोने से संबंधित विभिन्न निवेश उत्पादों में अलग-अलग जोखिम मीट्रिक, रिटर्न प्रोफाइल औरलिक्विडिटी. इस प्रकार, सोने से संबंधित विकल्पों में निवेश करने से पहले, प्रत्येक निवेश साधन के साथ आने वाले जोखिमों और रिटर्न के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
स्वर्ण निवेश के लाभ
कुछ महत्वपूर्णनिवेश के लाभ एक सोने में हैं:
लिक्विडिटी
स्वर्ण निवेश निवेशकों को आपात स्थिति में या जब उन्हें नकदी की आवश्यकता होती है, इसे व्यापार करने का अवसर प्रदान करता है। चूंकि यह प्रकृति में काफी तरल है, इसलिए यह सुनिश्चित करता है कि इसे बेचना आसान हो। विभिन्न उपकरण तरलता के विभिन्न स्तरों की पेशकश करते हैं, गोल्ड ईटीएफ सभी विकल्पों में सबसे अधिक तरल हो सकता है।
मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव
सोना महंगाई के खिलाफ बचाव का काम करता है। महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत बढ़ती है। मुद्रास्फीति के समय में, सोना नकदी की तुलना में अधिक स्थिर निवेश है।
विविधीकरण प्रदान करता है
सोने का निवेश बाजार की अस्थिरता के खिलाफ सुरक्षा जाल के रूप में कार्य कर सकता है। एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने के निवेश या सोने का इक्विटी या शेयर बाजारों के साथ कम संबंध है। इसलिए जब इक्विटी बाजार में गिरावट होती है, तो आपका सोने का निवेश बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
मूल्यवान संपत्ति
सोना कई वर्षों से समय के साथ अपने मूल्य को बनाए रखने में कामयाब रहा है। इसे बहुत स्थिर रिटर्न के साथ एक स्थिर निवेश के रूप में जाना जाता है। सोने में निवेश करके लंबी अवधि में बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती है लेकिन मध्यम रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है। कुछ छोटी अवधि में उत्कृष्ट रिटर्न भी प्राप्त किया जा सकता है।
Gold Investment Plan: सोने में निवेश के 3 बढ़िया ऑप्शन- आने वाले दिनों में मिलेगा तगड़ा रिटर्न, जानें आपको किसमें लगाना चाहिए पैसा?
Gold Investment Plan: सोने को इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे बढ़िया इन्वेस्टमेंट टूल माना जाता है. एक्सपर्ट लॉन्ग टर्म निवेश की सलाह दे रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में सोना अच्छा रिटर्न दे सकता है.
Gold Investment Plan: गोल्ड हमेशा से ही भारतीय निवेशकों की पहली पसंद रहा है. दूसरे इन्वेस्टमेंट टूल के मुकाबले सोने को हमेशा से बेहतर एसेट माना जाता रहा है. पिछले कुछ साल में सोना (Gold) दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश के तौर पर सामने आया है. लेकिन, मामला ये भी है कि गोल्ड में किस तरह निवेश करें. सोने में निवेश के भी कई ऑप्शन मौजूद हैं. ऐसे में कौन सा ऑप्शन अपनाना चाहिए यह जानना जरूरी है.
क्यों करना चाहिए सोने में निवेश?
गोल्ड (Gold) पर मिलने वाला रिटर्न हमेशा से महंगाई को हराने में कामयाब रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर फ्यूचर में कभी इमरजेंसी आती है और पैसों की जरूरत पड़ती है तो सोने में निवेश कैसे करें? इस मामले में आप सोने के निवेश पर भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप जल्दी से बाजार में बेच सकते हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले कुछ साल में सोना 55 हजार से 60 हजार की रेंज में पहुंच सकता है. अगर निवेश की सोच रहे हैं तो खरीदारी के लिए 47,000-48,000 का स्तर अच्छा है. ऐसे में सोने में निवेश आपको फायदा पहुंचा सकता है. सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 3 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं-
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1. फिजिकल गोल्ड खरीदना (Physical Gold)
ग्राहक किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाकर फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. सोने की शुद्धता के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग के नियमों को तय कर दिया है. देश के ज्यादातर लोग फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं. अगर फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आने वाले वक्त में इसमें बढ़िया रिटर्न की संभावना रहती है. हालांकि, फिजिकल गोल्ड को रखने की भी एक लिमिट होती है.
2. Gold ETF में निवेश
सोने में निवेश का दूसरा बढ़िया ऑप्शन गोल्ड ETF है. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक ऐसा निवेश है, जिसका इस्तेमाल छोटी और लंबी अवधि के लिए किया जा सकता है. ईटीएफ जो सोने में निवेश करते हैं उनमें जोखिम नहीं होता और न ही स्टोरेज की आवश्यकता होती है. फिजिकल गोल्ड की तुलना में भी यह काफी सुरक्षित निवेश की कैटेगरी में आता है.
3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सरकार जारी करती है. इसलिए इसमें सुरक्षा की गारंटी होती है. Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा ये है कि शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसदी की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है. ये ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों को मैच्योरिटी के वक्त सोने की उस दिन की कीमत सोने में निवेश कैसे करें? और पीरियोडिक ब्याज मिलता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है और ये एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल सोने में निवेश कैसे करें? होते हैं.
सोने में निवेश के दूसरे विकल्प
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)- यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सोने में निवेश का एक तरीका है. इसे फिजिकल गोल्ड के तौर पर भुनाया जा सकता है या वेंडर को दोबारा बेचा भी जा सकता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)- यह सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यहां ग्राहक को ज्यादा रिटर्न मिलता है. गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश प्रोडक्ट है जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में निवेश करते हैं और उनका नेट एसेट वैल्यू (NAV) ETFs के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है.
सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के सोने में निवेश कैसे करें? समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।
डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।
वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।
Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।
बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।
ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।
आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-
पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।
गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।
डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।
सोने में निवेश के इन 3 तरीकों के बारे में जान लें, होगा फायदा
ज्वैलर्स, बैंक, ऑनलाइन स्टोर, एनबीएफसी इत्यादि से सोने के सिक्के या बिस्कुट खरीदकर आप फिजिकल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करती है. जब कभी इसके इश्यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्सक्राइब कर सकते हैं. निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं. अलॉटमेंट पर उन्हें गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्य प्राप्त होता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्याज का भुगतान किया जाता है. जब एसजीबी का इश्यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्ट ऑफिस, अधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्लाई कर सकते हैं.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश किया जा सकता है. गोल्ड ईटीएफ की यूनिटें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं. आप वहां से इन यूनिटों को खरीद सकते हैं. इनका मूल्य सोने की कीमतों की तर्ज पर होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
किन बातों का रखें ध्यान?
-फिजिकल गोल्ड कॉइन खरीदने के साथ मेकिंग चार्ज लगता है.
-अनुभवी निवेशक गोल्ड फ्यूचर और ऑप्शंस का इस्तेमाल करके कमोडिटी एक्सचेंज के जरिये सोने में निवेश कर सकते हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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